क्या जनता परिवार हारे हुए नेताओं का महासंघ बनेगा?
राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने 1 अप्रैल को ही कह दिया था कि जनता परिवार की छह पार्टियों का विलय तो पहले से ही है.
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राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने 1 अप्रैल को ही कह दिया था कि जनता परिवार की छह पार्टियों का विलय तो पहले से ही है. इसकी अंतिम और औपचारिक घोषणा मुलायम सिंह यादव करेंगे. हम सभी देश को धोखा देने वाली भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक ध्वज और एक प्रतीक के तहत एकजुट होंगे. अगले ही दिन बाद ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लालू की बात दोहराई और इसे एक "ठोस और प्रभावी" कदम बताया था. फिर नीतीश की ओर से एक औपचारिक घोषणा भी हुई, "इस महीने के अंत से पहले ही विलय हो जाएगा."
मतलब ये है कि सैद्धांतिक रूप से पहले ही विलय हो चुका है और अब केवल औपचारिक घोषणा होनी बाकी है. भाजपा का डर इन सभी को साथ लाया है लेकिन देखते हैं कि आगे इनका भविष्य क्या होगा? क्या हो सकता है? उनका इतिहास क्या है? कब किसने किसके बारे में क्या कहा है?
पार्टी का नाम और चिह्न
माना जा रहा है कि पार्टी के नाम में समाजवादी शब्द जरूर शामिल होगा. यह समाजवादी जनता दल या समाजवादी जनता पार्टी हो सकती है. इसका सिंबल सपा का चुनाव निशान साइकिल या फिर चक्र हो सकता है जो 1999 में चुनाव आयोग ने फ्रीज कर दिया था. जब शरद यादव की अगुवाईवाला जनता दल (यूनाइटेड) और एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाला जनता दल (सेकुलर) के रूप में विभाजित हो गए थे. दोनों दलों को अलग निशान आवंटित किए गए थे. अगर वे चक्र को चुनते हैं तो उन्हें चुनाव आयोग से इसे डी-फ्रीज कराना होगा.
कैसा दिखेगा जनता परिवार?
लोकसभा चुनाव 2014 में जनता परिवार में शामिल होने जा रहे दलों को 15 सीटों के साथ कुल मिलाकर 7.06 फीसदी वोट शेयर मिला था. लोक सभा में समाजवादी पार्टी के पास 5, आरजेडी 4, जेडी-यू 2, जेडी-एस-2 और आईएनएलडी के पास 2 सीटें हैं. लोकसभा की कुल 534 सीटों में से 336 एनडीए के पास और 56 यूपीए के पास हैं.इसी तरह राज्य सभा में इन दलों के 30 सांसद हैं. राज्य सभा में समाजवादी पार्टी के पास 15, जेडी-यू 12, आरजेडी 1, जेडी (एस) 1 और आईएनएलडी के पास 1 सीट है. राज्य सभा 250 सीटों में से एनडीए के पास 57 और यूपीए के पास 80 सीटें हैं.
क्या इसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलेगा?
नई पार्टी के पास 15 लोकसभा सांसद और राष्ट्रीय मतों का 7.06 प्रतिशत हिस्सा होगा. जो इसे राष्ट्रीय पार्टी के योग्य बनाता है. मौजूदा नियमों के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल के पास लोक सभा में दो प्रतिशत सीटें होनी चाहिए (यानी मौजूदा 543 सदस्यों में से 11 सदस्य होने चाहिए) और ये सदस्य कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से चुने गए हों. जनता परिवार समूह में चार राज्यों से 15 सांसद आते हैं. जिसमें बिहार (राजद-4 और जद-यू-2), उत्तर प्रदेश (सपा-5), हरियाणा (इनेलो-2) और कर्नाटक (जद-एस 2) शामिल है. तो तकनीकी रूप से वे राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के हकदार हैं. अब आखिरी फैसला चुनाव आयोग को करना है.
नतीजे बताते हैं कि यह गठबंधन सीटों के हिसाब से देश का 8वां सबसे बड़ी राजनीतिक दल होगा और वोटों की हिस्सेदारी के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगा. अगर पिछले चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो पता चलता है कि इसे लोक सभा की 16 सीटें और मिल सकती थीं, क्योंकि जीते उम्मीदवार से ज्यादा इनके खाते में आया सामूहिक वोट है.
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