राहुल गांधी और उनकी गर्लफ्रेंड के बीच काल्पनिक संवाद
"ये सब क्या मैं अखबारों में पढ़ रही हूं? तुमने अपनी छुट्टियां बढ़ा दी हैं? तुम कब तक बाथरूम में रहने का प्लान कर रहे हो?"
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"राहुल दरवाजा खोलो!"
"हेलो डार्लिंग. फिर से, नहीं."
"ये सब क्या मैं अखबारों में पढ़ रही हूं? तुमने अपनी छुट्टियां बढ़ा दी हैं? तुम कब तक उस बाथरूम में रहने का प्लान कर रहे हो?"
"अखबार कह क्या रहे हैं? मैं कहां हूं, इसे ले कर और क्या अंदाजा लगाया जा रहा है? मुझे उम्मीद है कि तुमने मम्मी को भी नहीं बताया होगा."
"अब बस भी करो. मैं दुखी हो गई हूं. जब तुम ऑफिशियल छुट्टी पर थे तो हमें सच में छुट्टी पर चले चाहिए था. हम थाईलैंड जा सकते थे. तुम्हे तो पता है, मुझे वो फुट मसाज कितना पंसद है. यहां तक कि उत्तराखंड भी ठीक रहता. रोजाना तुम्हारे बाथरूम के बाहर बैठने से अच्छा था कि हम पहाड़ पर चढ़ते."
"तुम पागल हो क्या डार्लिंग? अगर मैं उत्तराखंड जाता तो वे कहते कि कन्याकुमारी क्यों नहीं गए. अगर मैं थाईलैंड जाता तो खुशनुमा अंत तो नहीं ही होता, खासकर मीडिया में."
"लेकिन तुमने मुझसे छुट्टियों पर चलने का वादा किया था."
"छुट्टियां तो बस मन के लिए होती हैं डार्लिंग."
"ये पूरी तरह बकवास है."
"प्यार, तुम्हें इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ये है तो आकर्षक लेकिन मैंने अपने अध्यादेश भाषण में बोल दिया तो मुसीबत खड़ी हो गई थी."
"ये तो हद हो गई. तुम यह बात मीडिया में लीक क्यों नहीं करा देते कि तुम अपने बाथरूम में आत्मचिंतन कर रहे हो. कम से कम ऐसा पहली बार होता. कम से कम तब वो ऐसा तो नहीं कह पाएंगे कि तुम्हारे मौलिक विचारों की कमी है."
"तुम पागल हो क्या, डार्लिंग? तुम सुब्रमण्यन स्वामी की प्रतिक्रिया की कल्पना भी नहीं कर सकती? वो जाकर पूरे शहर को बताएंगे कि मेरे लुटियन बाथरूम में इटैलियन मार्बल टाइल्स लगे हुए हैं. केजरीवाल मेरे बाथरूम के पानी और बिजली की आपूर्ति की तुलना पूरी दिल्ली में होने वाली सप्लाई से कर डालेंगे. मीडिया मेरे लांड्री बास्केट की जांच में जुट जाएगा कि मैं दिन में कितनी बार चड्ढी बदलता हूँ. और रामदेव... वो कहेंगे कि मैं बाथटब में हनीमून मना रहा हूँ."
"मैं अब भी इस बाथरूम का मसला समझ नहीं पा रही हूं."
"ठीक है, यह अच्छा है - इसके अपने फायदे हैं. मैं अपने आईपैड पर बजट सत्र लाइव देखते हुए कैमरों की नजर बचाकर झपकी भी ले सकता हूं. और जो अटेंशन मुझे मिल रही है उससे मैं काफी खुश हूं. यहां तक कि एक आदमी ने तो मेरी गुमशुदगी को लेकर जनहित याचिका तक दायर कर दी है. अब इससे बढिया और क्या हो सकता है कि बिना कुछ कहे और किये ही मेरी इतनी पूछ हो रही है."
"तुम जानते हो, मुझे तो हमेशा के लिए ही छुट्टी पर चले जाना चाहिए. और तुम्हे तुम्हारे खूब सारे गर्म पानी, वाई-फाई और आत्मचिंतन के साथ अकेले छोड़ देना चाहिए."
"डार्लिंग... रूको... डार्लिंग..."
"बाय"
"डार्लिंग प्लीज मत जाओ, मेरे न्यूजएप से पता चल रहा है कि दरवाजे पर पुलिस है."
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