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Updated: 14 सितम्बर, 2022 01:23 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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रणबीर कपूर-आलिया भट्ट स्टारर ब्रह्मास्त्र के बाद सैफ अली खान- ऋतिक रौशन की फिल्म विक्रम वेधा उन चुनिंदा फिल्मों में है जिसका 'बॉयकॉट बॉलीवुड' वाले इस दौर में दर्शकों को बेसब्री से इंतेजार है. माना जा रहा है कि फिल्म सुपरहिट होगी. साथ ही फिल्म उस नुकसान की भरपाई भी करेगी जिसका सामना हालिया दिनों में बॉलीवुड को करना पड़ा है. फिल्म को लेकर दर्शकों के बीच उत्सुकता का लेवल क्या है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी बीते दिनों जब फिल्म का टीजर और ट्रेलर लांच किया गया तो इसे जनता का अच्छा रिस्पॉन्स मिला और साथ ही तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं भी आईं. खबर है कि अभी हाल में ही ऋतिक के पिता राकेश रौशन ने फिल्म को देखा है और इसकी जमकर तारीफ की है. ऐसे में जब हम फिल्म में ऋतिक के काम को देखते हैं तो कहना गलत नहीं है कि विक्रम वेधा के लिए पिता राकेश रोशन ऋतिक की शान में कितने भी कसीदे क्यों न पढ़ लें. लेकिन अपनी भोजपुरिया हिंदी से ऋतिक ने कहीं न कहीं फिल्म की लंका लगा दी है और साबित कर दिया है कि ओरिजिनल हमेशा ओरिजिनल ही रहेगा और डुप्लीकेट सिर्फ और सिर्फ डुप्लीकेट ही कहलाएगा.

Vikram Vedha, South Cinema, Hrithik Raushan, Saif Ali Khan, R Madhavan, Vijay Setupati, Bhojpuri, Bihar, Boycottराकेश रौशन कुछ कहें विक्रम वेधा में ऋतिक अपने लहजे से बिहार के लोगों का अपमान करते नजर आ रहे हैं

ध्यान रहे कि पुष्कर-गायत्री द्वारा निर्देशित, विक्रम वेधा इसी नाम की तमिल फिल्म की ऑफिशियल हिंदी रीमेक है. बात अगर ओरिजिनल फिल्म की हो वहां आर माधवन और विजय सेतुपति मुख्य भूमिकाओं में थे. फिल्म में माधवन जहां एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इन्स्पेक्टर विक्रम की भूमिका में थे वहीं विजय सेतुपति ने माफिया डॉन वेधा का रोल किया था.

फिल्म का हिंदी डब संस्करण मौजूद है. इसलिए ये बात वाक़ई समझ से परे हैं कि पुष्कर- गायत्री इसे हिंदी में बनाने को क्यों आतुर हैं? लेकिन क्योंकि फिल्म में वेधा जैसा महत्वपूर्ण रोल ऋतिक रौशन ने किया है. तो इसपर बात हर हाल में होनी ही चाहिए. यूं तो ऋतिक रौशन और विजय सेतुपति की कोई तुलना नहीं है लेकिन अब जबकि कहा यही जा रहा है कि अपनी इस फिल्म में न केवल ऋतिक ने जी तोड़ मेहनत की है बल्कि उनकी एक्टिंग विजय सरीखी है तो ये कथन तब अटपटा लगता है जब हम ट्रेलर में वेधा बने ऋतिक को बोलते सुनते हैं.

सवाल ये है कि क्या ऋतिक ये भूल गए कि वो आनंद कुमार पर बनी बायोपिक सुपर30 नहीं बल्कि साउथ की उस फिल्म को कर रहे हैं. जिसे देखा ही दर्शकों ने इसलिए था क्योंकि उसमें विजय सेतुपति जैसा विलेन है. ट्रेलर देखते हुए हम बिलकुल इस बात को कहेंगे कि जो भी एक्शन सीन हमें फिल्म के ट्रेलर में दिखाई दिए वो प्रभावशाली हैं लेकिन अगर इस फिल्म का सबसे कमजोर पक्ष कोई हमें नजर आता है तो वो है ऋतिक को बोलते हुए सुनना.

ऋतिक के एक्शन को देखते हुए एक सवाल और जेहन में आता है. क्या विक्रम वेधा में अपने रोल वेधा के जरिये ऋतिक स्टीरियोटाइपिंग कर रहे हैं? क्या एक अभिनेता के रूप में ऋतिक इस बात को मानते हैं कि हर अपराधी या तो बिहारी होता या फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश से संबंध रखता है? हो सकता है ये तमाम बातें कहने, सुनने, बोलने, बताने में अजीब लगें लेकिन मौजूदा वक़्त का सत्य यही है कि अपनी घटिया और बे सर पैर की भोजपुरी से एक्टर ऋतिक ने हर उस इंसान का अपमान किया है जो या तो बिहार, झारखंड का नागरिक है या फिर उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से से तालुख रखता है.

चूंकि भाषा के रूप में एक अनचाहा विवाद ऋतिक ने अपने साथ जोड़ ही लिया है तो हम उनसे एक बात जरूर कहना चाहेंगे. तमिल में बनी विक्रम वेधा इसलिए हिट हुई क्योंकि उसमें जो कुछ भी था वो मौलिक था. चाहे वो फिल्म के मेन लीड आर माधवन रहे हों या फिर विजय सेतुपति किसी ने भी कुछ ऐसा नहीं किया जो किसी को अटपटा लगे या फिर किसी व्यक्ति विशेष की भावना को आहत करे.

इन बातों के बाद जब हम हाल ही में रिलीज होने वाली सैफ और ऋतिक रौशन की विक्रम वेधा को देखते हैं तो फिल्म को चटखारा या मसालेदार बनाने के लिए प्रोड्यूसर और डायरेक्टर ने एक ऐसी गलती कर दी जिसके लिए हम दर्शक शायद ही कभी ऋतिक रौशन या फिर फिल्म के क्रू को कभी मार कर पाएं.

चूंकि फिल्म की तारीफ किसी और ने नहीं बल्कि खुद ऋतिक रौशन के पिता राकेश रौशन ने की है. तो हम उनसे ये कहते हुए हम अपनी बातों को विराम देंगे कि, भले ही फिल्म में ऋतिक और सैफ ने दिल जीत लेने वाला काम किया हो लेकिन भाषा के रूप में उन्होंने एक अनचाहा विवाद गले लगा लिया है और अच्छी भली फिल्म को भोजपुरी फिल्म बना दिया है.

हैरत इस बात को लेकर है कि भोजपुरी एक्सेंट बोलते हुए क्या ऋतिक इस बात को भूल बैठे कि उनका दर्शक वर्ग कहां का है? कहां के लोग हैं जिन्होंने बॉयकॉट बॉलीवुड का बिगुल पूरी शिद्दत के साथ न केवल फूंका बल्कि कई ऐसी फिल्मों की खटिया खड़ी की जिनके विषय में सिने क्रिटिक तक इस बात को मान रहे थे कि उन्हें हिट होने से कोई नहीं रोक सकता.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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