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Updated: 24 सितम्बर, 2018 05:46 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जब से यूपी में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है, तब से लड़कियों से होने वाली छेड़छाड़ के खिलाफ एक अभियान चलाया गया है. एंटी रोमियो नाम का अभियान. योगी आदित्यनाथ की सरकार यूपी में आते ही खुलेआम लड़कियों के छेड़ने वाले मनचलों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया. इसके गठन के बाद कई जगहों से ऐसी तस्वीरें भी आईं, जिससे एंटी रोमियो स्क्वॉड की आलोचना भी हुई, लेकिन महज 9 महीने के बाद ही सरकार ने जो आंकड़े जनता के सामने पेश किए, उसने दिखाया कि एंटी रोमियो एक सफल अभियान रहा है. बहुत से मनचलों को पुलिस ने सबक सिखाया, उनके खिलाफ केस दर्ज किया और सख्त कार्रवाई की. लेकिन जिस योगी आदित्यनाथ के एंटी रोमियो अभियान ने यूपी में कई जगह झंडे गाड़े, वो खुद योगी के गढ़ में फेल होता सा नजर आ रहा है. गोरखपुर में मनचले खुलेआम लड़कियों को छेड़ रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ, एंटी रोमियो स्क्वॉड, गोरखपुरयोगी आदित्यनाथ की सरकार यूपी में आते ही खुलेआम लड़कियों के छेड़ने वाले मनचलों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया था.

ये हो गए हैं गोरखपुर में हालात

गोरखपुर में इन दिनों मनचले खुलेआम अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही है. गोरखपुर के तीलौरा स्थित इंटर कॉलेज में बदमाशों की छेड़खानी से सभी बहुत परेशान हैं. आलम ये है कि कॉलेज पर ताला लटका दिया गया है. गेट पर एक पोस्टर भी टांग दिया गया, जिस पर लिखा था कि शोहदों और गुंडों की वजह से यह स्कूल बंद है. इसके बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर पाई, बल्कि मनचलों ने स्कूल के शिक्षकों को भी जान से मारने की धमकी दे डाली. अब मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा तो दिलाया है, लेकिन मनचलों से पुलिस निपट सकेगी या नहीं इसका पता नहीं.

हर दिन 6 मनचलों के खिलाफ केस हुए दर्ज

योगी सरकार के अनुसार 9 महीने (22 मार्च से 15 दिसंबर) की अवधि में 3003 मनचलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. एंटी रोमियो स्क्वॉड ने हर दिन 6 मनचलों के खिलाफ केस दर्ज किए. इस दौरान कुल 1706 एफआईआर दर्ज होने की बात कही गई और करीब 9.33 लाख मनचलों को चेतावनी दी गई. इस अभियान में कुल 21 लाख लोगों की जांच की गई थी.

योगी आदित्यनाथ, एंटी रोमियो स्क्वॉड, गोरखपुरयोगी सरकार के अनुसार 9 महीने की अवधि में 3003 मनचलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

बस सियासी हथियार था एंटी रोमियो स्कवाड?

2017 विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान ही भाजपा ने महिला सुरक्षा को सबसे अहम मुद्दा बनाया था. सत्ता में आने के बाद अपने इस वादे को भाजपा ने पूरा करने की भरपूर कोशिश भी की. गोरखपुर में अब जो हालात हो गए हैं उसे देखकर तो ऐसा नहीं लगता कि एंटी रोमियो स्क्वॉड को सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू किया गया. यूं लगता है जैसे ये सिर्फ एक सियासी हथियार था. सत्ता में आने के बाद जनता को दिखाने के लिए सख्त कार्रवाई की, लेकिन धीरे-धीरे एंटी रोमियो स्क्वॉड कहीं गुम सा हो गया है. अगर सरकार वाकई महिलाओं की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखती है तो उन्हें इसे दोबारा एक्टिव करना चाहिए और मनचलों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

जब एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया गया था तो ऐसा लगा था कि यूपी से मनचलों की छुट्टी हो जाएगी. शुरुआत में तो एंटी रोमियो काफी एक्टिव दिखी भी, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, एंटी रोमियो का जोश भी ठंडा पड़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले ही यूपी के मुजफ्फरनगर से खबर आई कि मनचले खुलेआम लड़कियों को रोज छेड़ते हैं. यूपी के बागपत जिले में तो बेटियों का स्कूल तक जाना दूभर होने की खबरें सामने आईं. जिस जोश के साथ योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड की शुरुआत की थी, अब न तो सरकार में वो जोश दिख रहा है ना ही एंटी रोमियो स्क्वॉड में. तभी तो, खुद योगी आदित्यनाथ के गढ़ में भी लड़कियों का जीना मुश्किल हो गया है और कॉलेज में ताला लटकाना पड़ गया है.

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