जानिए UP exit poll 2022 की 8 मुख्य बातें...
यूपी चुनाव 2022 (UP Election 2022) को लेकर इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल (India Today-Axis My India) में भाजपा गठबंधन 288 से 326 विधानसभा सीटों के साथ सत्ता में वापसी करता दिख रहा है. वहीं, समाजवादी पार्टी गठबंधन को (Samajwadi Party) गठबंधन को 71 से 101 सीटें मिलने का अनुमान है.
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यूपी चुनाव 2022 (UP Election 2022) के सातवें चरण का मतदान खत्म हो गया है. अंतिम चरण के मतदान के बाद इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल (India Today-Axis My India) सामने आ चुका है. एग्जिट पोल (Exit Poll) में भाजपा गठबंधन इतिहास रचने की ओर आगे बढ़ते हुए 288 से 326 विधानसभा सीटों के साथ सत्ता में वापसी करता दिख रहा है. वहीं, समाजवादी पार्टी गठबंधन को (Samajwadi Party) गठबंधन को 71 से 101 सीटें मिलने का अनुमान है. यूपी चुनाव 2022 को लेकर लगाए जा रहे तमाम अनुमानों में एक ही बात निकल कर सामने आई थी कि इस बार का चुनाव सीधे तौर पर भाजपा बनाम समाजवादी पार्टी ही होने वाला है. आइए जानते हैं इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल की वो जरूरी बातें, जो सत्ता में वापसी कर रही भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के अनुमान को बढ़ा रही हैं...
एग्जिट पोल में भाजपा गठबंधन इतिहास रचने की ओर आगे बढ़ते हुए 288 से 326 विधानसभा सीटों के साथ सत्ता में वापसी करता दिख रहा है.
1. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल के अनुसार, महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अव्यवस्था, आवारा पशुओं का मुद्दा, हाथरस रेप मामले के बाद हुआ घटनाक्रम और लखीमपुर में भाजपा के केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का मामला, ये सभी मुद्दे जमीन पर दिखाई पड़ रहे थे. लेकिन, नरेंद्र मोदी की कल्याणकारी योजनाओं का वितरण और सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा बेहतर कानून की स्थिति सभी मुद्दों से ऊपर नजर आई.
2. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा और समाजवादी पार्टी, दोनों सियासी दलों के बीच सबसे बड़ा अंतर महिला मतदाताएं ही डाल रही हैं. प्रदेश में महिलाओं द्वारा भाजपा के पक्ष में असाधारण रूप से मतदान करने का अनुमान सामने आया है. भाजपा को मिले महिला वोट और समाजवादी पार्टी को मिले वोटों में 16 फीसदी का अंतर है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो 100 में 48 महिलाओं ने भाजपा को वोट किया है. तो, समाजवादी पार्टी को 32 महिलाओं का वोट मिलने का ही अनुमान जताया गया है. वहीं, पुरुष मतदाताओं के बीच का यह अंतर केवल 4 फीसदी का है.
3. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने छोटे सियासी दलों आरएलडी, ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा से गठबंधन किया. और, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी जैसे ओबीसी के मजबूत नेताओं के भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए. लेकिन, इनका प्रभाव कुछ ही सीटों तक सिमटा हुआ है.
4. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल की मानें, तो स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी परंपरागत सीट पडरौना बदलकर फाजिलनगर से चुनाव लड़ने के बावजूद जीतने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इतना ही नहीं, मधुबन सीट छोड़कर घोसी विधानसभा सीट से सियासी मैदान में उतरे दारा सिंह चौहान और नकुड़ विधानसभा सीट से धर्म सिंह सैनी भी जीत के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
5. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल के अनुसार, युवा (18 से 25 वर्ष आयु वर्ग), जो कुल मतदाताओं का 15 से 20 फीसदी हैं. इनमें से पुरुष युवा बीजेपी से ज्यादा समाजवादी पार्टी को वोट दे रहे हैं. लेकिन, महिला युवाओं और अन्य सभी आयु वर्ग के बीच भाजपा को बड़ी बढ़त मिलने का अनुमान है.
6. मुस्लिम+यादव वोटों का समाजवादी पार्टी के पक्ष में एकतरफा रुझान नजर आया है. पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय दोनों पार्टियों को बराबर वोट दे रहे हैं. गैर-यादव ओबीसी, ब्राह्मण, ठाकुर और बनिया वोट बड़े रूप से भाजपा के साथ जाने का अनुमान है. भाजपा को गैर-जाटव वोटों का भी 51 फीसदी मिला है.
7. भाजपा ब्रज, दोआब, अवध, पूर्वांचल, बुंदेलखंड सहित पश्चिमी क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है. जबकि, रोहिलखंड और यादवों के गढ़ मैनपुरी और कन्नौज में समाजवादी पार्टी बहुत अच्छा कर रही है. जाटलैंड में दोनों पार्टियां लगभग समान रूप से अच्छा कर रही हैं.
8. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल में जब किसी पार्टी को करने के लिए किसी खास कारण के बारे में पूछा गया. तो, समाजवादी पार्टी को 17 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी, 16 फीसदी मतदाताओं ने राज्य के विकास, महंगाई के लिए 15 फीसदी वोटर्स, काडर मतदाता 12 फीसदी और बदलाव के लिए वोट करने वाले 6 फीसदी लोग थे.
वहीं, भाजपा के पक्ष में वोट करने वाले मतदाताओं ने राज्य के विकास के लिए 27 फीसदी, मुफ्त राशन के लिए 11 फीसदी, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए 9 फीसदी, पीएम नरेंद्र मोदी के लिए 8 फीसदी और काडर मतदाता के तौर पर 12 फीसदी वोट मिले हैं.
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