इमरान खान पर कार्टून बनाना पाकिस्तान में 'ईशनिन्दा' के समान!
पाकिस्तान में इमरान खान के कार्टून पर चल रहा तजा विवाद ये बता देता है कि समर्थकों के बीच इमरान पैगंबर हैं और जैसे पाकिस्तान में नियम में वहां पैगंबर की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की जाती.
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भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त किये जाने के बाद से ही इमरान खान सुर्ख़ियों में है. अब इसे पहचान और लोकप्रिय होने की भूख कहें या कुछ और इमरान ने खुद अपने मुंह मियां मिट्ठू बनते हुए खुद को कश्मीर का एम्बेसडर घोषित कर दिया है. बीते दिन ही UNGA में इमरान खान ने कश्मीर मामले को लेकर अपना पक्ष रखा है. जिसमें उन्होंने अपनी बातों से खुद इस बात की पुष्टि कर दी है कि वो सुधारने वाले नहीं हैं. कश्मीर मामले को लेकर जहां एक तरफ इमरान खान पूरी दुनिया से लानत मलामत झेल रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस अहम मसले पर सरकार की आलोचना शुरू कर दी है. पाकिस्तान में इमरान का एक कार्टून छपा है. ये बात इमरान खान सरकार को इतनी बुरी लग गई है बात उस कार्टून को बनाने वाले कार्टूनिस्ट की नौकरी तक आ गई है. कार्टूनिस्ट की क्रिएटिविटी पर जैसा रवैया सरकार का रहा. कह सकते हैं कि इमरान खान पर कार्टून बनाना पाकिस्तान में 'ईशनिन्दा' से कम नहीं है.
इमरान खान पर बने एक कार्टून ने पाकिस्तान की सियासत में जलजला ला दिया है
ध्यान रहे कि पाकिस्तान के 'द नेशन' अखबार ने एक कार्टून प्रकाशित किया. कार्टून में दर्शाया है, एक घोड़ा गाड़ी में इमरान खान को घोड़े के रूप में दिखाया है. जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, इमरान खान रूपी घोड़े को हांक रहे हैं, ट्रम्प का हाथ पीएम मोदी के कंधे पर हैं, मोदी मुस्कुरा रहे हैं. साफ़ था की इस कार्टून के जरिये पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी नीतियों की तीखी आलोचना की गई.
Khalid Hussain, the sacked cartoonist of The Nation says the paper management has told him to stop drawing for them following a controversy over his caricature of the country’s prime minister this week.
— Murtaza Solangi (@murtazasolangi) September 27, 2019
ये कार्टून लोगों को खूब पसंद आया और इसे सोशल मीडिया पर खूब जमकर शेयर किया गया. एक कार्टून को मिल रहा जनसमर्थन सरकार को नागवार गुजरा और उन्होंने इस कार्टून को बनाने वाले कार्टूनिस्ट खालिद हुसैन की नौकरी तक छीन ली. अपने साथ हुई नाइंसाफी पर खालिद हुसैन का यही कहना है कि अख़बार के मैनेजमेंट ने उन्हें सूचित किया कि अब उनके कार्टून नहीं छापे जाएंगे. इसके पीछे का तर्क देते हुए अख़बार ने खालिद को बताया था कि उनके बनाए कार्टून ने पीएम इमरान खान, उनकी पार्टी के नेताओं के अलावा इमरान समर्थकों को नाराज कर दिया है.
Pakistan Union of Cartoonists strongly condemns Govt pressuring Newspaper to stop publishing cartoons of Khalid Hussain. Politicians are not above any criticism and satire by cartoonists. #supportfreemedia#PakistanUnionOfCartoonist@CRNetInt @globalcartoons @marshallcartoon pic.twitter.com/aXtWERATbC
— Sabir Nazar (@sabirnazar1) September 27, 2019
बता दें कि इस मामले के बाद इमरान समर्थकों ने खूब उत्पात मचाया था और उनकी मांग थी कि कार्टूनिस्ट को उसकी नौकरी से निकाला जाए और अख़बार माफीनामा छापे. ध्यान रहे कि इमरान समर्थकों द्वारा मचाए जा रहे इस बवाल के बाद न सिर्फ अख़बार ने कार्टूनिस्ट की सेवाओं को रोक दिया है बल्कि इसके लिए माफ़ी तक मांगी है.
अख़बार की इस माफ़ी और जिस तरह ये कार्टून पाकिस्तानी आवाम के बीच शेयर किया गया. पूरा मामला देखकर ये बात खुद-ब-खुद साफ़ हो जाती है कि कहीं न कहीं पाकिस्तानी आवाम भी इस बात को समझ गई है कि कश्मीर मसले पर इमरान खान झूठ बोल रहे हैं. आवाम समझ चुकी है कि इस अहम मुद्दे की आड़ में वो अपनी नाकामी छुपा रहे हैं.
अख़बार को भी जल्द ही इमरान खान की हनक का अंदाजा लग गया और उसने माफीनामा छाप दिया
गौरतलब है कि कश्मीर मसले पर जो भी बातें UNGA में इमरान ने कहीं हैं वो सिर्फ और सिर्फ झूठ हैं. कह सकते हैं कि एक प्रोपोगेंडा के तहत इमरान खान ने अपनी बातें कहीं हैं और झूठ का सहारा लेते हुए पूरे विश्व के सामने भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश रची है.
बाकी बात कार्टून से निकली है तो हमारे लिए भी ये कहना कहीं से गलत नहीं है कि एक ऐसे वक़्त में जब नए पाकिस्तान के नाम पर इमरान खान पूरे पाकिस्तान और पाकिस्तानी आवाम को चूना लगा रहे हों, एक अख़बार में छपे इस कार्टून ने उनकी हकीकत दुनिया को बता दी है. इमरान को एहसास हो गया है कि किसी भी वक़्त उनका भांडा फूट सकता है और उनकी असली सूरत दुनिया के सामने आ सकती है. पत्रकारिता और सच पर जिस तरह पाकिस्तान पर अंकुश लगाया जा रहा है साफ़ है कि इमरान ने अपने को पैगंबर मान लिया है और जैसा पाकिस्तान का अतीत रहा है उसने कभी पैगंबर की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की है.
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