ये कैसा अंधविश्वास! कार पर बैठा कौआ, सीएम ने बदल दी कार?
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की गाड़ी पर कौआ बैठने के बाद उनके लिए नई गाड़ी खरीदने के फैसले से यहां बवाल मच गया है, जानिए सीएम ने क्यों किया ऐसा?
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नेताओं के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वे हर काम से पहले शुभ-अशुभ का विचार जरूर कर लेते हैं. ऐसा करके नेता शायद राजनीति में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं. शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल करने से लेकर शपथ लेने तक अक्सर नेताओं की बातें दिख जाती हैं, जो उन्हें अंधविश्वास में यकीन रखने वाला बनाती हैं.
अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कुछ ऐसा कर दिया है कि बड़े से बड़ा अधंविश्वासी भी उनके सामने छोटा लगने लगेगा. वैसे अब तक तो सिद्धारमैया को अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता रहा.
हाल ही में जब कैबिनेट मीटिंग के दौरान एक सीनियर आईएस ऑफिसर ने उन्हें 4 जुलाई को अमावस्या पड़ने के कारण विधानसभा सत्र न बुलाने की सलाह दी तो सिद्धारमैया भड़क गए. उन्होंने उस अफसर को झिड़कते हुए कहा, ‘क्या अमावस्या..तो क्या हुआ? आप इन बातों पर कैसे यकीन कर सकते हैं. विधानसभा सत्र तो 4 जुलाई से ही बुलाएंगे.’ लेकिन अब सिद्धारमैया ने एक ऐसा फैसला लिया है कि लोग हैरान रह गए हैं और उनकी तीखी आलोचना हो रही है.
कर्नाटक के सीएम का ये कैसा अंधविश्वास!
बेंगलुरु मिरर की खबर के मुताबिक हाल ही में सिद्धारमैया की गाड़ी पर एक कौआ बैठ गया जिसके बाद उस कौवे को शनि का प्रतीक मानते हुए मुख्यमंत्री के लिए नई गाड़ी खरीदने का आदेश जारी कर दिया गया. स्थानीय न्यूज चैनलों पर दिखाए जाने के बाद यहां इस बात पर काफी बवाल मचा. इसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सबसे तेज यू-टर्न के तौर पर देखा जा रहा है.
हाल ही में उनकी आधिकारिक कार की बोनेट पर एक कौआ बैठ गया. हालांकि उनके कर्मचारियों ने उस कौवे को भगाने की कोशिश की लेकिन कौआ वहां से नहीं हिला. सीएम की गाड़ी पर कौवे को बैठने को उनके करीबियों ने शनि से जोड़कर देखा, जिसके बाद तो सीएम के लिए एक नई एसयूवी खरीदने का ऑर्डर जारी कर दिया गया. सीएम के लिए जिस फॉर्चूनर के टॉप मॉडल को खरीदने का ऑर्डर किया है, जिसकी कीमत 35 लाख रुपये है.
दरअसल जब ये कौआ सीएम की कार पर बैठा तो उस समय सीएम राज्य के कर्मचारियों की हड़ताल और पुलिसकर्मियों द्वारा भी हड़ताल पर जाने की धमकी की समस्याओं से जूझ रहे थे. सीएम की खुशामद करने वालों ने उनकी गाड़ी को कार पर बैठने को दुर्भाग्य का प्रतीक कहा और गाड़ी बदलने की सलाह दे डाली.
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की कार पर कौआ बैठने के बाद जारी हुआ नई कार खरीदने का आदेश! |
फिर क्या था अब तक अंधिविश्वास के खिलाफ लड़ने के लिए पहचाने जाने वाले सीएम सिद्धारमैया ने फौरन नई गाड़ी खरीदने का आदेश जारी कर दिया. हालांकि सीएम ऑफिस ने इस बात से इनकार करते हुए कहा है कि नई गाड़ी इसलिए खरीदी जा रही है क्योंकि सीएम की गाड़ी तीन साल पुरानी हो चुकी थी. लेकिन सीएम की गाड़ी पर कौआ बैठने की घटना की खबर ने स्थानीय राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया.
नेताओं का अंधविश्वास हैरान करता है!
वैसे सिद्धारमैया की घटना अंधविश्वास की अकेली घटना नहीं है. नेताओं के मन में अंधविश्वास किस कदर बैठा होता है इसका उदाहरण राजस्थान में शनिवार को हुई राज्यसभठा वोटिंग के समय दिखा. जब अजमेर के एक होटेल से 160 बीजेपी और 6 निर्दलीय विधायकों को वोटिंग के लिए विधानसभा ले जाया जाने लगा तो बस में एक विधायक को छींक आ गई. फि क्या था, इसे अपशकुन मानकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने सारी बसें वापस अंदर भेज दीं. दस मिनट के इंतजार के बाद बसें फिर से रवाना की गईं.
लेकिन कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने अंधविश्वास के मामले में तो एक नया रिकॉर्ड ही बना दिया. उनकी कार पर कौआ क्या बैठा, 35 लाख की नई कार खरीदने का ऑर्डर दे डाला. सीएम का एक छोटी सी घटना के लिए 35 लाख की नई कार खरीदने का आदेश सच में चौंकाने वाला है. जाहिर सी बात है कि ये पैसा राज्य की जनता की जेब से ही जाएगा. एक सीएम का इस तरह का व्यवहार निराशाजनक है. अगर राज्य का सीएम अंधविश्वास में इस कदर यकीन करेगा तो आम लोगों के बीच भला क्या संदेश जाएगा?
अगर सच में सिद्धारमैया ने नई कार खरीदने का आदेश इसलिए जारी किया है क्योंकि कार गाड़ी पर कौआ बैठ गया था, तो यह निंदनीय है. जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को बेकार में खर्च करने का हक किसी को नहीं है, फिर चाहे वह राज्य का सीएम ही क्यों न हो. उल्टे राज्य का सीएम होने के नाते उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे अपने आचरण और व्यवहार से आम लोगों के लिए नई मिसाल पेश करें.
लेकिन यहां तो इसके उलट सिद्धारमैया ने कुछ ऐसा कर दिया है जिससे अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वालों को निराशा ही होगी. एक सीएम का ऐसा कृत्या निश्चित तौर पर हैरान करता है और इसकी जितनी आलोचना की जाए कम है.
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