'चौकीदार' मोदी के कब्जे में चिदंबरम
INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम को CBI ने गिरफ्तार कर लिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी एक अन्य केस में उनके पीछे पड़ी है. क्या चिदंबरम की गिरफ़्तारी के पीछे प्रधानमंत्री का वो संकल्प ही तो नहीं है कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जायेगा.
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2019 लोकसभा चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन चलाया था और लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त प्रहरी के रूप में खड़ा होने के लिए कहा था. उन्होंने 16 मार्च 2019 में ट्विटर में 'मैं भी चौकीदार' नारा देकर इस अभियान की शुरुआत की थी. इसमें पीएम मोदी ने लिखा था कि आपका चौकीदार मजबूती से खड़ा है और देश की सेवा कर रहा है, लेकिन मैं अकेला नहीं हूं. उन्होंने कहा, 'हर देशवासी जो भ्रष्टाचार, गंदगी और सामाजिक बुराइयों से लड़ रहा है, वो एक चौकीदार है. भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने वाला हर व्यक्ति चौकीदार है. आज हर भारतीय कह रहा है #मैं_भी_चौकीदार.' और उसी दौरान मार्च के महीने में प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली में एक पब्लिक इवेंट के दौरान कहा था की जिसने भी देश को लूटा है, उसे इसके लिए कीमत चुकानी होगी.
31 मार्च 2019 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'मैं भी चौकीदार' टाउन हॉल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचारियों को जेल के दरवाजे के सामने ला दिया है. कोई जमानत ले रहा है, कोई तारीखें ले रहा है. जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें पाई-पाई लौटानी पड़ेगी. दुनिया के किसी कोने में उनकी प्रॉपर्टी होगी, वह जब्त होगी. उन्हें देश के कानून की शरण में आना होगा. मोदी ने साफ संकेत दे दिया था कि अगर वो दोबारा सत्ता में आते हैं तो देश से धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले व्यक्ति कानून के शिकंजे से मुक्त नहीं हो पाएंगे, उन्हें अपने कुकर्मों के लिए जेल जाना ही पड़ेगा.
चिदंबरम की गिरफ़्तारी के पीछे प्रधानमंत्री का संकल्प ही है
2014 के आम चुनाव पूरी तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के एजेंडे पर लड़े गए थे. कांग्रेस की नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतशील गठबंधन 2004 से 2014 तक केंद्र में सत्ता में थी और उस दौरान कई घोटालों के आरोप उन पर लगे थे. भ्रष्टाचार के कई मामले जैसे कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला, कोयला आवंटन घोटाला (कोलगेट), 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला आदि के आरोप कांग्रेस और उनके गठबंधन सरकार पर लगे थे. उस दौरान नरेंद्र मोदी ने चुनाव को भ्रष्टाचार-विरोधी धर्मयुद्ध के रूप में प्रस्तुत किया था और केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब हो पाए थे.
आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को सीबीआई ने हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार भी किया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी एक अन्य केस में उनके पीछे पड़ी है. क्या चिदंबरम की गिरफ़्तारी के पीछे प्रधानमंत्री का वो संकल्प ही तो नहीं है कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जायेगा. हाल फिलहाल के दिनों में देखें तो विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी से लेकर अन्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नरेंद्र मोदी सरकार पैनी नजर रखे हुए है. वो हर संभव कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें देश वापस लाया जा सके और भारत के जेल में डाला जाए.
कई कांग्रेस नेता भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में
हाल फिलहाल कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कई केसों में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है. नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जहां आरोपों के घेरे में हैं. वही सांसद कार्ति चिदंबरम मनी लॉन्डरिंग केस में अभियुक्त हैं. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्तियों के मामले में सीबीआई जांच चल रही है. भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ जमीन सौदे के मामले में जांच चल रही है. इसके साथ-साथ प्रियंका गांधी के पति रोबर्ट वाड्रा के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है. भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस के ये बड़े नेता सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी जैसी एजेंसियों के निशाने पर हैं. कई राजनितिक विश्लेषकों का मानना है कि चिदंबरम के बाद अब ये जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार में फंसे इन कांग्रेस नेताओं पर भी शिकंजा कस सकती हैं.
कांग्रेस आरोप लगा रही है कि यह एक राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा कुछ भी नहीं है. 2014 में मोदी ने देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा करते हुए जनता से वादा किया था कि 'न मैं खाऊंगा और न खाने दूंगा'. अपनी तमाम प्रतिबद्धताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को अपने मुकाम तक पहुंचाने के वादे को फिर से सुनिश्चित किया है.
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