अमेरिकी नरसंहार पर कैसे राजनीति कर रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के ओरलैंडो स्थित एक गे क्लब में उमर मतीन नामक एक व्यक्ति द्वारा की गोलीबार करके 50 लोगों की जान लेने की घटना कैसे बन गई डोनाल्ड ट्रंप के लिए मौका, जानिए?
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नेता किसी भी घटना का राजनीतिक फायदा लेने से नहीं चूकते, फिर चाहे वह भारत हो या अमेरिका. अब ऐसा ही कुछ कर रहे हैं रिपबल्किन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप. अमेरिका के फ्लोरिडा के ओरलैंडो स्थित एक गे नाइट क्लब में एक अमेरिकी मुस्लिम द्वारा की गई भारी गोलीबारी में 50 लोगों की मौत हो गई और 53 लोग घायल हो गए. मास शूटिंग की ये घटना अमेरिकी इतिहास की सबसे घातक घटना है.
अमेरिका में हुआ नरसंहार, ट्रंप को मिल गया मौका?
अमेरिका के ओरलैंडो स्थित एक गे नाइट क्लब में शनिवार देर रात हथियारों से लैस एक व्यक्ति ने अंधाधुंध फायरिंग करके 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस व्यक्ति ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया था. लेकिन करीब तीन घंटों की जद्दोजेहद के बाद पुलिस ने न सिर्फ बंधकों को रिहा कराया बल्कि इस हमलावर को मार भी गिराया. लेकिन इस घटना में 53 लोगों के घायल होने की भी खबर है.
इस नरसंहार की घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति का नाम था उमर मतीन. वह अफगानी मूल का अमेरिकी था. उमर के माता-पिता अफगानी थे लेकिन उसका जन्म अमेरिका में हुआ था. अमेरिका में इतने घातक नरसंहार की घटना से किसी मुस्लिम का नाम जुड़ते ही इस्लाम विरोधी बयानों के लिए चर्चित डोनाल्ड ट्रंप को मौका मिल गया. ट्रंप ने इस मौके का इस्तेमाल न सिर्फ मुस्लिमों के अमेरिका में प्रवेश पर बैन की अपनी पुरानी मांग को जायज ठहराया बल्कि ओबामा से लेकर हिलेरी क्लिंटन तक पर निशाना साध दिया.
What has happened in Orlando is just the beginning. Our leadership is weak and ineffective. I called it and asked for the ban. Must be tough
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 12, 2016
Reporting that Orlando killer shouted "Allah hu Akbar!" as he slaughtered clubgoers. 2nd man arrested in LA with rifles near Gay parade.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 12, 2016
डोनाल्ड ट्रंप ने ओरलैंडों के एक क्लब में हुई गोलाबारी की इस घटना के कुछ ही घंटे बाद इसके बारे में कई ट्वीट किए और ओबामा और हिलेरी पर कट्टरपंथी इस्लाम के बारे में कुछ न बोलने के लिए निशाना साधा. ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया कि अगर ओबामा कट्टरपंथी इस्लाम के बारे में कुछ नहीं कह सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
Is President Obama going to finally mention the words radical Islamic terrorism? If he doesn't he should immediately resign in disgrace!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 12, 2016
साथ ही उन्होंने हिलेरी क्लिंटन की भी इस्लामी कट्टरपंथ के बारे में कुछ न कहने पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें इसके बाद राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर हो जाना चाहिए. इसके साथ ही ट्रंप ने अपने पुराने विवादित बयान का हवाला देते हुए फिर से दोहराया कि अगर वे सत्ता में आए तो मुस्लिमों की अमेरिका में एंट्री पर बैन लगा देंगे.
Appreciate the congrats for being right on radical Islamic terrorism, I don't want congrats, I want toughness & vigilance. We must be smart!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 12, 2016
ट्रंप के लिए ये घटना ऐसे समय में हुई है जब उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अमेरिकी लोगों का समर्थन चाहिए. फ्लोरिडा में हुई गोलीबारी की घटना में एक मुस्लिम के शामिल होने से ट्रंप को इस्लाम के खिलाफ जहर उगलने और लोगों को इस धर्म से डराने का मौका मिल गया है. ट्रंप इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहते और इसका पूरा राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.
