कितने सही साबित होते हैं Exit Poll, जानिए इनका दिलचस्प इतिहास
काउंटिंग से पहले एग्जिट पोल लोगों में चुनावी नतीजों की उत्सुकता को बढ़ाने का काम करेंगे, लेकिन क्या सच में बिलकुल सटीक नतीजे बताते हैं? आइए जानते हैं पिछले इलेक्शन में एग्जिट पोल्स कितने सही हुए थे...
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चुनाव का मौसम है, हर कोई अपने-अपने आकलन दे रहा है. कोई ओपिनियन पोल, कोई चुनावी सर्वे, कोई पर्सनल ओपिनियन तो कोई कुछ और. लेकिन इन सबसे ऊपर एग्जिट पोल माना जाता है. क्योंकि इसके आने से अंदेशा लग जाता है कि किस पार्टी की हवा तेज है. कौन चुनावों में बाजी मारेगा. अब लोगों की निगाहें गुरुवार को विभिन्न समाचार चैनलों की ओर से पेश किए जाने वाले 5 राज्यों के चुनावी एग्जिट पोल्स पर लगी हैं.
उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव बुधवार को ही खत्म हुए हैं और 11 मार्च को नतीजे आने हैं. काउंटिंग से पहले यह एग्जिट पोल लोगों में चुनावी नतीजों की उत्सुकता को बढ़ाने का काम करेंगे, लेकिन क्या सच में बिलकुल सटीक नतीजे बताते हैं? आइए जानते हैं पिछले इलेक्शन में एग्जिट पोल्स कितने सही हुए थे...
एग्जिट पोल्स का इतिहास देखें तो इनकी भविष्यवाणियां मिलती-जुलती ही साबित हुई हैं. एग्जिट पोल ने सबसे ज्यादा निराश किया तमिलनाडु और बिहार इलेक्शन में...
अक्टूबर-नवंबर 2015 में बिहार विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे. तब ज्यादातर एग्जिट पोल ने जेडीयू-आरजेडी के गठबंधन को एनडीए से कड़ी टक्कर मिलने का अनुमान जताया था. लेकिन, 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन ने बीजेपी को करारी मात दी. एबीपी-नेल्सन सर्वे ने महागठबंधन को 130 और बीजेपी को 108 सीटें मिलने का अनुमान था. न्यूज एक्स के एग्जिट पोल में जेडीयू के गठबंधन को 130-140 सीटें मिलने का अंदाजा लगाया गया था. इन दोनों ही एग्जिट पोल में बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन को 111 से लेकर 90-100 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई थी. मगर नतीजे आए तो 243 सीटों वाली विधानसभा में महागठबंधन को 178 सीटों के साथ भारी बहुमत मिला था.
तमिलनाडु को लेकर तमाम एग्जिट पोल बुरी तरह गलत साबित हुए थे. तमाम एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया था कि सत्ताधारी अन्ना डीएमके हार जाएगी. न्यूज नेशन टीवी के एग्जिट पोल में जयललिता की पार्टी को 95-99 सीटें, एक्सिस-माई इंडिया एग्जिट पोल ने 89-110 सीटें मिलने की बात की थी और डीएमके-कांग्रेस गठजोड़ की सरकार बनने की बात की थी. लेकिन इससे उलट, जनता ने जयललिता को फिर सीएम बनाया और एआईएडीएमके 136 सीटें जीतकर सत्ता में वापस आ गई थी.
पिछले साल अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए थे. दिखाए गए एग्जिट पोल्स काफी हद तक सटीक साबित हुए थे. देखें, किस चुनाव में कितने सही साबित हुए एग्जिट पोल्स के अनुमान...
पश्चिम बंगाल चुनाव में एग्जिट पोल सही
पश्चिम बंगाल में इंडिया टुडे के एग्जिट पोल ने ममता बनर्जी को 243 सीटों के साथ भारी जीत का अनुमान जताया था. वहां बहुमत के लिए 148 सीटें ही चाहिए थीं. वहीं चाणक्य ने ममता बनर्जी को 210 सीटें मिलने का अनुमान जताया था. तो, सी-वोटर के एग्जिट पोल में तृणमूल कांग्रेस को 167 सीटें मिलने की बात कही गई थी. आखिर में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटें मिली. यानी पार्टी की शानदार जीत हुई थी.
केरल चुनाव में भी लगा सही अंदाजा
एग्जिट पोल से केरल के नतीजों का भी सही अंदाजा लगा था. जिसमें वामपंथी मोर्चे की जीत की भविष्यवाणी की गई थी. सी-वोटर ने अपने एग्जिट पोल में कहा था कि एलडीएफ को 78 सीटें मिलेंगी. वहीं इंडिया टुडे ने एग्जिट पोल के जरिए बताया था कि एलडीएफ को 94 सीटें मिलेंगी. एग्जिट पोल ने पुडुचेरी में कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन के जीतने की उम्मीद भी जताई थी.
असम चुनाव में सही हुआ बीजेपी की बंपर जीत का अनुमान
असम विधानसभा चुनावों में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने बीजेपी की बंपर जीत का अनुमान लगाया था, जो सही साबित हुआ. एबीपी ने बीजेपी को 81 सीटें और चाणक्य ने 90 सीटें मिलने का अनुमान जताया था. नतीजे इन अनुमानों के करीब ही रहे और बीजेपी को 86 सीटों पर जीत मिली और उसे बहुमत से सरकार बनाई.
पुडुचेरी: कांग्रेस-डीएमके पर लगाया सभी ने दांव
ज्यादातर एग्जिट पोल्स के लिए यहां अनुमान लगाना आसान साबित हुआ. सभी ने एक स्वर में कांग्रेस-डीएमके की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई. कहीं एग्जिट पोल्स सही हुए तो कहीं गलत... अब देखना है यूपी चुनाव में एग्जिट पोल कितना खरे उतर पाता है.
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