खांसते, छींकते, पसीना-पसीना होते DK Shivakumar, पदयात्रा की जिद में इतना रिस्क!
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) में कोरोना संक्रमण के सारे लक्षण नजर आ रहे हैं. उनके संपर्क में आए कांग्रेस (Congress) नेताओं के कोरोना संक्रमित (Corona) होने की खबरें सामने आ रही हैं. लेकिन, मेकेदातू पदयात्रा (Mekedatu Padyatra) जारी है.
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आइंस्टीन ने कहा था कि 'ब्रह्मांड और मनुष्य की मूर्खता, दो ऐसी चीजे हैं, जो अनंत हैं. मैं ब्रह्मांड के बारे में यकीनी तौर पर कुछ नहीं कह सकता. लेकिन, इंसान के बारे में बोल सकता हूं.' इस धरती पर पाए जाने वाले मनुष्य की मूर्खता को लेकर आइंस्टीन उस समय जितने आश्वस्त नजर आते थे. वैसे ही, आज के समय में कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को देखकर भी कोई आसानी से इस बात पर विश्वास कर सकता है कि मनुष्य अपनी मूर्खता की सीमाओं को अभी भी जान नहीं पाया है.
देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ चुकी है. और, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार एक पदयात्रा निकाल रहे हैं. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए जहां कई राज्यों ने पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है. तो, कोरोना नियमों को ताक पर रखते हुए कर्नाटक में विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने 10 दिनों की मेकेदातू पदयात्रा निकालने की सोची है. इतना ही नहीं, इस पदयात्रा में खांसते, छींकते, पसीना-पसीना होते डीके शिवकुमार ने कोविड टेस्ट तक कराने से इनकार कर दिया है.
#Karnataka Congress Chief DK Shivakumar’s Mekedatu padayatra amid rising COVID-19 cases.All covid protocols go for a toss during the padayatra.#5iveLive | @ShivAroor, @nolanentreeo pic.twitter.com/HzIyPdZ1wS
— IndiaToday (@IndiaToday) January 12, 2022
कहा जाता है कि 'महत्वाकांक्षाओं का कोई अंत नहीं है.' लेकिन, क्या इसके लिए कोई किसी की जान को खतरे में डालने का दुस्साहस कर सकता है? किसी भी आम इंसान से ये सवाल पूछा जाए, तो उसका जवाब नहीं में ही होगा. लेकिन, नेताओं के मामले में ये बात पूरी तरह से बदल जाती है. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार जो पदयात्रा निकाल रहे हैं, उसमें कोरोना के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सैकड़ों-हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किए बगैर इसमें शामिल हो रहे हैं. क्योंकि, डीके शिवकुमार का कर्नाटक सरकार के कोविड प्रतिबंधों को लेकर कहना है कि 'कर्नाटक में कोरोना है ही नहीं. सरकार झूठ बोल रही है.' बावजूद इसके कि अब वे खुद खांसते, छींकते हुए जिस हालत में दिखाई दे रहे हैं, उनकी सेहत की कुशलता की कामना ही की जा सकती है.
डीके शिवकुमार की मेकेदातू पदयात्रा में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
लेकिन, सवाल जस का तस है कि अपनी जिद में उन्हें राज्य के अन्य लोगों की जान खतरे में डालने का अधिकार किसने दिया है? कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत पांच चुनावी राज्यों में 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली, सभा वगैरह पर रोक लगा दी है. इस एलान के बाद सबसे पहले कांग्रेस ने ही अपनी रैली और सभाओं पर रोक लगाई थी. लेकिन, कर्नाटक इन पांचों चुनावी राज्यों में शामिल नहीं है, तो क्या कर्नाटक में डीके शिवकुमार की पदयात्रा में कोरोना नहीं फैलेगा? आखिर क्या वजह है कि चुनावी राज्यों की तरह यहां कांग्रेस आलाकमान ने ऐसा फैसला लेने में रुचि नहीं दिखाई? वैसे, इसका जवाब राजनीतिक ही होगा. क्योंकि, अगले साल कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. और, कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा की वजह से एक बार सत्ता खो चुकी कांग्रेस किसी भी हाल में दोबारा सत्ता से बाहर होने का खतरा नहीं उठाना चाहती है. वैसे भी राजनीति में सत्ता में न आने से बड़ा खतरा कोरोना वायरस थोड़े ही हो सकता है.
मेकेदातू पदयात्रा के वीडियो देखेंगे, तो उसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि डीके शिवकुमार में कोरोना संक्रमण के सभी लक्षण नजर आ रहे हैं. इसके बावजूद उनकी पदयात्रा जारी है. इतना ही नहीं, डीके शिवकुमार की इस पदयात्रा में उनके साथ शामिल होने वाले कांग्रेस के कई बड़े नेता भी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. लेकिन, इन सबके बावजूद डीके शिवकुमार कोरोना को लेकर पूरी तरह से डिनायल मोड में नजर आ रहे हैं. इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में भी डीके शिवकुमार ने कोरोना वायरस को लेकर बचकानी बातें की थीं. उन्होंने कहा था कि 'कर्नाटक में कोरोना से एक भी मौत नही हो रही है. पदयात्रा वाले जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज आईसीयू में भर्ती नहीं हुआ है. सरकार ने मुझे संक्रमित करने के लिए कोविड टेस्ट के लिए ऐसे अधिकारी को भेजा. जो कोरोना संक्रमित था.' इस बातचीत में डीके शिवकुमार का कहना था कि 'उत्तर प्रदेश और कर्नाटक का मामला अलग है. यहां कोरोना महामारी को लेकर सरकार भ्रष्टाचार कर रही है.'
वैसे, हाल ही में डीके शिवकुमार ने एक एलान किया था कि वह कर्नाटक का सीएम बनने तक अपनी दाढ़ी नही कटाएंगे. तो, इस बात को कहने में कोई दो राय नही है कि उन्होंने मेकेदातू पदयात्रा को अपने शक्ति प्रदर्शन का जरिया बना लिया है. और, मुख्यमंत्री बनने की इस जिद के साथ पदयात्रा निकाल रहे डीके शिवकुमार तमाम कोरोना नियमों को तार-तार करते जा रहे हैं. शिवकुमार समेत राज्य के 60 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है. लेकिन, वो किसी के रोके नहीं रुक रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर के दौरान डीके शिवकुमार की ये पदयात्रा महामारी की सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती है. लेकिन, जो मार्के की बात आइंस्टीन कह गए हैं, उसे झुठला कौन सकता है? और, वो भी तब, जब वह किसी राजनेता की जिद से जुड़ी हो. सत्ता के लिए पदयात्रा के जरिये राज्य के लोगों की जान आफत में डालने का रिस्क डीके शिवकुमार तो ले ही सकते हैं.
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