Disha के रेपिस्ट हत्यारों का एनकाउंटर तो हो गया, अब Nirbhaya के दोषियों की बारी !
देश के लोगों को साफ दिख रहा है कि करीब 7 साल में भी निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों को सजा नहीं मिली है, जबकि हैदराबाद पुलिस ने चंद दिनों बाद ही दिशा (Disha Rape Case) के रेपिस्ट हत्यारों को मार (Hyderabad Police Encounter) दिया गया.
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हैदराबाद पुलिस एनकाउंटर (Hyderabad Police Encounter) में दिशा के रेपिस्ट हत्यारों (Disha Rape Case) को मार गिराया गया है और अब निर्भया (Nirbhaya Rape Case) को न्याय दिलाने की मांग भी उठने लगी है. बता दें कि दिसंबर 2012 में निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ था, जिसके कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान निर्भया (Nirbhaya) की मौत हो गई थी. इस समय निर्भया के चार दोषी जेल में बंद हैं, जिन्हें फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन अब तक उन्हें फांसी हुई नहीं. दिशा के रेपिस्ट हत्यारों के एनकाउंटर की खबर आने के बाद लोगों के जश्न मनाने की वजह कहीं न कहीं निर्भया के मामले से सीधी जुड़ी हुई है. लोगों को ये साफ दिख रहा है कि करीब 7 साल में भी निर्भया के दोषियों को सजा नहीं मिली है, जबकि हैदराबाद पुलिस ने चंद दिनों बाद ही दिशा के रेपिस्ट हत्यारों को मार दिया गया. इसी बात से लोग खुश हो रहे हैं. ऐसे में ये जरूरी भी है कि अब निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दे देनी चाहिए.
करीब 7 साल में भी निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों को सजा नहीं मिली है.
अब बारी निर्भया के दोषियों की !
निर्भया रेप कांड में आरोपियों की दया याचिका (Mercy Plea) गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के पास भेज दी है और इसे खारिज करने की सिफारिश की गई है. दोषियों ने दिल्ली सरकार के सामने अपनी दया याचिका लगाई थी, जिसे खारिज करते हुए दिल्ली सरकार ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी थी. अब सबकी निगाहें रामनाथ कोविंद पर हैं कि वह इस दया याचिका को स्वीकार करते हैं या खारिज. वैसे देखा जाए तो लोग पहले से ही ये जानते हैं या यूं कहें कि मानते हैं कि कोविंद इस याचिका को सिरे से खारिज ही करेंगे और निर्भया के दोषियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाएंगे.
राष्ट्रपति तो दया याचिका ही खत्म करने की बात कर रहे हैं !
ये बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजस्थान के सिरोही में चल रहे एक कार्यक्रम में कही थी. इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा एक गंभीर मामला है और POCSO एक्ट के तहत बलात्कार के दोषियों को दया याचिका तक दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए. यानी एक बात तो तय है कि बलात्कार जैसे मामलों पर राष्ट्रपति बेहद सख्ती से बात कर रहे हैं. ऐसे में वह निर्भया के दोषियों की दया याचिका को हरगिज स्वीकार नहीं करेंगे.
#WATCH "Women safety is a serious issue. Rape convicts under POCSO Act should not have right to file mercy petition. Parliament should review mercy petitions,"President Ram Nath Kovind at an event in Sirohi, Rajasthan pic.twitter.com/0noGCUaNhQ
— ANI (@ANI) December 6, 2019
जल्दी नहीं दी फांसी, तो बच सकते हैं निर्भया के दोषी !
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा के अनुसार अगर निर्भया के आरोपियों को जल्द फांसी नहीं दी गई तो वह फांसी से बच सकते हैं. वह धारा 21 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन बताकर धारा 32 के तहत दोबारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा सकते हैं और फांसी की सजा रद्द करने की मांग कर सकते हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2014 को वी श्रीहरन और मुरुगन बनाम भारत सरकार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था.
उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद निर्भया के दोषियों पर कोई दया नहीं दिखाएंगे. ये दरिंदे आज नहीं तो कल फांसी पर लटकेंगे ही. लेकिन इस बीच प्रशासन को ये समझ जाना चाहिए कि अगर न्याय में इसी तरह देरी होती रही, तो आने वाले समय में भी एनकाउंटर पर पुलिसवालों को मिठाई खिलाई जाएगी, उनके पैर छुए जाएंगे. ये ध्यान रहे कि किसी भी सभ्य समाज में गोलियों से न्याय हासिल नहीं किया जा सकता है.
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