सिंधिया की तारीफ के बहाने जेपी नड्डा का कांग्रेसियों को बीजेपी में आने न्योता!
आपातकाल की बरसी पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को मंच पर बिठाकर मध्य प्रदेश में डिजिटल रैली की - और दिल खोल कर ऐसे तारीफ की जैसे कांग्रेस (Congress) के नाराज नेताओं को बीजेपी ज्वाइन करने के लिए मोटिवेट कर रहे हों.
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आपातकाल की हर बरसी पर कांग्रेस (Congress) को कठघरे में खड़ा करना बीजेपी के लिए बरसों से एक रिवाज बन गया है. इमरजेंसी की 45वीं बरसी पर कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी के ज्यादा आक्रामक होने की वजह है राहुल गांधी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी के हमलों का ढंग से जवाब देने के लिए बीजेपी को 25 जून का इंतजार जरूर रहा होगा.
अमित शाह, रविशंकर प्रसाद से लेकर जेपी नड्डा तक - बीजेपी के तमाम नेता कांग्रेस को चैन की सांस लेने का कोई मौका देने के मूड में नहीं दिखे. चीन के साथ संबंधों को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को दिल्ली में तो घेरा ही, मध्य प्रदेश में होने जा रहे उपचुनावों को देखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंच पर बिठा कर तारीफ में खूब कसीदे पढ़े.
जिस तरीके से जेपी नड्डा (JP Nadda) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की तारीफ की - और जैसे ट्विटर पर अमित शाह ने कांग्रेस नेता संजय झा के बहाने कांग्रेस को निशाना बनाया, कुछ कुछ ऐसा लगता है जैसे बीजेपी कांग्रेस के नाराज नेताओं को न्योता दे रही हो.
ज्योतिरादित्य का जिगरा!
ज्योतिरादित्य सिंधिया कोरोना को मात देने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सामने आये. जून में ही कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सिंधिया को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था और हाल ही में वो स्वस्थ होकर घर लौटे हैं.
बीजेपी के मंच पर तो वो दिल्ली में पहले भी दिखे थे और फिर जब भोपाल गये तो बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी हाथों में हाथ डाले देखे गये थे - लेकिन जेपी नड्डा की वर्चुअल रैली सिंधिया को भी लंबे समय तक याद रहेगी. मध्य प्रदेश को लेकर बीजेपी की रैली में नड्डा के साथ साथ शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया का विशेष रूप से स्वागत किया.
मैं श्री @JM_Scindia जी का अभिनंदन करता हूं कि सही समय पर सही कदम उठाकर मध्यप्रदेश को तबाही और बर्बादी से बचा लिया : सीएम श्री @ChouhanShivraj pic.twitter.com/P0mDXOGPj0
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) June 25, 2020
अमित शाह के बिहार जनसंवाद से शुरू होने के बाद मध्य प्रदेश में अब तक बीजेपी की दो वर्चुअल रैलियां हो चुकी हैं. जेपी नड्डा से पहले हुई रैली को नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संबोधित किया था. गडकरी की रैली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी की कड़ी आलोचना की थी. कमलनाथ ने कहा कि एक तरफ लोग कोरोना से जूझ रहे हैं, बीमारी से दम तोड़ रहे हैं - और भाजपा उत्सव मनाने, उपलब्धि गिनाने और चुनाव लड़ने में जुटी है.
एक तरफ़ जनता कोरोना से लड़ रही है , कई लोग दम तोड़ रहे है , वही दूसरी तरफ़ भाजपा उत्सव मनाने में , उपलब्धि बताने में व चुनाव लड़ने में लगी है।एक तरफ़ ग़रीब , मज़दूर , दिहाड़ी कामगार , रोज़गार के अभाव में मारे-मारे फिर रहे है , भूख-प्यास से दम तोड़ रहे है ,3/4
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 10, 2020
जेपी नड्डा और सिंधिया के साथ बीजेपी की दूसरी रैली में शिवराज सिंह ने कमलनाथ को उसी लहजे में जवाब भी दिया. दरअसल, मध्य प्रदेश में 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं और दोनों पार्टियां जोर शोर से उसी की तैयारी में जुटी हैं. बीजेपी की ताबड़तोड़ रैलियां होने की भी यही वजह है.
