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Updated: 20 अक्टूबर, 2021 03:55 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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देश पर एक दो नहीं पूरे 70 साल शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार है. मामला राजस्थान का है. राजस्थान के जोधपुर में राजस्थान पुलिस की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एक महिला विधायक को धरने पर बैठना पड़ा है. आगे तमाम बातें होंगी लेकिन उससे पहले हमारे लिए ये जान लेना बहुत जरूरी है कि विधायक अपने भतीजे को पुलिस की फाइलों में दर्ज होने से बचाने के लिए थाने पहुंची. लेकिन बेरहम पुलिस... उसने महिला विधायक को कानून का हवाला दिया और मजबूरन विधायक को धरना और धमकी देनी पड़ी. नहीं मतलब खुद बताइये क्या गलती थी कांग्रेस की महिला विधायक मीना कंवर और उनके पति की? साथ ही उस भतीजे ने भी ऐसा क्या किया जिसके खातिर इस हद तक जोधपुर पुलिस द्वारा तिल का ताड़ बनाया गया. बेचारा भतीजा! वो शराब पीकर सिर्फ गाड़ी ही तो चला रहा था. मामले में भतीजे का पक्ष ले रहीं महिला विधायक ने भी क्या ही गलत बोला है. उन्होंने तो सिर्फ इतना कहा कि, बच्चे सबके पीते हैं, क्या हो गया थोड़ी पी ली तो.

MLA, Congress, Rajasthan, Jodhpur, Police, Nephew, Liquor, Intoxicationपुलिस स्टेशन में शराबी भतीजे की रिहाई के लिए धरने पर बैठीं कांग्रेस विधायक मीना कंवर

ध्यान रहे शायद विधायक जी मुलायम सिंह यादव की पार्टी लाइन की हों जिनके अनुसार 'लड़के हैं और लड़कों से जवानी में भूल हो जाती है'. वाक़ई पुलिस को समझना चाहिए था कि अगर लड़के इस उम्र में दारू पीकर गाड़ी नहीं चलाएंगे तो किस उम्र में चलाएंगे. यही तो उनके खेलने कूदने के दिन हैं. क्या यही फ्रीडम ऑफ स्पीच बची है देश में कि कांग्रेस की महिला विधायक का भतीजा दारू नहीं पी सकता? क्या उसे हक़ नहीं है दारू पीकर गाड़ी चलाने का?

अरे भाई हम एक आजाद देश में हैं और आज़ाद देश के एक आजाद राज्य में पड़ने वाले जोधपुर में पुलिस इतनी रसूखदार हो गई है कि वो इस तरह विधायक घर के बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन करेगी? हम तो कहेंगे नहीं चलेगी नहीं चलेगी ये तानाशाही बिल्कुल न चलेगी. मामले के मद्देनजर पुलिस भले ही इस बात को कह रही हो कि ये मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है और इसी नाते पुलिस द्वारा विधायक के भतीजे की गाड़ी सीज की है और उसका चालान किया है.

हम पूछना चाहेंगे जोधपुर की उस तानाशाह पुलिस से कि आखिर ये चूक उससे हुई तो हुई कैसे? ये वाला क्वेश्चन इसलिए क्योंकि विधायक जी को जनता ने चुना है. अब चूंकि विधायक मीना कंवर को जनता जनार्दन का संरक्षण प्राप्त है तो क्या वो उनका परिवार उनका भतीजा इतने भी प्रिविलेज का अधिकारी नहीं है?

देश में राज्य चाहे कोई भी हो निर्दलीय से लेकर रूलिंग पार्टी तक के विधायक सांसद तो छोड़िए प्रधान तक का भौकाल होता है. ऐसे में पुलिस का उस भौकाल को जूते की नोक पर रखना और विधायक के भतीजे को सबक सिखाना न केवल निंदनीय है बल्कि आम जनता के साथ सरासर धोखा है. साफ है कि अय्याशी को आतुर जनता को पुलिस ने धोखा दिया है और शास्त्रों और व्हाट्सएप दोनों पर है कि किसी को भी धोखा देना पाप है.

इस मामले के तहत जो जानकारी मिल रही है उसमें पुलिस द्वारा वीडियो बनाने का जिक्र है. आरोप लग रहे हैं कि इंटरनेट पर जंगल की आग की तरह फैल रहे इस वीडियो को पुलिस ने ही वायरल किया है. अब हम फिर सवाल उठाते हुए पुलिस से पूछेंगे कि आखिर हिम्मत कैसे हुई उसकी ये गुनाह करने की ? क्या कोई इस तरह इतनी बेरहमी से विधायक की कारगुजारियों को देश और देश की जनता के सामने लाता है?

गौरतलब है कि जो वीडियो इंटरनेट पर समर्थक से लेकर विरोधी हर टॉम डिक एंड हैरी द्वारा शेयर हो रहा है इसमें मई पति के थाने पहुंची विधायक खुली चेतावनी देते हुए ड्यूटी पर मौजूद पुलिसवालों से कह रही है कि आप वीडियो बना रहे हो, यह अच्छा नहीं कर रहे हैं, यह बंद कर दीजिये. उधर, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भी सवाल उठ रहे हैं कि विधायक का ऐसे मामले में थाने जाकर हस्तक्षेप करना ठीक नहीं था.

जैसा मैटर है लोग तर्क से लेकर कुतर्क तक यही कर रहे हैं कि पुलिस तो कानून के अनुसार अपना काम कर रही थी. हम पूछना चाहेंगे कि क्या वाक़ई पुलिस के पास यही एक काम बचा था? अब मामले के तहत इतना घुमा फिराकर क्या ही बात कहें लेकिन जो जोधपुर में उसने कांग्रेस विधायक के साथ किया है वो अपने को मुहम्मद बिन तुगलक दिखाने की पराकाष्ठा है. साफ़ है कि खाकी बेख़ौफ़ है खादी के सामने.

बहरहाल वो तो मैं पति उम्मेद सिंह राठौड़ के थाने पर बवाल काटने वाली शेरगढ़ से कांग्रेस विधायक मीना कंवर राजनीति और उसपर भी रूलिंग पार्टी से थीं तो अपने प्यारे बिगड़ैल भतीजे की सीज हुई गाड़ी को काफी जद्दोजहद के बाद घर ले आईं और ऐसा तब हुआ जब विधायक का रुतबा देखकर डीसीपी ने खुद मामले पर हस्तक्षेप किया.

हम विधायक मीना कंवर के जज्बे को सलाम करते हैं उन्होंने थाने पर बैठ हंगामा कर इस बात का साफ़ सन्देश दे दिया कि सत्ता बड़े बड़े तुर्रम खानों को झुका देती है. आसान नहीं रहा होगा विधायक के लिए पुलिस के चंगुल से शराबी भतीजे की गाड़ी निकालना मगर जिस तरह उन्होंने पुलिस को उसी की भाषा में जवाब दिया है वो तारीफ के काबिल है.

बाकी किस्मत ख़राब है विधायक जी की नहीं तो अगर हम भी राजस्थान में होते और जोधपुर रहते तो अगले टर्म में हम भी अपना वोट उनकी दबंगई को देते. हमें यकीन है लूट, छिनैती, मर्डर, वाहन चोरी जैसी वारदातों के तमाम आरोपियों के साथ यूं ही विधायक जी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होतीं हैं और पुलिस वालों से यूं ही मोर्चा लेती हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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