हिंदुओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है!
जिन आठ राज्यों में कांग्रेस ने सम्मानजनक वोट शेयर हासिल किए हैं उनमें एक बात समान है- गैर-हिंदू वोटों का वर्चस्व. इसका दूसरा पहलू ये भी है कि कांग्रेस को हिंदुओं ने बिलकुल किनारे कर दिया है.
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2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिन 421 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें वो 369 पर हार गई. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेस केवल 52 सेटें ही जीत सकी. 196 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही और 173 लोकसभा क्षेत्रों में तीसरे या उससे भी नीचे रही. 17वीं लोकसभा में कांग्रेस के लगभग 60 प्रतिशत सांसद सिर्फ तीन राज्य- केरल, तमिलनाडु और पंजाब से आते हैं, जो संयोग से ऐसे राज्य हैं जहां ये सत्ता में हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ज्यादा सीटें जीत सकते हैं.
वोट प्रतिशत के आधार पर, कांग्रेस ने केवल पुडुचेरी में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर (56.3 प्रतिशत) जीता है. जबकि भाजपा ने 17 राज्यों में यह उपलब्धि हासिल की है.
राहुल गांधी के नेतृत्व में 421 सीटों में से केवल 52 सेटें ही जीत सकी कांग्रेस
वो राज्य जहां कांग्रेस को अच्छे वोट शेयर मिले
कांग्रेस ने सात राज्यों में 40 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए है-
* मेघालय में 48.3 प्रतिशत
* नागालैंड में 48.1 फीसदी (लेकिन लोकसभा सीट नहीं जीत पाए)
* लक्षद्वीप में 46.9 प्रतिशत (जहां यह राकांपा से हार गई)
* अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 46 फीसदी
* गोवा में 42.9 फीसदी
* छत्तीसगढ़ में 40.9 फीसदी
* पंजाब में 40.1 फीसदी
केरल में, जहां कांग्रेस ने 15 लोकसभा सीटें जीतीं, वहां 37.3 प्रतिशत वोट हासिल किए. असम में, कांग्रेस ने लोकसभा की 14 में से तीन सीटें जीतीं और 35.4 प्रतिशत वोट हासिल किए. भाजपा ने 36.1 फीसदी वोट शेयर के साथ 9 सीटें जीतीं.
क्या समान है?
जिन आठ राज्यों में कांग्रेस ने सम्मानजनक वोट शेयर हासिल किया हैं, उनमें एक बात समान है- गैर हिंदू वोटों का वर्चस्व.
मेघालय और नागालैंड में जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले, वहां 90 फीसदी आबादी ईसाई है.
लक्षद्वीप में, मुसलमानों काी आबादी 95 प्रतिशत से ज्यादा है.
गोवा के आंकड़े दिलचस्प हैं. सेंसेक्स 2011 के मुताबिक गोवा में हिंदू आबादी 66 प्रतिशत है और ईसाइयों और मुस्लिम करीब 33.5 प्रतिशत हैं. उत्तरी गोवा, जहां भाजपा जीती वहां 76 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी है और दक्षिण गोवा जहां कांग्रेस जीती है वहां 46 प्रतिशत से ज्यादा गैर-हिंदू आबादी है.
उत्तर भारत में कांग्रेस का अकेले गढ़ पंजाब में, गैर-हिंदुओं की आबादी 61 प्रतिशत से अधिक है, जिसमें सिखों की संख्या लगभग 58 प्रतिशत है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की है जो लोकसभा सीटों का 61.5 प्रतिशत है.
प्रमुख राज्यों में कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ एकमात्र अपवाद है, जिसने पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 में से 2 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 9 संसदीय क्षेत्रों में जीत हासिल की.
अंडमान और निकोबार द्वीप एक और अपवाद है जहां कांग्रेस को अकेली सीट जीतने के लिए 46 फीसदी वोट मिले. लेकिन भाजपा भी पीछे नहीं थी उसे भी 45.3 फीसदी वोट मिले थे. यहां करीब 30 प्रतिशत आबादी गैर-हिंदुओं की है.
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