अमेरिका के ओरलैंडों स्थित एक गे क्लब में हुई गोलाबारी की घटना के जिम्मेदार व्यक्ति का नाम उमर मतीन है |
ट्रंप की कोशिश है कि इसी बहाने वह इस्लाम के प्रति अमेरिकी लोगों को भड़काकर और उनके मन में डर पैदा करके अपने पक्ष में मौहाल बना लें. ट्रंप इस्लाम के प्रति लोगों के मन में डर पैदा करके और फिर खुद को लोगों को उससे बचाने वाले मसीहा के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. डर और आतंक के माहौल में ट्रंप को इस्लाम धर्म के खिलाफ की गई बयानबाजियों का फायदा लोगों के समर्थन के रूप में मिल सकता है.
ट्रंप के लिए ये घटना ऐसे समय में हुई है जब उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अमेरिकी लोगों का समर्थन चाहिए. फ्लोरिडा में हुई गोलीबारी की घटना में एक मुस्लिम के शामिल होने से ट्रंप को इस्लाम के खिलाफ जहर उगलने और लोगों को इस धर्म से डराने का मौका मिल गया है. ट्रंप इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहते और इसका पूरा राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.
ट्रंप की कोशिश है कि इसी बहाने वह इस्लाम के प्रति अमेरिकी लोगों को भड़काकर और उनके मन में डर पैदा करके अपने पक्ष में मौहाल बना लें. ट्रंप इस्लाम के प्रति लोगों के मन में डर पैदा करके और फिर खुद को लोगों को उससे बचाने वाले मसीहा के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. डर और आतंक के माहौल में ट्रंप को इस्लाम धर्म के खिलाफ की गई बयानबाजियों का फायदा लोगों के समर्थन के रूप में मिल सकता है.
ऑरलैंडों के एक क्लब में हुए नरसंहार का दोषी उमर मतीन अफगानी मूल का अमेरिका था, ओमर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया |
क्यों ट्रंप की बातें राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं हैं:
डोनाल्ड ट्रंप जिस गोलाबारी की घटना को आधार बनाकर पूरे मुस्लिम समुदाय पर निशान साध रहे हैं वह राजनीति के अलावा कुछ नहीं है. दरअसल इस गोलाबारी की घटना को अंजाम देने वाला उमर मतीन धर्म से मुस्लिम जरूर था लेकिन वह अमेरिका में पैदा हुआ और वहीं पला-बढ़ा अमेरिकी ज्यादा था. शायद यही वजह है कि मतीन के पिता मीर सिद्दीकी ने इस दुखद घटना के बाद अमेरिकी लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि इस घटना को धर्म से जोड़ना गलत है.
मीर ने कहा कि उमर एक बार मियामी में दो गे लोगों को किस करते हुए देखकर भड़क गया था. गे लोगों के प्रति उमर की नाराजगी को फ्लोरिडा के क्लब में उसके द्वारा की गई गोलीबारी से जोडकर देखा जाना चाहिए, क्योंकि उमर ने जिस क्लब में गोलीबारी की वह गे क्लब ही थी.
ये बात सही है कि गोलाबारी की घटना से पहले उमर ने 911 नंबर (इमर्जेंसी नंबर) पर कॉल करके ISIS के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की थी. लेकिन अतीत में मतीन के खिलाफ दो बार की गई अपनी जांच के बावजूद एफबीआई मतीन के खिलाफ आतंकी कनेक्शन के कोई सबूत नहीं जुटा सकी थी. इतना ही नहीं मतीन की पूर्व पत्नी ने ये तो माना कि वह हिंसक था और उसके साथ मारपीट करता था लेकिन उसने ये भी कहा कि वह बहुत धार्मिक नहीं था.
इससे पता चलता है कि इस गोलीबारी की घटना को किसी धर्म विशेष से जोड़कर देखना सही नहीं है. अच्छा हो कि अमेरिका ट्रंप जैसे नेताओं की बयानबयाजियों के उलट इस घटना की असली वजह का पता लगाए. वैसे भी मतीन का पालन-पोषण अमेरिका में हुआ और इसलिए वह जितना मुस्लिम था उतना ही अमेरिकी भी था. इसलिए इस गोलीबारी की घटना के लिए इस्लाम को दोषी ठहराने के बजाय अमेरिका की उस संस्कृति और सामाजिक बुराई की चर्चा भी जरूरी है जिसकी वजह से वहां आए दिन नरसंहार की घटनाएं होती रहती हैं.
बाकी ट्रंप की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर है तो लोकप्रियता पाने के लिए उनकी ऐसी बयानबाजी से हैरान होने की जरूरत नहीं है!
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