इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल की 10 खास बातें
एग्जिट पोल के अनुमान के अनुसार कांग्रेस को 106-118 सीटें मिलेंगी. वहीं भारतीय जनता पार्टी 79-92 सीटें मिल सकती हैं. इनके अलावा जेडीएस के खाते में महज 22-30 सीटें जाने की संभावना है.
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कर्नाटक चुनाव में कौन जीतेगा, इसका अंदाजा लगाने के लिए इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया पोल आ चुका है. इस पोल के अनुसार तो कर्नाटक में कांग्रेस जीतती हुई दिखाई दे रही है. एग्जिट पोल के अनुमान के अनुसार कांग्रेस को 106-118 सीटें मिलेंगी. वहीं भारतीय जनता पार्टी 79-92 सीटें मिल सकती हैं. इनके अलावा जेडीएस के खाते में महज 22-30 सीटें जाने की संभावना है. 1-4 सीटों पर अन्य लोग जीत सकते हैं. यानी अगर देखा जाए तो फायदा कांग्रेस को होता नजर आ रहा है. आइए जानते हैं इस पोल की कुछ खास बातों पर.
1. सिद्दारमैया ने एग्जिट पोल के नतीजों पर कहा है कि उन्हें ऐसी ही उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा और किसी के साथ गठबंधन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
2. कांग्रेस के जीतने की संभावना 70 फीसदी है.
3. जैसा गोवा में हुआ कि भाजपा ने अन्य पार्टियों को साथ मिलाकर और राज्यपाल के पास जल्दी पहुंच कर अपनी सरकार बना ली, वैसा कर्नाटक में नहीं हो सकेगा. इसका कारण है कि लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और भाजपा ऐसा कुछ नहीं करेगी, जिससे लोगों में कोई गलत संदेश जाए.
4. एग्जिट पोल से यह संभावना साफ होती है कि लिंगायत वोट शेयर पूरा कांग्रेस की तरफ नहीं गया है, बल्कि उसके सिर्फ कुछ फीसदी हिस्से का ही कांग्रेस को फायदा मिला है.
5. कर्नाटक चुनाव में जेडीएस को उम्मीद से कम सीटें मिलने की संभावना है. हालांकि, जेडीएस के स्टेट सेक्रेटरी सईद असलम ने कहा है कि अल्पसंख्यकों का उन्हें समर्थन है.
6. देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी के वोट शेयर 2 फीसदी बढ़कर 35 फीसदी हो गया है, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर पिछली बार के मुकाबले 2 फीसदी गिरकर 39 फीसदी पर आ गया है. जेडीएस का वोट शेयर 3 फीसदी गिरकर 17 फीसदी पर आ गया है.
7. पोल के हिसाब से यह साफ होता है कि भारतीय जनता पार्टी से दलित और मुस्लिम समुदाय के लोगों की दूरी बढ़ी है.
8. बेंगलुरु में भाजपा ने लोकसभा चुनावों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.
9. कांग्रेस के अच्छा प्रदर्शन करने से साफ है कि लोगों को सिद्धारमैया का पिछले 5 सालों का काम, येदुरप्पा से अधिक पंसद रहा है.
10. कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग वोटिंग पैटर्न देखने को मिला है.
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