मुस्लिमों के 'हिमायती' इमरान खान आज भी नहीं जानते कौन हैं उइगर मुस्लिम!
एक पड़ोसी देश भारत के कश्मीर की रग-रग से इमरान खान वाकिफ हैं और दूसरे पड़ोसी देश चीन के उइगर मुस्लिमों के बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं. वो भी उस चीन में रहने वाले उइगर मुस्लिम, जो पाकिस्तान का जिगरी यार है.
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मुसलमानों के हिमायती बनने वाले इमरान खान को पूरी दुनिया के मुस्लिमों का दुख दिखाई देता है, लेकिन उइगर मुस्लिमों को वह जानते तक नहीं. चीन में वहां की सरकार के जुल्मों तले दबे उइगर मुस्लिमों का दम घुट रहा है, लेकिन इमरान खान को उनके बारे में कुछ पता ही नहीं. पता चलेगा भी कैसे, उनके घर जो अखबार आता है, उसमें ये सब छपा ही नहीं होता. ये बात खुद इमरान ने ही कही है कि उइगर मुस्लिमों के बारे में पेपर वगैरह में कुछ नहीं छपता, इसलिए उनके बारे में वह नहीं जानते. हां, कश्मीर के मुस्लिम तो हर पेपर को इंटरव्यू देते हैं, टीवी चैनलों पर इनकी बाइट चलती है और इंटरनेट पर वीडियो और बयानों की भरमार है, इसलिए इमरान खान कश्मीर के मुस्लिमों को अच्छे से जानते हैं.
जब से कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया है, तब से तो इमरान खान कश्मीर के मुस्लिमों को कुछ ज्यादा ही जानने लगे हैं. यहां तक कि वह अपने पाकिस्तान के मुस्लिमों को भी कभी-कभी भूल जाते हैं, लेकिन सुबह से लेकर शाम तक कश्मीर-कश्मीर रटते नहीं थकते हैं. यहीं पाकिस्तान का दोगलापन सामने आ जाता है. एक पड़ोसी देश भारत के कश्मीर की रग-रग से इमरान खान वाकिफ हैं और दूसरे पड़ोसी देश चीन के उइगर मुस्लिमों के बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं. वो भी उस चीन में रहने वाले उइगर मुस्लिम, जो पाकिस्तान का जिगरी यार है. साथ उठना बैठना रहता है दोनों का. यूं तो कई बार इमरान खान उइगर मुस्लिमों के बारे में न जानने का ढोंग कर चुके हैं, लेकिन ताजा मामला है अलजजीरा को दिए गए इंटरव्यू का.
इमरान खान ने एक बार फिर उइगर मुस्लिमों के बारे में जानकारी नहीं होने का ढोंग किया है.
कौन उइगर मुस्लिम, मैंने तो ये नाम पहली बार सुना !
वैसे तो इमरान खान सब जानते हैं, सब समझते हैं कि चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ क्या हो रहा है. लेकिन करें भी तो क्या. आतंकवाद को पनाह देकर पाकिस्तान पहले ही पूरी दुनिया से दुश्मनी मोल ले चुका है, अब दोस्त के नाम पर चीन ही तो है, जो हर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आता है. पाक-चीन की ये दोस्ती कभी मसूद अजहर को बैन से बचाती है, तो कभी यूएन में भारत को गलत साबित करने की कोशिशें करती नजर आती है. ये तो कॉलेज के उन पक्के यारों जैसे हो गए हैं, जिन्हें सबकी गलतियां तो दिखती हैं, लेकिन अपने दोस्त की ना तो गलती दिखती है, ना ही ये बर्दाश्त होता है कि उसकी ओर कोई आंख भी उठाकर देखे. तभी तो, उइगर मुस्लिमों के बारे में पूछने पर इमरान खान इस तरह से जवाब देते हैं जैसे ये नाम उन्होंने पहली बार सुना हो. यकीन ना हो तो एक बार हाल ही में अलजजीरा को दिए इस इंटरव्यू को देखिए, इमरान खान की मासूमियत उनके चेहरे से टपकती हुई नजर आ जाएगी.
