क्या हैं Stinger और Javelin Missile? जो रूस को पहुंचा रही हैं भारी नुकसान
रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) को शुरू हुए तीन हफ्ते हो चुके हैं. लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी रूस और यूक्रेन में से कोई भी हार मानता नजर नहीं आ रहा है. यूक्रेन की ओर से इस्तेमाल की जा रही जेवलिन मिसाइल (Javelin Missile) और स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) की वजह से रूस अभी तक जंग जीत नहीं पाया है.
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रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) को शुरू हुए तीन हफ्ते हो चुके हैं. लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी रूस और यूक्रेन में से कोई भी हार मानता नजर नहीं आ रहा है. रूस की सेना यूक्रेन के बड़े शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल और बमबारी कर रही है. वहीं, यूक्रेन ने भी रूसी सेना पर हमले तेज कर दिए हैं. हालांकि, इन सबके बीच बातचीत का दौर भी चल रहा है. लेकिन, अब तक की गईं सारी कोशिशें बेनतीजा ही साबित हुई हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध से जहां दुनियाभर की अर्थव्यवस्था चरमराती दिखाई पड़ रही है. वहीं, इस जंग से हथियार बनाने वाले देशों की पौ-बारह हो गई है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अमेरिका और सैन्य संगठन नाटो के सदस्य अन्य बड़े देश यूक्रेन को रूस के खिलाफ बड़ी मात्रा में हथियार उपलब्ध करा रहे हैं. और, इन हथियारों ने रूस की नाक में दम कर दिया है. जिसकी वजह से रूस अभी तक यूक्रेन पर कब्जा नहीं कर पाया है. दरअसल, अमेरिका और सैन्य संगठन नाटो के सदस्य देशों की ओर से यूक्रेन को स्टिंगर और जेवलिन मिसाइल भेजी जा रही हैं. जो रूस की सेना के लिए घातक साबित हो रही हैं. आइए जानते हैं कि क्या हैं स्टिंगर और जेवलिन मिसाइल?
अमेरिका और सैन्य संगठन नाटो के सदस्य अन्य बड़े देश यूक्रेन को रूस के खिलाफ बड़ी मात्रा में हथियार उपलब्ध करा रहे हैं.
एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल सिस्टम
रूस के खिलाफ यूक्रेन द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल (Anti Tank Javelin Missile) को सैनिक अपने कंधे पर रखकर चला सकते हैं. इसे चलाने के लिए केवल एक सैनिक की ही जरूरत होती है. जेवलिन मिसाइल की मारक क्षमता अचूक है. एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल घातक होने के साथ ही कंप्यूटर से गाइड की जा सकती है. एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल सिस्टम से एक मिनट में दो मिसाइल चलाई जा सकती है. इसे अमेरिकी हथियार कंपनियों लॉकहीड और रेथियान ने मिलकर अमेरिकी सेना के लिए बनाया है. एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल सिस्टम विजुअल और थर्मल तरीके से काम करती है. जेवलिन मिसाइल किसी भी गर्मी छोड़ने वाली गाड़ी को निशाना बना सकती है. जेवलिन मिसाइल का 'फायर एंड फॉर्गेट' सिस्टम इसे चलाने वाले सैनिक को दूसरी मिसाइल लॉन्च करने के लिए लोड करने या मिसाइल को निशाने पर हिट करने से पहले कवर लेने का समय देती है. प्राइमरी फ्लाइट मोटर के एक्टिव होने से पहले ही एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल लॉन्च ट्यूब से बाहर आ जाती है. जैसे ही प्राइमरी फ्लाइट मोटर एक्टिव होती है, जेवलिन मिसाइल अपने निशाने पर जाने को तैयार हो जाती है.
