कलिखो पुलः एक अविश्वसनीय सफर का दुखद अंत!
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल अपने घर में मृत पाए गए हैं, उनका शव पंखे से लटकता मिला. आशंका जताई जा रही है कि कलिखो ने आत्महत्या की है. एक युवा नेता की अविश्वसनीय जीवन यात्रा का दुखद अंत.
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अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल अपने घर में मृत पाए गए हैं. कलिखो का शव पंखे से लटकता मिला. कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि कलिखो ने खुदकुशी की है. लेकिन अभी तक कलिखो के मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है. बीजेपी के समर्थन से इस साल फरवरी में अरुणाचल प्रदेश के सीएम बनने वाले कलिखो को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जुलाई में अपना पद छोड़ना पड़ा था.
दिसंबर 2015 तक कलिखो कांग्रेस के साथ थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने सीएम नबाम तुकी की कार्यशैली से नाराज होकर कांग्रेस से बगावत कर दी थी. कलिखो को कांग्रेस के 19 अन्य बागी विधायकों का भी समर्थन हासिल था. फरवरी में कांग्रेस के बागी विधायकों और बीजेपी के समर्थन से कलिखो अरुणाचल प्रदेश के सीएम बने थे. लेकिन जुलाई में अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले को गलत करार देते हुए दोबारा कांग्रेस की सरकार गठित किए जाने का आदेश दिया था.
बीजेपी और कलिखो को भरोसा था कि कांग्रेस विश्वास मत हासिल नहीं कर पाएगी. लेकिन हुआ इसके उलट, कांग्रेस ने नबाम तुकी को हटाकर पेमा खांडू को सीएम पद के लिए चुन लिया, जिससे नाराज कांग्रेसी विधायक भी खांडू के समर्थन में आ खड़े हुए. इससे बीजेपी और कालिखो को करार झटका लगा. हालांकि अभी खांडू की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
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अविश्वसनीय सफर का दुखद अंत!
महज 47 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले कलिखो के जीवन का सफर अविश्वसनीय रहा. एक बढ़ई और फिर चौकीदार बनने से लेकर अरुणाचल प्रदेश का सीएम बनने जैसा असंभव लगने वाला काम कलिखो ने बहुत ही कम उम्र में कर दिखाया. जीवन का सफर कालिखो के लिए शुरू से ही मुश्किलों भरा रहा. जब वह 13 महीने के थे तो उनकी मां गुजर गईं और पांच साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया.
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम कलिखो पुल अपने घर में मृत पाए गए |
इसके बाद जीवनयापन के लिए वह जंगल से लकड़ियां काटकर लाते थे, जिससे उन्हें वाली उनके आंटी का परिवार चलता था. इसकी वजह से वह स्कूल नहीं जा पाए. लेकिन हवाई क्राफ्ट्स सेंटर से कारपेंटरी का कोर्स करने के बाद वहीं उन्हें ट्यूटर की नौकरी मिल गई. यही उनके जीवन का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ. उस सेंटर में सेना और सरकारी अधिकारी आते रहते थे. उन अधिकारियों की मदद से कलिखो को एडल्ट एजूकेशन सेंटर में नाइट क्लासेज करने के लिए एडमिशन मिल गया.
एक बार उस सेंटर में अरुणाचाल के शिक्षा मंत्री खपरीसो खॉंग आए और उनके स्वागत में हिंदी में भाषण देकर और देशभक्ति गीत गाकर कलिखो ने उनका दिल जीत लिया. उन्होंने तुरंत ही कलिखो का एडमिशन डे स्कूल में कराने का आदेश दिया. वहां कक्षा 6 में उन्हें प्रवेश मिला और वहीं चौकीदार की नौकरी भी मिल गई, जहां उनका काम तिरंगे को फहराने और उतारने का होता था.
इसके बाद कलिखो ने अपनी पढ़ाई पूरी की और इकोनॉमिक्स में ग्रैजुएट बने. कलिखो ने पान की दुकान चलाई और छोटे स्तर पर ठेकेदारी का भी काम किया. फिर उन्होंने अपना हाथ बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में आजमाया और चार ट्रकें खरीदीं. राजनीति में आने से पहले उन्होंने जीवन में काफी संघर्ष के दिन देखे. अपने 22-23 साल के राजनीतिक करियर में वह कई बार मंत्री रहे. उन्हें अरुणाचल प्रदेश के सबसे बेहतरीन युवा नेताओं में से एक माना जाता था.
फरवरी 2016 में कांग्रेस से बगावत करने के बाद वह बीजेपी की मदद से अरुणाचल प्रदेश के सीएम बने. लेकिन ये पर उनके पास सिर्फ 5 महीने ही रहा और जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा. अपने उतार-चढ़ाव से भरे जीवन से वह इतने दुखी थे कि न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'वह ईश्वर को नहीं मानते हैं क्योंकि अगर वह होते तो उन्हें इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती.'
सोशल मीडिया पर कलिखो के लिए उमड़ी संवेदनाः
47 वर्षीय कलिखो जैसे युवा नेता की मौत की खबर आते ही देश में हलचल मच गई. लोग इस युवा नेता की असमय निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने लगे. सोशल मीडिया पर भी संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया. लोगों ने इस युवा नेता की मौत पर दुख जताते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की और उनके हत्या किए जाने तक की आशंका जताई. तो वहीं कुछ लोगों ने विश्वासमत में कांग्रेस की जीत के दौरान उनके अपनों द्वारा किए गए विश्वासघात को उनकी खुदकुशी की वजह करार दिया. आइए जानें सोशल मीडिया पर लोगों ने कालिखो की मौत पर क्या-क्या है.
Deepest condolences. RIP #KalikhoPul
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) August 9, 2016
Saddened to hear about #KalikhoPul death. Om shanti.Don't know if it was suicide or betrayal by own people that killed him?
— Vinay Kumar Hanspal (@VinayHanspal) August 9, 2016
Sincere condolences to the family of former CM Kalikho Pul .#RIP #KalikhoPul .
— Delhi Congress (@WithCongDelhi) August 9, 2016
A young and vibrant leader committed suicide! Must be a conspiracy. #KalikhoPul was becoming immensely popular in Arunachal Pradesh
— Surya Narayan Sahu (@suryasahu) August 9, 2016
CBI Inquiry must be called to prove cause of Death .. It may be murder as recently pull down from CM post by @INCIndia @HMOIndia #KalikhoPul
— H I N D U S T A N I* (@Gravim71) August 9, 2016
Last call on his cell was frm Congress MPMystry death like Rajesh pilot, sanjay Gandhi,Madhav Rai scindia, Rajshekar reddy list #KalikhoPul
— Manoj (@Manoj4ever) August 9, 2016
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