इस इंटरव्यू में इमरान खान से पूछा गया कि 'पाकिस्तान चीन के साथ अच्छे संबंध रखता है, क्या आपने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कभी उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न के मुद्दे पर बात की है?' इमरान खान ने अपने जवाब में कहा, 'नहीं, मैंने नहीं की है, क्योंकि इसके बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता है. हम अभी अपनी आंतरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, इस मुद्दे के बारे में मुझे सच में ज्यादा जानकारी नहीं है. और चूंकि हम एक साल से सत्ता में हैं. हम अर्थव्यवस्था को सुधारने में लगे हैं और अब कश्मीर का मुद्दा है. हम कई समस्याओं से घिरे हुए हैं. लेकिन मैं चीन के लिए एक बात कहूंगा, हमारे लिए चीन सबसे अच्छा दोस्त है.'
अभी इमरान खान चुप ही हुए थे कि उन पर दूसरा सवाल दाग दिया गया कि उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कुछ नहीं बोलने के चलते उनकी काफी आलोचना हो रही है. इस पर बोले कि 'इस समय, मेरी जिम्मेदारी पाकिस्तान के लोगों की है, और मेरे पास 220 मिलियन पाकिस्तानी हैं और वे मेरी जिम्मेदारी हैं. और बेहतर प्रयास कर अपने देशवासियों की मदद करना है.'
पाकिस्तानी लोग भी कर रहे हैं विरोध
उइगर मुस्लिमों पर इमरान खान ने जो बयान दिया है वह बेशक निंदनीय है. लेकिन इमरान खान को और भी ज्यादा शर्म इस बात पर आनी चाहिए कि उनके पाकिस्तान के लोग भी मान रहे हैं कि ये गलत है. पाकिस्तान सिर्फ चीन से अपनी दोस्ती निभाने के चक्कर में कुछ नहीं बोल रहा, जबकि सच क्या है, पूरी दुनिया को पता है, इमरान खान को भी. ऐसे में देखिए पाकिस्तान के लोग क्या कह रहे हैं-
पाकिस्तान पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने ट्वीट करते हुए लिखा है- 'प्रिय इमरान खान, आखिरी बार भी जब आपसे फाइनेंशियल टाइम्स की पत्रकार ने पूछा था तो आपने यही कहा था कि चीन में उइगर मुस्लिमों के बारे में आपको कुछ नहीं पता. एक बार फिर आपने वही बात कह दी है, जबकि भारत और कश्मीर में मुस्लिमों का नरसंहार किए जाने की बात आप पूरे दावे के साथ कहते हैं. ये दोहरा चरित्र क्यों?'
ताहा सिद्दीकी ने कहा इमरान खान दोहरे चरित्र वाले हैं.
पाकिस्तान की एक अन्य पत्रकार नाइला इनायत ने भी इमरान खान पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया है- 'कश्मीर और भारत के बारे में तो इमरान खान खूब बात करते हैं. हास्यास्पद ये है कि जैसे ही इमरान खान से चीन में उइगर मुस्लिमों के बारे में पूछा जाता है, उन्हें याद आता है कि उनकी प्राथमिकता तो पाकिस्तानी नागरिक हैं. पाखंड है ये.'
नाइला इनायत ने इमरान खान के जवाब को बताया पाखंड.
खुर्रम कमल नाम एक के पाकिस्तानी शख्स ने इमरान खान के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है- 'हां, अभी हमारी जिम्मेदारी पाकिस्तान के लोग हैं, तो हम कश्मीर और फिलिस्तीन को लेकर इतना भोंकते क्यों हैं?'
