जानिए, गूगल मैप पर जेएनयू कैसे बना 'देशद्रोह' का ठिकाना
बीती रात इंटरनेट की दुनिया में तिकड़म करने वाले गूगल मैप पर बिजी रहे. उन्होंने ऐसा कुछ किया, जिससे 'एंटीनेशनल', 'सेडिशन', 'कन्हैया कुमार' और 'उमर खालिद' सर्च करने पर रिजल्ट जेएनयू दिखाई देने लगा. जानिए कैसे किया गया ये सब-
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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू फिर विवादों में है. अब गूगल मैप्स पर 'एंटी नेशनल' और 'सेडिशन' सर्च करने पर जेएनयू का नक्शा दिखाई पड़ रहा है. यही नहीं कन्हैया कुमार और उमर खालिद को भी यदि इस नक्शे पर ढूंढा जाए तो वह भी जेएनयू में ही मिलते हैं.
अफजल गुरू को लेकर भारत विरोधी नारेबाजी के मामले में जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद से जेएनयू में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लेकर आरोप लगे. एक उच्चस्तरीय यूनिवर्सिटी की साख गिराने के मामले में गूगल का सर्च नया अध्याय जोड़ रहा है.
कैसे हुआ ये सब-
मैप रीव्यू से-
गूगल अपने यूजर्स को किसी भी लोकेशन को रिव्यू करने का अधिकार देता है. इस ऑप्शन का फायदा उठाकर पिछले तीन हफ्ते से जेएनयू के बारे में कुछ यूजर सिर्फ एंटीनेशनल, सेडिशन जैसे शब्द ही लिखते रहे. ये शब्द फिर सर्च का हिस्सा बन गए.
मैप मेकर से-
गूगल अपने यूजरों को यह ऑप्शन देता है कि वह अपनी लोकेशन किसी स्थान के साथ टैग कर सकते हैं. जेएनयू के मामले में इस ऑप्शन पर सबसे ज्यादा काम बीती रात हुआ. कई अज्ञात (Anonymous) अकाउंट से जेएनयू को 'एंटी नेशनल' और 'सेडिशन' जैसे शब्दों से जोड़ा गया. और नतीजा आज सुबह इस अजीब सर्च रिजल्ट के रूप में सामने आया.
सिर्फ कन्हैया ही नहीं, स्मृति इरानी और अनुपम खेर और अरनब गोस्वामी भी जेएनयू में
सिर्फ देशद्रोह, सेडिशन, कन्हैया ही नहीं, जेएनयू विवाद से जुड़े स्मृति इरानी, अनुपम खेर, दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी और टाइम्स नाउ के एडिटर अरनब गोस्वामी भी गूगल मैप पर जेएनयू के पते पर दिखाई दे रहे हैं.
शुक्रवार सुबह से ही इसे लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर चल पड़ा था. यूनिवर्सिटी फैकल्टी इस मामले में गूगल से शिकायत दर्ज करा रही है.
अब सवाल उठ रहा है कि इस करतूत के पीछे कौन है. देशद्रोह, सेडिशन और कन्हैया को लेकर सोचें तो यह काम बीजेपी आईटी सेल का हो सकता है. यदि ये उन्होंने किया तो स्मृति इरानी और अनुपम खेर वहां क्यों दिख रहे हैं?
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