Kapurthala lynching: मानसिक विक्षिप्त को बेअदबी के नाम पर मार देने वाले सबसे बड़े विक्षिप्त!
कपूरथला बेअदबी मामले (Kapurthala Sacrilege Incident) में मॉब लिंचिंग का शिकार एक मानसिक विक्षिप्त शख्स बना था. सुनकर झटका लग सकता है, लेकिन बेअदबी के नाम पर अंधी हो चुकी भीड़ को कहां नजर आता है कि मानसिक विक्षिप्त 'रोटी' मिलने की आस में गुरुद्वारे (Mob Lynching) में घुसा था.
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कपूरथला बेअदबी मामले (Kapurthala Sacrilege Incident) में मॉब लिंचिंग का शिकार एक मानसिक विक्षिप्त शख्स बना था. सुनकर झटका लग सकता है, लेकिन बेअदबी के नाम पर अंधी हो चुकी भीड़ को कहां नजर आता है कि मानसिक विक्षिप्त 'रोटी' मिलने की आस में गुरुद्वारे में घुसा था. बेअदबी के नाम पर गुस्से से भरी भीड़ को सिर्फ एक युवक दिखा, जिसने निशान साहिब से बेअदबी की थी. और, बेअदबी की सजा अगर भीड़ देने पर उतारू होती है, तो स्वर्ण मंदिर की तरह कपूरथला में भी मॉब लिंचिंग का फैसला सुना दिया जाता है.
दुनियाभर में लंगर के जरिये लाखों लोगों का पेट भरने वाले सिख अब इस घटना के बाद खुद ही कठघरे में खड़े हो गए हैं.
बेअदबी पर पंजाब पुलिस भी कमजोर ही नजर आती है. अगर ऐसा नहीं होता, तो पुलिस के कब्जे से छुड़ाकर उग्र भीड़ एक मानसिक विक्षिप्त को मारने की हिम्मत कैसे कर सकती थी? दुनियाभर में लंगर के जरिये लाखों लोगों का पेट भरने वाले सिख अब इस घटना के बाद खुद ही कठघरे में खड़े हो गए हैं. क्योंकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से पता चलता है कि मौत के घाट उतार दिया गया मानसिक विक्षिप्त शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए गुरुद्वारे में पहुंचा था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो मानसिक विक्षिप्त को बेअदबी के नाम पर मार देने वाले ही सबसे बड़े विक्षिप्त हैं.
A girl had made his video thinking he is dressed as 'Krishna' of the youngster who was lynched hours later, for 'stealing rotis' from a Gurudwara in Kapurthala. From his mannerisms he does not look normal.This'not normal' harmless & hungry guy did not deserve such a ghastly end. pic.twitter.com/Lw124pvctB
— anju ?? (@ianjusharma9) December 21, 2021
शुरू से ही संदेहास्पद था मामला
बात कपूरथला में हुई मानसिक विक्षिप्त युवक की मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की हो या स्वर्ण मंदिर में पीट-पीटकर मार डाले गए शख्स की. इन दोनों ही मामलों पर तमाम राजनीतिक दलों, धार्मिक संगठनों, नेताओं की ओर से बेअदबी के मामले की निंदा की थी. लेकिन, मॉब लिंचिंग के मामले पर इन तमाम लोगों ने चुप्पी साध ली थी. पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक नफा-नुकसान ने नेताओं को इस कदर अंधा कर दिया कि मॉब लिंचिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी वह धर्म को तवज्जो देते नजर आए. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो कपूरथला के निजामपुर में हुई इस कथित बेअदबी के मामले को पंजाब पुलिस की ओर से पहले ही सामान्य चोरी का मामला बताया गया था. एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने घटना वाले दिन ही कहा था कि गुरुद्वारे में बेअदबी के आरोप में मारा गया युवक बेअदबी नहीं, बल्कि चोरी करने की नीयत से आया था.