एक ट्विटर यूजर ने कश्मीर और फिलिस्तीन की बात कर के इमरान खान को किया चुप.
लाहौर के रहने वाले एक शख्स ने ट्वीट करते हुए कहा है- 'आप पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के चीन में उइगर मुस्लिमों को जानने की बात कर रहे हैं? पाकिस्तान के 95 फीसदी से अधिक लोग उइगर मुस्लिमों के बारे में नहीं जानते. जैसी आवाम, वैसे हुक्मरान.'
ट्वीटर के ही एक अन्य यूजर कहते हैं- जैसी आवाम, वैसे हुक्मरान.
पाकिस्तान के पंजाब में रहने वाली मारिया कहती हैं- 'क्योंकि इमरान खान एक अयोग्य और क्रूर नेता हैं, जो पाकिस्तान और बलोचिस्तान के गरीबों की कब्रों पर नाचते हैं.'
पंजाब प्रांत की मारिया ने इमरान खान को गरीबों की कब्रों पर नाचने वाला बताया.
पढ़ने लिखने में काफी कमजोर हैं इमरान खान !
यहां बात उनकी एजुकेशन की नहीं हो रही है, बल्कि जानकारी की हो रही है. 2019 की शुरुआत से ही उनसे चीन के उइगर मुस्लिमों को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं, लेकिन यूं लगता है मानो इमरान खान उनमें से हैं, जो ना होमवर्क करते हैं, ना क्लास वर्क. तभी तो, करीब 8-9 महीने बाद भी उन्हें इस सवाल का जवाब नहीं पता. जबकि इंटरनेट की इस दुनिया में चंद क्लिक भर करने से दुनिया के किसी भी कोने की जानकारी मिल जाती है. वो एक बार गूगल पर जाकर उइगर मुस्लिम लिख भर देते, तो उनके सामने लाखों रिजल्ट आ जाते. हर लिंक में चीन की हकीकत छुपी होती है. वैसे भी, किसी जानकारी को वो ढूंढ़ता है, जिसे उसका पता नहीं होता. जो सब कुछ जानते हुए अनजान बनने का ढोंग करे, उसे ना तो कुछ बताया जा सकता है, ना ही सिखाया.
जो जवाब उन्होंने उइगर मुस्लिम के सवाल पर अल जजीरा को दिया है, वही जवाब उन्होंने मार्च 2019 में फाइनेंशियल टाइम्स को भी दिया था. मैं तो इस बारे में कुछ नहीं जानता टाइप.
यही जवाब इमरान खान ने जनवरी में The Newsmakers को दिए इंटरव्यू में भी दिया था.
इमरान खान उइगर मुस्लिमों के बारे में कुछ नहीं जानने की बात करते हैं, जबकि उइगर मुस्लिमों को लेकर पाकिस्तान में भी विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं. चीन में उइगर मुस्लिमों पर कितना अत्याचार होता है, इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि पिछले साल तक करीब 200 उइगर मुस्लिमों की पत्नियां गायब हो चुकी हैं. पड़ताल में पता चल का उन्हें शैक्षणिक कैंपों में भेज दिया गया है. आपको बता दें कि चीन में उइगर मुस्लिमों को एंटी इस्लामिंक कैंपों में भेजा जाता है, क्योंकि चीनी सरकार मानती है कि इस्लाम एक तरह की मानसिक बीमारी है. जो इमरान खान पूरी दुनिया के मुस्लिमों के हिमायती बनते रहते हैं, हिंदुस्तान के मुस्लिमों को आए दिन अपने हक के लिए लड़ने की नसीहत देने के बहाने भड़काते हैं, उन्हें चीन की ये बर्बरता नहीं दिख रही. जनाब दिख तो सब रहा है, बस ये समझ लीजिए कि इमरान खान का नया पाकिस्तान चीन के हाथों बिक गया है.
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यहां देखिए अलजजीरा को दिया गया पूरा इंटरव्यू-
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