हैदराबाद की चर्च में कुछ मुस्लिम गए, और दुनिया खुश है
रविवार सुबह हाथों में पीले गुलाब लिए और श्रीलंका हमले की निंदा करने वाली तख्तियां हाथों में लिए कुछ मुस्लिम हैदराबाद के एक चर्च में गए. वहां उन्होंने ईसाई समुदाय के प्रति एकजुटता और समर्थन दिखाया.
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एक रविवार था 21 अप्रैल का, जब श्रीलंका के चर्च में इस्लाम के नाम पर से समर्थन करने वाले कुछ आतंकी घुसे थे. देखते ही देखते चंद मिनटों में उन्होंने करीब 250 लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जिनमें अधिकतर ईसाई धर्म को मानने वाले लोग थे. इस घटना ने न केवल श्रीलंका, बल्कि पूरी दुनिया की आंखें गीली कर दीं. उसके एक हफ्ते बाद 28 अप्रैल को भी एक चर्च में कुछ मुस्लिम गए, लेकिन इस बार दुनिया खुश है.
ये चर्च है हैदाराबाद के एबिड्स का. रविवार सुबह हाथों में पीले गुलाब लिए और श्रीलंका हमले की निंदा करने वाली तख्तियां हाथों में लिए कुछ मुस्लिम आए. उन तख्तियों पर 'हम श्रीलंका के पीड़ितों के साथ हैं', 'हम श्रीलंका में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हैं' और 'हम शांति के साथ खड़े हैं' जैसी बातें लिखी थीं. महिला से लेकर पुरुष तक सभी श्रीलंका हमले के खिलाफ खड़े थे और पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त कर रहे थे. चर्च में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने ईसाई धर्म के लोगों का पथ प्रशस्त करने का काम भी किया. ये नजारा अगर श्रीलंका हमले का दोषी जहरान हाशिम देख लेता तो उसे समझ आता कि उसके दिमाग में कितना जहर भरा था.
रविवार सुबह हाथों में पीले गुलाब लिए और श्रीलंका हमले की निंदा करने वाली तख्तियां हाथों में लिए कुछ मुस्लिम चर्च गए.
हैदाराबाद में अमेरिका की काउंसिल जनरल कैथरीन हड्डा ने तो एक ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने इस अवसर का हिस्सा होने की खुशी जताई. उन्होंने लिखा कि मुस्लिम धर्म को मानने वालों ने ईसाई धर्म के लोगों के प्रति अपना प्यार और समर्थन दिखाया, ईसाई धर्म के लोगों के गाइड किया. ये सब श्रीलंका में हुए बम धमाके के बिल्कुल एक सप्ताह बाद हुआ है. अपने ट्वीट के साथ उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं. उन्होंने ये भी कहा है कि कुछ दिन पहले पिछले रविवार को श्रीलंका के एक चर्च पर हमला हुआ था. इससे लड़ने के लिए हमें साथ खड़े रहना होगा.
Humbled to be part of a beautiful #Hyderabad moment — Muslim faithful, creating a cordon of love and support, guided Christian followers to their church a week after the horrible Sri Lanka Easter attacks. Familiarity breeds not contempt, but understanding and compassion. pic.twitter.com/k2xOccta71
— Katherine Hadda (@USCGHyderabad) April 28, 2019
बंजारा हिल्स की महमूद हबीब मस्जिद के मिर्जा यवर बेग कहते हैं- 'हम ईसाई समुदाय के लोगों को ये कहना चाहते हैं कि इस दुख की घड़ी में हम आपके साथ हैं. बस इसी तरीके से हम आतंकवाद को दूर रख सकते हैं. जो आतंकवादी इस तरह की भयावह घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं वह किसी भी धर्म के नहीं हैं.' यवर बेग इसी चर्च के पास ग्रामर स्कूल में पढ़े हैं. वह कहते हैं- 'हमने प्रीस्ट से बात की तो उन्होंने हमारा स्वागत किया. मैं यहां 59 सालों के बाद आ रहा हूं.'
मक्का मस्जिद सोसाएटी के इकबाल जावेद कहते हैं- 'हम लोग सुबह बड़े गिरजाघर पर इकट्टठा हुआ, वहां से इस चर्च आए और श्रद्धालुओं के साथ बैठे.' इस मार्च में करीब 150 लोग शामिल हुए थे, जिनमें महिलाएं, बच्चे और पुरुष भी शामिल थे.
पहले 15 मार्च 2019 शुक्रवार के दिन न्यूजीलैंड की एक मस्जिद पर आतंकी हमला हुआ. वो हमला ईसाई धर्म के एक शख्स ने किया था, जो मुस्लिमों के प्रति अपनी नफरत दिखा रहा था. शुक्रवार का दिन इस्लाम धर्म में बेहद पाक होता है, इसलिए आतंकी ने शुक्रवार का दिन चुना था. उसके बाद 21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका में रविवार के दिन हमला हुआ, जिस दिन ईसाईयों का त्योहार ईस्टर था. इसी वजह से करीब 250 लोग मारे गए. आज भारत के मुस्लिम समुदाय ने चर्च जाकर श्रीलंका के ईसाई समुदाय को ये मैसेज दिया है कि वह इस दुख की घड़ी में उनके साथ हैं.
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