Imran Khan की सरकार का जाना तय, विपक्ष के पास Plan A, B, C भी तैयार!
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश किया है. जिस पर 25 मार्च को सत्र बुलाया गया है. और, इन सबके बीच इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के करीब दो दर्जन सांसदों ने भी बगावती तेवर अपना लिए हैं.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाजों की खूब गिल्लियां बिखेरी हैं. लेकिन, सियासत की पिच पर अब पूर्व पाकिस्तानी गेंदबाज इमरान खान 'क्लीन बोल्ड' होने वाले हैं. दरअसल, पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश किया है. जिस पर 25 मार्च को सत्र बुलाया गया है. और, इन सबके बीच इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के करीब दो दर्जन सांसदों ने भी बगावती तेवर अपना लिए हैं. हालांकि, इमरान खान ने अपनी सरकार को इस सियासी संकट से निकालने के लिए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से बागी सांसदों के हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल होने को लेकर उनको अयोग्य घोषित करने की मांग की है. लेकिन, सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में पीएम की कुर्सी पर कोई भी बैठा हो, सरकार की कमान परोक्ष रूप से पाकिस्तानी सेना के हाथ में ही रहती है. और, माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने भी इमरान खान को अब समर्थन देने से हाथ खींच लिया है. इस स्थिति में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से जल्द किसी फैसले की उम्मीद रखना बेमानी होगा. तो, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से इमरान खान की विदाई लगभग तय मानी जा रही है.
पाकिस्तान में पीएम की कुर्सी पर कोई भी बैठा हो, सरकार की कमान परोक्ष रूप से पाकिस्तानी सेना के हाथ में ही रहती है.
क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव?
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के करीब 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इस अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार की वजह से पाकिस्तान में आर्थिक संकट और महंगाई बढ़ी है. यहां इमरान खान के लिए सबसे बड़ी समस्या उनकी ही पार्टी के बागी सांसद बन रहे हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के करीब दो दर्जन असंतुष्ट सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर इमरान खान के खिलाफ मतदान करने की बात कही है. पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक, बागी सांसद इस्लामाबाद स्थित सिंध हाउस में ठहरे हुए हैं. और, सिंध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार है. जो काफी हद तक उसी ओर इशारा कर रहा है कि जिससे इमरान खान के लिए मुश्किलें खड़ी हों. हालांकि, इमरान खान ने इन बागी सांसदों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
अविश्वास प्रस्ताव के लिए सत्र बुलाने में भी 'खेला'
इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने 25 मार्च को संसद के लोअर हाउस का सत्र बुलाया है. जबकि, पाकिस्तान के संविधान के हिसाब से अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के 14 दिनों के अंदर ही सत्र बुलाया जाना चाहिए. स्पीकर असद कैसर को इमरान खान का करीबी माना जाता है. और, संविधान के नियमों को दरकिनार करते हुए असद कैसर ने 2 हफ्तों के बाद सत्र बुलाने कर इस बात को काफी हद तक सही साबित कर दिया है. हालांकि, संविधान के अनुच्छेद-6 का उल्लंघन करने वाले असद कैसर ने सत्र को देरी से बुलाने के लिए 22 मार्च से शुरू होने वाली इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोगी संगठन यानी ओआईसी के विदेशी मंत्रियों की बैठक को कारण बताया है. क्योंकि, यह बैठक नेशनल असेंबली में ही होनी थी. लेकिन, यह कारण पूरी तरह से कमजोर नजर आता है. क्योंकि, अगर ऐसा था, तो असद कैसर 22 मार्च से पहले भी सत्र बुला सकते थे. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसे एक तरह से इमरान खान को बागी सांसदों के खिलाफ पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील के लिए समय देने के तौर पर देखा जा रहा है.
इमरान खान के खिलाफ तैयार है विपक्ष के प्लान बी और सी
इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम का संयुक्त विपक्षी गठबंधन बनाया है. अविश्वास प्रस्ताव पेश कर इस संयुक्त विपक्षी गठबंधन ने इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने का प्लान तैयार कर लिया है. लेकिन, अगर किन्ही कारणों से यह अविश्वास प्रस्ताव विफल हो जाता है, तो विपक्षी दलों के पास प्लान बी और प्लान सी भी पहले से ही तैयार हैं. अगर इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार अविश्वास प्रस्ताव को हरा देती है. तो, प्लान बी के तौर पर विपक्षी दल तत्काल ही इमरान खान को संसद में विश्वास मत हासिल करने की मांग करेंगे. अगर विपक्षी दलों का ये दांव भी असफल हो जाता है. तो, प्लान सी को अमल में लाया जाएगा. विपक्ष के प्लान सी में संसद की कार्यवाही को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में चुनौती दी जाएगी. पाकिस्तानी संविधान के अनुसार नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने अनुच्छेद-6 का उल्लंघन किया है.
क्या है पाकिस्तान में सरकार बचाने का सियासी गणित?
पाकिस्तान में 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली है. जिसमें बहुमत का आंकड़ा 172 है. नेशमल असेंबली में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के जरिये विपक्ष की कोशिश है कि इमरान खान किसी भी हाल में 172 वोट हासिल न कर पाएं. फिलहाल इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सदस्य हैं. जिनमें से करीब 24 खुले तौर पर बगावती तेवर अपना चुके हैं. वहीं, इमरान खाने के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार को लगभग छह अन्य छोटे-छोटे राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का भी समर्थन प्राप्त है. लेकिन, इमरान खान की पार्टी के सांसदों के बागी होने से पाकिस्तान में सियासी संकट पैदा हो गया है. क्योंकि, अन्य दलों के समर्थन के बावजूद इमरान खान बहुमत के आंकड़े 172 से दूर नजर आ रहे हैं.
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