सरहद पार से गोलाबारी, फिर भी होगी पाक से बात
पाकिस्तान की ओर से आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. सेना की ओर से गांववालों को सुरक्षित इलाकों में जाने की हिदायत दी गई है. फिर भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होनी है.
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सरहद के दोनों तरफ युद्ध जैसे हालात हैं. पाकिस्तान की ओर से आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. सेना की ओर से गांववालों को सुरक्षित इलाकों में जाने की हिदायत दी गई है. फिर भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होनी है.
तबाही, पलायन
सेना की ओर से लाउडस्पीकर से लोगों को सचेत किया जा रहा है. लोगों को सुरक्षित जगहों का रुख करने के साथ ही उन्हें अपने मवेशियों को भी गोलों की रेंज से दूर ले जाने को कहा गया है. इसके चलते सीमा से सटे 30 से ज्यादा गांव प्रभावित बताए जा रहे हैं.
देर रात को अचानक भारतीय चौकियों और रिहायशी इलाकों पर गोलाबारी हो रही है. जिन इलाकों को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है वे हैं - बालाकोट, मंजाकोट, मनकोट, शाहपुर, बलनोई, हमीरपुर, साब्जियां और मंडी. काफी संख्या में लोगों ने रात को ही दूसरे इलाकों में अपने रिश्तेदारों के यहां पनाह लेना पड़ रहा है.
खबरों के मुताबिक दोनों तरफ तबाही का मंजर है और इसके चलते हजारों लोग पलायन को मजबूर हुए हैं.
कौन अक्लमंद, किसे इशारा
ताजा हालात पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है, "हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. हमारा जवाब दुगना-तिगुना है. सुरक्षा वजहों से इस मसले पर ज्यादा विस्तार से बात नहीं कर सकता, लेकिन इतना कह सकता हूं कि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के सभी उपाय कर रहे हैं."
इस बीच पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को विदेश मंत्रालय द्वारा तलब कर कड़ी आपत्ति भी जताई जा चुकी है. ये बात अलग है कि बाहर निकलते ही बासित ने मौजूदा माहौल के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. फिर दोहराया भी, "कश्मीर मसला नहीं छोड़ेंगे"
उधर, संयुक्त अरब अमीरात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ दुबई और भारत ने एकता के स्वर के साथ संदेश दे दिया है. मैं इसे बहुत अहम मानता हूं. समझने वाले समझ जाएंगे, अक्लमंद को इशारा काफी है."
यूएई में संयुक्त बयान
आतंकी संगठन यूएई को पनाह के लिए बेहतरीन जगह मानते और इस्तेमाल करते रहे हैं. भारत और यूएई के बीच हुए ताजा समझौते के तहत, दोनों देश खुफिया जानकारी साझा करने के अलावा आतंक के खिलाफ साझा कार्रवाई भी करेंगे. यानी दोनों मुल्क आतंकवादियों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे.
बातचीत किसलिए
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज 23 अगस्त को दिल्ली पहुंच रहे हैं. अजीज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से द्विपक्षीय मसलों पर बात करेंगे जिसमें भारत की ओर से आतंकवाद पर जोर रहेगा. पाकिस्तान अपनी ओर से कश्मीर पर जोर डाले हुए है.
मौजूदा माहौल में बातचीत की बात पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस का कहना है जब सीमा पार से गोले बरसाए जा रहे हों, सीजफायर का लगातार उल्लंघन हो रहा हो - ऐसे में पाकिस्तान के साथ बातचीत का आखिर क्या मतलब है?
मोदी के शपथग्रहण के मौके पर सार्क नेताओं को बुलावे के बाद बातचीत का बेहतर माहौल नजर आने लगा था. लेकिन पिछले साल अगस्त में दोनों देशों के विदेश सचिवों की बातचीत भारत की ओर से रद्द कर दी गई. वजह बनी पाकिस्तानी उच्चायुक्त की हुर्रियत नेताओं से मुलाकात. उसके बाद सीजफायर के उल्लंघन को लेकर तनाव बढ़ता गया. फिर उफा में मोदी और नवाज शरीफ की मुलाकात के बाद फिजां थोड़ी तब्दीली आई है.
भारत हर हाल में बातचीत चाहता है. दुबई में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया को आज समझना चाहिए कि चाहे 20 साल बंदूक चले या 40 साल, पर फैसले तो बातचीत की मेज पर ही होते हैं."
क्या पाकिस्तान भी ऐसा ही चाहता है? सबसे बड़ा सवाल फिलहाल यही है.
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