बीजेपी जब-जब मुसीबत में फंसी, राहुल गांधी ने बचाया!
Women Safety के चलते 'रेप इन इंडिया' के मुद्दे पर Rahul Gandhi, भाजपा की तीखी आलोचना का सामना कर रहे हैं. एक सही बसात के लिए राहुल की आलोचना बताती है कि ऐसा उनके साथ सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वो राजनीतिक रूप से श्रापित हैं.
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) चर्चा में हैं. कारण बना हैं उनका बढ़ती हुई रेप की घटनाओं (Rising Numbers of Rape In India) पर बयान जिसने सियासी गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया है. बात बीते दिनों की है. चुनाव प्रचार के लिए राहुल झारखंड थे. झारखंड में राहुल ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Rahul Gandhi Criticising Narendra Modi) पर तीखा हमला किया. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केंद्र के महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया को 'रेप इन इंडिया' (Rape In India) में तब्दील कर दिया है. राहुल ने ये बात महिला सुरक्षा में लगातार हो रही चूक और हैदराबाद गैंगरेप (Hyderabad Gangrape And Murder) और हत्या को ध्यान में रखकर कही. राहुल का मानना है कि ऐसी घटनाएं, विश्व पटल पर भारत की शान में बट्टा लगाने का काम कर रही हैं. महिला सुरक्षा के मद्देनजर राहुल गांधी के तेवर भले ही तल्ख़ हों. मगर भाजपा से जुड़े लोगों को उनकी ये बात कहीं से भी अच्छी नहीं लगी, सत्ताधारी दल भाजपा को उन्हें राहुल गांधी की आलोचना का मौका मिल गया. मामला प्रकाश में आने के बाद से ही भाजपा लगातार ये मांग कर रही है कि अपने इस शर्मनाक बयान के लिए राहुल गांधी माफ़ी की पेशकश करें.
अपने एक बयान के बाद फिर राहुल गांधी को भाजपा की तीखी आलोचनाओं का सामना कर पड़ रहा है
इस पूरे मामले पर जो कुछ भी हुआ, और जैसी दुर्गति राहुल गांधी की लगातार हो रही है. यदि इसका अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि राहुल गांधी की राजनीतिक दशा शापित है. वो कुछ अच्छा करने भी जाएं तो उनका भाग्य ही कुछ ऐसा है कि लेने के देने पड़ जाते हैं और सब कुछ उल्टा पुल्टा हो जाता है.
क्या कहा राहुल गांधी ने
ध्यान रहे कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने द्वारा दिए 'रेप इन इंडिया' बयान पर माफी मांगने से इनकार चुके हैं . राहुल गांधी ने कहा है कि, 'मैं इनसे कभी माफी नहीं मांगूंगा. अपने तर्कों को वजन देने के लिए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस भाषण का हवाला दिया है जो उन्होंने 2014 के आम चुनाव के पहले दिया था. अपने भाषण में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को रेप कैपिटल कहा था.
Rahul Gandhi: I have a clip on my phone in which Narendra Modi ji is calling Delhi a 'rape capital',will tweet it so that everyone can see. Just to deflect attention from protests in North East, this is being made an issue by BJP. https://t.co/BF4toNRaO8 pic.twitter.com/4wRWTZy4Np
— ANI (@ANI) December 13, 2019
भाजपा द्वारा अपनी आलोचना पर राहुल ने कहा है कि, ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी वाले हल्ला कर रहे हैं. मेक इन इंडिया की बात प्रधानमंत्री ने की थी तो मैंने रेप इन इंडिया कहा है.' अपनी सफाई में राहुल गांधी ने नागरिकता संशोधन बिल का भी हवाला दिया है और कहा है कि, 'नॉर्थ ईस्ट को जला दिया है. बवाल, बेरोजगारी और मंदी से ध्यान भटकाने के लिए हमारे बयान को मुद्दा बनाया जा रहा है लेकिन मैं इनसे कभी माफी नहीं मांगूंगा.
राहुल को लेकर सत्ताधारी दल का आरोप
राहुल द्वारा 'रेप इन इंडिया' बयान और पीएम मोदी पर उनके आरोपों के बाद भाजपा फ्रंट फुट पर आ गई है. भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कहा है कि ये इतिहास में वो पहला मौका है जब कोई नेता इस बात को बहुत साफ़ लहजे में कह रहा है कि भारतीय महिलाओं का बलात्कार होना चाहिए.
#WATCH BJP MP Locket Chatterjee in Lok Sabha on Rahul Gandhi's rape in India' remark: Modi ji said 'Make in India' but Rahul ji said 'rape in India', he is welcoming everybody that come and rape us..this is an insult to Indian women and to Bharat Mata. pic.twitter.com/nvBa9Bhwvj
— ANI (@ANI) December 13, 2019
संसद में भाजपा की तरफ से बड़ा पलटवार करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा है कि क्या ये पूरे भारत वर्ष को राहुल गांधी का सन्देश है. वहीं भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने भी राहुल गांधी के बयान को आधार बनाकर उनपर तीखा हमला किया है और कहा है कि पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया की बात की जबकि राहुल रेप इन इंडिया की बात कर रहे हैं जो तमाम भारतीय महिलाओं और भारत माता का अपमान है.
