अब धक्का देने से क्या फायदा, ये पब्लिक सब जानती है
मुख्यमंत्री के इस एक्ट को मिस्टर क्लीन बनने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है - लेकिन सवाल भी उठ रहे हैं.
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यूपी के सीएम अखिलेश यादव का एक वीडियो वायरल हो चुका है. इस वीडियो में अखिलेश यादव अपनी ही पार्टी के बाहुबली नेता अतीक अहमद को धक्का देकर दूर करते नजर आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री के इस एक्ट को मिस्टर क्लीन बनने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है - लेकिन सवाल भी उठ रहे हैं.
मास्टर स्ट्रोक
2012 की बात है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव समाजवादी पार्टी में शामिल होना चाहते थे. पर्दे के पीछे लगभग सारे इंतजाम हो गये थे. लेकिन ऐन मौके पर अखिलेश अड़ गये और डीपी यादव को नो एंट्री का कार्ड दिखा दिया गया.
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तब अखिलेश ने जो मिसाल पेश की उससे मैसेज ये गया अब समाजवादी पार्टी बदलने की कोशिश कर रही है. वरना, सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता विपक्ष को बात बात पर बिहार के जंगलराज की तरह यूपी में गुंडाराज बोलने का मौका देते रहते थे.
वैसे जब अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो उनके विधायकों में 111 ऐसे थे जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे थे. वैसे इस मामले में अखिलेश की पार्टी अकेली नहीं थी क्योंकि बीजेपी में ऐसे 24 तो बीएसपी में ऐसे विधायकों की संख्या 29 थी.
टिकट किसने दिया
दो साल बाद ही लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद को श्रावस्ती से टिकट दिया लेकिन बीजेपी के ददन मिश्रा ने अतीक को हरा दिया.
पिछले साल अगस्त में समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक जनेश्वर मिश्रा की 83वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश मंच पर मौजूद थे. तभी अतीक अहमद को भी भाषण देने के लिए बुलाया गया. डायस पर पहुंच कर अतीक ने मुलायम की तारीफ में खूब कसीदे भी पढ़े.
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मुलायम और अखिलेश की मौजूदगी में अतीक को मंच पर देख कर लोगों को काफी आश्चर्य भी हुआ. माना जाता रहा कि मुलायम सिंह यादव कभी नहीं चाहते कि वो अतीक के साथ मंच शेयर करें.
फूलपुर से सांसद रह चुके अतीक अहमद के खिलाफ करीब 150 मामले दर्ज हैं लेकिन मुस्लिम वोट बैंक के चलते समाजवादी पार्टी अतीक को नजरअंदाज नहीं कर पाती.
धक्का क्यों?
ये तो साफ है कि अखिलेश यादव की पूरी कोशिश होगी कि उनकी छवि पर कोई आंच न आए और विपक्ष को उन्हें घेरने का मौका मिल जाए.
सीतापुर के विधायक रामपाल यादव के खिलाफ हुई कार्रवाई को भी अखिलेश यादव के मिस्टर क्लीन बनने की कवायद के तौर पर लिया गया. रामपाल के अवैध कब्जे को भी ढहा दिया गया. खबर है कि ऐसे कुछ और विधायकों पर भी मुख्यमंत्री की नजर है.
अतीक अहमद को धक्का देते अखिलेश का वायरल हुआ फोटो |
लेकिन सवाल ये है कि जिस अतीक अहमद को पार्टी ने बाकायदा लोक सभा चुनाव लड़ाया. जिस अतीक अहमद के साथा मुलायम और अखिलेश ने सार्वजनिक रूप से मंच शेयर किया - अचानक ऐसा क्या हो गया कि सरेआम उन्हें मंच पर धक्का देकर खदेड़ दिया गया.
जिस मुस्लिम वोट बैंक के चलते समाजवादी पार्टी अभी तक अतीक को गले लगाती रही अब ऐसा क्या हो गया कि अतीक को धक्का देकर हटाया जा रहा है.
वजह जो भी हो मामला गंभीर लगता है जिस पर अखिलेश यादव की ओर से बयान का इंतजार करना होगा. लेकिन अगर ये सिर्फ छवि सुधारने की कवायद है तो बात अलग है. पब्लिक सब जानती है.
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