गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी के बारे में कुछ अनसुलझे सवाल
यूपी के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में हुआ हमला यूपी पुलिस की जांच में किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. जानिए गोरखनाथ मंदिर में 'अल्लाह-हू-अकबर' के नारे लगाते हुए घुसने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी (Ahmad Murtaza Abbasi) के तार किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने की संभावना क्यों जताई जा रही है?
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यूपी के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में हुआ हमला यूपी पुलिस की जांच में किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. गोरखनाथ मंदिर में 'अल्लाह-हू-अकबर' के नारे लगाते हुए घुसने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी के तार किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना के बाद यूपी एटीएस ने जिन आरोपियों को हिरासत में लिया है, उनमें से एक अंसार गजवा-तुल-हिंद नाम के आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है. बीते साल यूपी पुलिस ने इस आतंकी संगठन से जुड़े दो आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. गोरखनाथ मंदिर पर हमला सीएम योगी आदित्यनाथ के इस मंदिर के 'मठाधीश' होने के चलते बड़ी घटना मानी जा सकती है. सुरक्षा एजेंसियों को अहमद मुर्तजा अब्बासी के घर से गोरखनाथ मंदिर का नक्शा, ऊर्दू से मिलती-जुलती भाषा की एक किताब जैसी कई चीजें बरामद हुई हैं. जो इस घटना के पीछे कहीं न कहीं आतंकी संगठन के जुड़ाव की दिशा की ओर इशारा कर रही हैं. आइए जानते हैं कि गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी के बारे में अब तक क्या पता चला है?
गोरखनाथ मंदिर पर हमला सीएम योगी आदित्यनाथ के इस मंदिर के 'मठाधीश' होने के चलते बड़ी घटना मानी जा सकती है.
पहले से ही यूपी पुलिस की रडार पर था मुर्तजा!
हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी (Ahmad Murtaza Abbasi) के पिता मुनीर अहमद अब्बासी के बयान पर नजर डालें, तो साफ है कि वह (मुर्तजा) पहले से ही यूपी पुलिस की रडार पर था. मुर्तजा के पिता एमए अब्बासी ने दावा किया कि दो अप्रैल को घर पर लखनऊ नंबर वाली बाइक से दो लोग आए थे. उन लोगों ने मुर्तजा अब्बासी के बारे में पूछताछ की थी. हालांकि, इस दौरान पिता और बेटा दोनों ही घर में मौजूद नहीं थे. और, इन लोगों की मुलाकात मुनीर अहमद के बड़े भाई से हुई थी. जिनसे पता चला था कि सादी वर्दी में पुलिस वाले आए थे और मुर्तजा को तलाश रहे थे. उन लोगों ने 35 लाख रुपये से जुड़े किसी मामले की बात की थी.
हालांकि, कागजात मांगे जाने पर उन लोगों ने मुर्तजा को बुलाने की बात कही. और, चले गए. गाड़ी नंबर और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जिनकी पहचान यूपी एटीएस से जुड़े लोगों के तौर पर हुई है. दरअसल, मुर्तजा अब्बासी 21 महीनों से यूपी एटीएस के रडार पर था. मुंबई गई यूपी एटीएस की टीम को पता चला है कि जिस पते पर मुर्तजा का आधार कार्ड बना है, उसे 2013 में ही बेच दिया था. और, नवी मुंबई में दूसरा फ्लैट खरीद कर रह रहा था. मुर्तजा खाड़ी देशों में कुछ रकम ट्रांसफर करने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर था. फ्लैट की खरीद-फरोख्त मुर्तजा के पिता मुनीर अहमद ने ही की थी.
#A Man Who tried to Enter #Gorakhnath Mandir by Chanting Allah-hu-Akbar, He attacked on Police personal, Has been arrested. #YogiAdityanathji @myogiadityanath pic.twitter.com/vbd1vsBCsI
— Kamlesh Kumar Ojha?? (@Kamlesh_ojha1) April 4, 2022
साजिश का शक कैसे बढ़ा?
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर धारदार हथियार से हमला कर घायल करने वाले मुर्तजा अब्बासी के घर की तलाशी में सुरक्षा एजेंसियों ने कई सबूत जुटाए हैं. यूपी एटीएस ने मुर्तजा के बैग से एक मजहबी किताब बरामद की है, जो संभवत: अरबी भाषा में लिखी है. इसी किताब में सुरक्षा एजेंसियों को गोरखनाथ मंदिर का नक्शा भी मिला था. वहीं, मुर्तजा के लैपटॉप से भारत से बैन हो चुके इस्लामिक कट्टरपंथी और धर्मांतरण का रैकेट चलाने के आरोपी जाकिर नाइक के कई वीडियो मिले हैं. बताया जा रहा है कि मुर्तजा लंबे समय से जाकिर नाइक के वीडियो देख रहा था. इतना ही नहीं, मुर्तजा पुलिस के आने की खबर मिलने पर नेपाल चला गया था.
भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में ATS ने एक जासूस को दबोचा था, जिसने गोरखपुर के एयरपोर्ट, गोरखनाथ मंदिर समेत शहर की कई जगहों के नक्शे पाकिस्तान भेजे थे. रिपोर्ट के अनुसार, ये जासूस हनीट्रैप का शिकार होकर दो बार पाकिस्तान भी जा चुका था. उस जासूस की ही जांच के दौरान मुर्तजा का नाम पहली बार यूपी एटीएस के सामने आया था. लेकिन, पुख्ता सबूत न मिल पाने की वजह से यूपी एटीएस उस पर हाथ डालने से कतरा रही थी. क्योंकि, मुर्तजा एक अच्छे परिवार से जुड़ा हुआ था. वैसे, मुर्तजा नेपाल से क्या किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने लौटा था? पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है. उसके मोबाइल से कई संदिग्ध लोगों से चैटिंग भी बरामद हुई है.
हमले में मर कर मुर्तजा को क्या मिल जाता?
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी मुर्तजा अब्बासी ने धारदार हथियार से सिपाहियों पर ताबड़तोड़ हमले किए थे. और, इस दौरान किसी आतंकी की तरह ही वह लगातार अल्लाह-हू-अकबर जैसे मजहबी नारे लगा रहा था. संभावना जताई जा रही है कि गोरखनाथ मंदिर पर हुआ हमला किसी बड़ी आतंकी घटना के रिहर्सल की तरह हो सकता है. अगर मुर्तजा के हाथ मंदिर सुरक्षा में लगे जवानों के हथियार आ जाते, तो स्थिति भयावह हो सकती थी. सुरक्षा एजेंसियां इस दिशा में भी अपनी जांच को आगे बढ़ा रही हैं. वहीं, गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के दौरान मुर्तजा लगातार चिल्ला रहा था कि 'मुझे गोली मार दो.' अगर ऐसा हो जाता, तो आतंकी संगठन से जुड़े लोग मुर्तजा की मौत को यूपी का माहौल खराब करने के लिए कैसे इस्तेमाल करते, इसके पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं है.
Gorakhnath mandir live terrorist attack pic.twitter.com/MfAsTy8gig
— AKASH JAAT (@AKASHJA93466624) April 5, 2022
लोन वुल्फ अटैक करने की थी तैयारी!
अब तक की जांच में एक बात तय मानी जा सकती है कि मुर्तजा किसी बड़े आतंकी साजिश को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था. बताया जा रहा है कि मुर्तजा अब्बासी इंटरनेट पर हथियार चलाने और लोन वुल्फ अटैक के बारे में भी सर्च कर रहा था. गोरखनाथ मंदिर में किया गया हमला लोन वुल्फ अटैक ही कहा जा सकता है. आमतौर पर लोन वुल्फ अटैक के मामलों में आतंकी किसी छोटे हथियार के जरिये ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. और, इन लोगों को अपनी जान की परवाह नहीं होती है. मुर्तजा भी हमले के दौरान 'मुझे गोली मार दो' जैसी बातें कह कर इसी लोन वुल्फ अटैक की ओर इशारा कर रहा था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो वह चाहता था कि उसे गोली मार दी जाए.
पिता ने मुर्तजा की बीमारी का बहाना बनाया
2015 में IIT मुंबई (IIT Bombay) से केमिकल इंजीनियरिंग करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी रिलायंस और एस्सार पेट्रोकेमिकल्स में नौकरी कर चुका है. मुर्तजा के पिता एमए अब्बासी अब कह रहे हैं कि 2017 से ही उनके बेटे की मानसिक हालत ठीक नही है. और, उसका इलाज चल रहा है. पिता का कहना है कि वह पहले भी मुंबई में एक प्लांट पर चढ़ गया था. और, अल्लाह के कहने पर ही नीचे आने बात बोल रहा था. हालांकि, लोगों के समझाने पर नीचे उतर आया था. मुर्तजा के पिता का कहना है कि अक्टूबर 2020 में उसके गोरखपुर आने के बाद से हम लोग उसे घर से निकलने नहीं देते थे. लेकिन, वह मौका पाकर भाग निकला. बेटे की दिमागी हालत खराब होने की वजह से ही उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर अलग हो गई. उसके पिता यह नहीं बता रहे हैं कि वह जाकिर नाइक के चक्कर में कैसे आया?
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