Another man Lynched, a man who tried to do beadbi on Nishan Sahib is beaten till death in Kapurthala.#Lynching pic.twitter.com/dTYh7KtlCp
— Advocate Rohit ?? (@rohitdhuria) December 19, 2021
पुलिस जांच में भी ये बात सामने आ चुकी थी कि युवक गुरुद्वारे में चोरी करने ही आया था और श्री गुरू ग्रंथ साहिब के स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं हुई थी. उस समय पुलिस की ओर से बयान आया था कि मॉब लिंचिंग करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस हत्या का मामला दर्ज करेगी. लेकिन, इस मामले को लेकर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूरा मामला ही पलट दिया गया. लेकिन, समय के साथ पुलिस के बयान भी बदलते रहे. पहले जो मामला चोरी का था, वो बेअदबी में बदल गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मानसिक विक्षिप्त युवक की हत्या को लेकर दर्ज की गई एफआईआर पर भी पुलिस ने यू-टर्न लेते हुए मॉब लिंचिंग की एफआईआर दर्ज होने से इनकार कर दिया. 45 मिनट की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईजी और एसएसपी के पास 8 फोन आए थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ग्रंथी का वीडियो
मॉब लिंचिंग की एक घटना को कैसे बेअदबी का रूप दे दिया जाता है, ये कपूरथला की घटना से साफ हो गया है. दरअसल, कपूरथला की मॉब लिंचिंग की घटना से पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग नजर आ रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में एक शख्स कहता नजर आ रहा है कि 'इस शख्स को सुबह से मार-मारकर पूछ रहे है. पहले इस शख्स ने लंगर में जाकर रोटी खाने के बाद लंगर को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद इसने कपड़े चोरी किए. निशान साहिब को भी खोलने की कोशिश की.' वायरल वीडियो में कहा जा रहा है कि 'इसने निशान साहिब की बेअदबी की है. ये सभी संगतों के सचेत होने का समय है.' बताया जा रहा है कि ये मानसिक विक्षिप्त शख्स गुरुद्वारे से भागने की कोशिश कर रहा था. जिसे संगत ने पकड़ लिया था. इस वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि बेअदबी के इस मामले में पुलिस को खबर करने की जगह वहां मौजूद लोग खुद ही न्याय करने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं.
Yup in the video when the granthi is urging all locals to come to beat this guy he says this guy has ruined our langar by eating rotis 'Beadbi' is the excuse to escape any consequences for their crime. https://t.co/qjSOjQktTU pic.twitter.com/wyCPClQrdj
— Rambhakt Vedic (@Vedic_Revival) December 20, 2021
बेअदबी के नाम पर मॉब लिंचिंग को अंजाम देने के लिए पहले इस वीडियो के जरिये लोगों को इकट्ठा होने की अपील की गई. वहीं, जब भीड़ इकट्ठा हो गई, तो बाकायदा गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट की गई थी कि 'पुलिस और किसी भी एजेंसी को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. लोगों से हथियारों के साथ अंदर आने को कहा गया.' जिसके बाद गुरुद्वारे में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ ने कमरे से मानसिक विक्षिप्त युवक को बाहर निकाल लिया. इसके बाद भीड़ ने बेअदबी के उस कथित आरोपी की हत्या कर दी. भीड़ का कहना था कि 'ऐसे मामलों में हर बार आरोपी मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात के सहारे बच जाते हैं. लेकिन, इस बार ऐसा नहीं होगा.'
इन तमाम वीडियो को देखने के बाद ये तय करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है कि असल में मानसिक विक्षिप्त कौन है? वो युवक जो भूख लगने पर रोटी मिलने के लालच में गुरुद्वारे में घुस गया या फिर वो लोग जो दुनियाभर में लंगर के जरिये लोगों का पेट भरते हैं, लेकिन बेअदबी के नाम पर गुरु ग्रंथ साहिब की सीख को ही भूल गए.
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