विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की इनसाइड स्टोरी
विजय रुपानी को गुजरात का नया मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा उतनी आसान नहीं रही, जितनी की दिखती है.
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शुक्रवार शाम 6 बजे यह खबर टीवी चैनलों पर एक सामान्य ब्रेकिंग की तरह नजर आई. गुजरात के नया नेतृत्व विजय रुपानी को बना दिया गया और उनकी मदद के लिए नितिन पटेल को डिप्टी. लेकिन इन दोनों नियुक्तियों की घोषणा से पहले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बड़ी माथापच्ची से गुजरना पड़ा. इस पूरे घटनाक्रम की ये है इनसाइड स्टोरी-
1. गुजरात के नए मुख्यमंत्री पद की नियुक्ति के लिए अमित शाह को आनंदीबेन पटेल के साथ शक्ति प्रदर्शन करना पड़ा. विजय रुपानी अमित शाह के उम्मीदवार थे तो नितिन पटेल आनंदीबेन के.
2. आनंदीबेन ने अपना पैर अड़ा दिया. साफतौर पर कह दिया कि अमित शाह का कोई उम्मीदवार मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में नहीं लाया जाएगा.
3. लंबी चली बैठक बहस होती रही. आनंदीबेन किसी तर्क को सुनने के लिए तैयार नहीं थीं.
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अहमदाबाद में दो घंटे चली बैठक के बाद रुपानी के नाम का आखिर एलान हो ही गया. |
4. आनंदीबेन को बताया गया कि नितिन पटेल का पाटीदारों के साथ अच्छा संवाद नहीं है. हम अगला चुनाव जीतना चाहते हैं और नितिन इस बात की ग्यारंटी नहीं दे सकते.
5. भाजपा के संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव वी. सतीश ने उसी दौरान नरेंद्र मोदी को फोन डायल कर आनंदीबेन को थमा दिया. मोदी के हस्तक्षेप के बाद वे नरम हो गईं.
6. बैठक में आनंदीबेन, अमित शाह, सरोज पांडे, नितिन गडकरी, पुरुषोत्तम रुपाला, वी. सतीश, दिनेश शर्मा, विजय रुपानी और नितिन पटेल मौजूद थे.
7. अपने अपने रुख पर अड़े रहे दोनों पक्ष अंत में एक समझौते तक पहुंचे. रुपानी को मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर सहमति हुई.
8. अमित शाह ने विजय रुपानी से वादा किया कि वे आनंदीबेन के पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार रहें.
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