कमलनाथ को टारगेट कर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'कोरोना काल में जब हमने सत्ता संभाली और वल्लभ भवन गया, तब कमलनाथ ने कोरोना से बचाव के लिए एक बैठक तक नहीं की थी, क्योंकि वो आईफा के आयोजन में व्यस्त थे. अगर कमलनाथ और कांग्रेस होती तो एमपी तबाह और बर्बाद हो जाता.
शिवराज सिंह चौहान बर्बादी से मध्य प्रदेश को बचाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का शुक्रिया अदा कर रहे थे. वैसे भी अगर सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन नहीं थामा होता तो शिवराज सिंह को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तो मिलने का संयोग भी नहीं बनता.
बीजेपी में सिंधिया की जय जयकार के पीछे कोई खास वजह?
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा - राजनीति में बोल्ड फैसला लेना और सही फैसले के साथ खड़ा होना, इसके लिए बड़ा जिगरा चाहिए होता है - और वो जिगरा ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने भी दिखाया है.'
सिंधिया ने मध्य प्रदेश में सार्वजनिक तौर पर बीजेजी की तरफ से इस कदर तारीफ बटोरी है कि कांग्रेस में उनके साथी हाथ मल रहे होंगे. वैसे जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया को हाथों हाथ लेकर कांग्रेस के नाराज नेताओं को लगता है जैसे कोई संदेश देने की कोशिश कर रहे हों. मतलब, मध्य प्रदेश कांग्रेस के और भी नेता चाहें तो बीजेपी में आने का संकेत समझ कर कोशिश कर सकते हैं - और दिल्ली में भी वे सभी जो कांग्रेस नेतृत्व के मौजूदा रवैये से घुटन महसूस कर रहे हों.
क्या बीजेपी नाराज कांग्रेसियों को न्योता दे रही है
कांग्रेस नेता संजय झा से एक इंटरव्यू में पूछा गया - आपका आगे का रास्ता क्या होगा, क्या बीजेपी से भी जुड़ सकते हैं? संजय झा का जवाब था "कांग्रेस में किसी पद पर न रहते हुए भी मैंने कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया है. आज की तारीख में बस इतना कह सकता हूं कि कांग्रेस को अपना लोकतंत्र मजबूत करना होगा."
संजय झा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के नाम पर हाल ही में कांग्रेस ने प्रवक्ता पद से हटा दिया है. कांग्रेस को निशाना बनाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में संजय झा को बगैर नाम लिये जगह दी है. अपने ट्वीट में अमित शाह ने कांग्रेस के भीतर नेताओं के घुटन का मुद्दा उठाया है.
During the recent CWC meet, senior members and younger members raised a few issues. But, they were shouted down.
A party spokesperson was unceremoniously sacked.
The sad truth is- leaders are feeling suffocated in Congress. https://t.co/GEbdKpn7A8https://t.co/Efsa8HWN82
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020
कई वाकयों के पीछे संयोग भी होता है, लेकिन राजनीति में जब ऐसे संयोग नजर आते हैं तो आगे चल कर मालूम होता है कि वे महज संयोग नहीं बल्कि एक खास रणनीति का हिस्सा होते हैं. अमित शाह और जेपी नड्डा की बातों को एक खांचे में रख कर देखें तो राजनीति की भीनी भीनी सुगंध महसूस की जा सकती है.
ये तो रोजाना देखने को मिल रहा है कि कैसे राहुल गांधी और सोनिया गांधी से लेकर तमाम कांग्रेस नेता कभी कोरोना वायरस तो कभी अर्थव्यवस्था और अब चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में बीजेपी की तरफ से काउंटर अटैक तो वैसे भी स्वाभाविक है. कोई काउंटर अटैक भी तब ज्यादा असरदार होगा जब बीजेपी सिंधिया जैसे किसी नेता को अपने पाले में मिला ले. सिंधिया जैसे नेता से मतलब कांग्रेस के राहुल ब्रिगेड से हो सकता है.
जेपी नड्डा ने सिंधिया की तारीफ और अमित शाह ने कांग्रेस के संजय झा जैसे असंतुष्ट नेताओं के सामने एक तरीके से चारा ही फेंका है, ऐसा लगता है. असलियत तो आने वाले दिनों में ही मालूम हो सकेगी, लेकिन अभी तो ऐसा ही लग रहा है जैसे बीजेपी नाराज कांग्रेसियों को न्योता दे रही हो!
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