क्या कहा था पीएम मोदी ने
सत्ता पक्ष द्वारा घिरने के बाद राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें प्रधानमंत्री का वो भाषण हैं जिसमें उन्होंने दिल्ली को रेप कैपिटल ऑफ इंडिया बताया था.
Modi should apologise.
1. For burning the North East.
2. For destroying India’s economy.
3. For this speech, a clip of which I'm attaching. pic.twitter.com/KgPU8dpmrE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 13, 2019
बात 2014 चुनावों से पहले की है. पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान दिए गए भाषण में कहा था कि दिल्ली को जिस प्रकार रेप कैपिटल बना दिया गया है और उस कारण पूरी दुनिया में हिंदुस्तान की बेइज्जती हो रही है. और आपके पास मां बहनों की सुरक्षा के लिए न कोई योजना है. न आप में कोई दम है. न आप इसके लिए कुछ कर सकते हैं.
साध्वी प्रज्ञा पर राहुल के बयान के कारण संकट में आई थी कांग्रेस
उपरोक्त बातें अभी की बातें हैं मगर राहुल गांधी की किस्मत कितनी पस्तहाल है अगर इसे समझना हो तो हम उनके उस बयान का रुख कर सकते हैं जिसमें उन्होंने भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा को आतंकी बताकर न सिर्फ खुदको बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को एक बड़ी मुसीबत में डाल दिया था. दरअसल साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था.
साध्वी के गोडसे को देशभक्त बताने के बाद भाजपा की तीखी आलोचना हुई थी और पूरी पार्टी बैक फुट पर आ गई थी. बाद में मामला इस हद तक बढ़ गया था कि प्रज्ञा को अपने स्टेटमेंट पर माफ़ी मांगनी पड़ी थी. अभी ये सब चल ही रहा था कि मामले को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर दिया.
Terrorist Pragya calls terrorist Godse, a patriot.
A sad day, in the history ofIndia’s Parliament.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2019
राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा कि आतंकी प्रज्ञा, आतंकी गोडसे को देशभक्त बता रही है. इतिहास में ये एक दुखद दिन है. राहुल गांधी का प्रज्ञा सिंह ठाकुर मामले पर इतना लिखना भर था. पूरी भाजपा राहुल गांधी के पीछे पड़ गई. खुद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने संसद में इस बात को कहा था कि राहुल गांधी उनसे माफ़ी मांगें. साध्वी प्रज्ञा के इस बयान के बाद भी राहुल ने माफ़ी मांगने से माना कर दिया था.
राफेल पर भी लग चुकी है राहुल गांधी की क्लास
जैसा कि हम बता चुके हैं राहुल अगर सही बात भी करें तो भी दिक्कत है. इस बात को समझना हो तो हम बीते कुछ वक़्त में उन घटनाओं का अवलोकन कर सकते हैं जब उन्होंने अपने अलग अलग मंचों से राफेल पर सरकार को घेरने का काम किया था. तब न सिर्फ भाजपा बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक ने उनकी कड़ी फटकार लगाई थी.
राहुल का ये तनाव जायज भी है
बात क्योंकि राहुल गांधी के उस बयान से शुरू हुई है जिसमें उन्होंने महिला सुरक्षा को सवालों के घेरे में रखा है और 'रेप इन इंडिया' का हवाला दिया है तो बता दें कि राहुल गांधी का ये तनाव, बिलकुल जायज है. बात 2014 की हो तो जिन चीजों को पीएम मोदी ने कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किया था आज हालत वैसे ही हैं. महिला सुरक्षा तब भी अपने अंतिम छोर पर थी आज भी स्थिति वैसी ही है.
2014 से लेकर 2019 तक इन 6 सालों पर अगर गौर किया जाए तो आज भाजपा ने राहुल गांधी के आत्म विश्वास को इस देश की जनता के सामने इतना कमजोर कर दिया है कि अगर वो सही बात भी कहें तो बताया यही जाता है कि वो गलत बोल रहे हैं. इस बात को अगर समझना हो तो हम पीएम मोदी के उसी भाषण की बात करते हैं जो उन्होंने 14 के आम चुनावों से पहले दिया था.
2014 के आम चुनावों से पहले दिए गए इस भाषण में पीएम ने दिल्ली को 'रेप कैपिटल ऑफ इंडिया' बताया था. अब चूंकि ये बात नरेंद्र मोदी के मुंह से निकली थी तो जनता ने भी इसे सुना और इसका समर्थन किया मगर अब जब यही बात राहुल कह रहे हैं तो विवाद हो गया. संसद में महिला सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उनकी आलोचना होनी शुरू हो गई. बात साफ़ है. आज चूंकि राहुल गांधी के राजनीतिक तारे ढलान पर हैं इसलिए उनके साथ ये सुलूक किया जा रहा है और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल रहा है.
कुल मिलाकर वर्तमान परिदृश्य में जो कुछ भी राहुल गांधी के साथ हो रहा है उसे देखकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आज उनका राजनीतिक रूप से शापित होना ही सत्ता पक्ष की ताकत है. जिस दिन राहुल का ये श्राप दूर हो जाएगा उन्हें और उनकी बातों को लोग सुनेंगे. ऐसे में अब राहुल गांधी को इस देश की जनता और भाजपा तक गंभीरता से लेंगे इसका फैसला वक़्त करेगा. लेकिन जो वर्तमान है वो इस बात की गवाही खुद दे रहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में राहुल गांधी के अच्छे दिन मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं.
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