एंटी टैक जेवलिन मिसाइल (Javelin Missile) बनाने वाली लॉकहीड के अनुसार, टॉप अटैक मोड में यह मिसाइल निशाने बनाए जाने वाले टैंक (Tank) या बख्तरबंद वाहन के ऊपर जाकर उस जगह अटैक करती है, जहां आर्मर सबसे ज्यादा कमजोर है. इसे चलाने वाला सैनिक के निशाने को चुनकर उस पर कर्सर रखते ही जेवलिन मिसाइल लॉन्च हो जाती है. लॉन्च यूनिट मिसाइल को लॉक-ऑन-प्री-लॉन्च सिग्नल भेजती है. एक बार लॉन्च होने के बाद कंप्यूटर मिसाइल को गाइड करता है. इसे इमारतों के अंदर या बंकरों से भी चलाया जा सकता है. जेवलिन मिसाइल से करीब 4000 मीटर दूर तक के लक्ष्य को भेदा जा सकता है. जेवलिन मिसाइल एक वॉरहेड की तरह काम करती है. इसका पहला हिस्सा टैंक या बख्तरबंद वाहन के कवच की बाहरी परत को उड़ा देता है. जिसके बाद वॉरहेड का मुख्य हिस्सा उसमें घुसकर वाहन को नष्ट कर देता है. रूस की सेना के टैंक और बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ यूक्रेन के सबसे बड़े हथियार के तौर पर एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल ही इस्तेमाल हो रही हैं.
स्टिंगर मिसाइल सिस्टम
स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) को आधिकारिक रूप से FIM-92A के नाम से जाना जाता है. इसे मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम (MANPADS) के तौर पर पहचाना जाता है. यह सैनिकों को हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ रहे एयरक्राफ्ट (Anti Aircraft Stinger Missile) को खत्म करने की क्षमता देती है. स्टिंगर में एक छोटा लॉन्च रॉकेट होता है, जो लॉन्च ट्यूब से मिसाइल को शूट करता है. जिसके बाद लॉन्च इंजन गिर जाता है और फिर मेन रॉकेट का इंजन एक्टिव होता है. रॉकेट का इंजन करीब 1,500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से स्टिंगर मिलाइल को उसके निशाने की ओर भेजता है. स्टिंगर मिसाइल सिस्टम को 1970 में बनाया गया था. ये केवल 5 फीट लंबी होती है. और, इसे कोई भी सैनिक अपने कंधे पर रखकर इस्तेमाल कर सकता है. इसे जमीन पर चलने वाले किसी भी सैन्य वाहन पर लगाया जा सकता है.
स्टिंगर मिसाइल इन्फ्रारेड तकनीक के जरिये निशाना बनाए गए हेलीकॉप्टर या कम ऊंचाई पर उड़ रहे एयरक्राफ्ट के इंजन को ध्वस्त कर देती है. स्टिंगर मिसाइल से 11000 फीट से नीचे उड़ रहे किसी भी एयरक्राफ्ट को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है. स्टिंगर मिसाइल और इसका लॉन्चर बहुत हल्के हैं. मिसाइल और लॉन्चर का वजन करीब 35 पाउंड यानी करीब 14 किलो होता है. इसके लॉन्चर को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है. जेवलिन मिसाइल की तरह ही यह एक 'फायर एंड फार्गेट' हथियार है. स्टिंगर मिसाइल को लॉन्च करने के लिए केवल इसे टार्गेट की निशाना साधना होता है. जैसे ही टार्गेट लॉक हो जाता है, तो ट्रिगर के जरिये इसे लॉन्च कर दिया जाता है. स्टिंगर मिसाइल सिस्टम भी अमेरिका में ही बनाया गया था. और, अमेरिकी सेना कई दशकों से इसे इस्तेमाल कर रही है.
रूस-यूक्रेन युद्ध से उछले हथियार कंपनियों के शेयर
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से जहां तेल और गैस की सप्लाई बाधित होने से दुनियाभर में महंगाई अपना असर दिखाने लगी है. वहीं, एंटी टैक जेवलिन मिसाइल बनाने वाली लॉकहीड और रेथियान के शेयरों में उछाल आया है. लॉकहीड के शेयर की कीमत 16 प्रतिशत और रेथियान के शेयर में 3 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. इतना ही नहीं, ब्रिटेन की कंपनी बीएई सिस्टम के शेयरों में 26 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से हथियार कंपनियों के निवेशकों की चांदी हो गई है. जबकि, बीते कुछ हफ्तों से शेयर बाजार लगातार गोते लगा रहा है.
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