योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में क्या खास होगा, और क्यों
भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीति से लेकर योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi Cabinet Expansion) पर चर्चा की गई थी. वहीं, 19 जुलाई को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल के दिल्ली रवाना होते ही कयास लगाए जाने लगे थे कि जल्द ही योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार (UP Cabinet Expansion) हो सकता है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने वाराणसी दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की तारीफ में कसीदे पढ़ने के साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP assembly elections 2022) का सियासी बिगुल फूंक दिया था. बीते कुछ महीनों से भाजपा में योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रही 'वर्चस्व' की जंग का भी डिनर डिप्लोमेसी के जरिये हल निकाल लिया गया. संगठन को चुनाव से पहले दुरुस्त करने के लिए नाराजगी जताने वाले लगभग सभी विधायकों और नेताओं को शीर्ष नेतृत्व और आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मिलकर समझाइश दी. हाल ही में हुए मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश का खास ध्यान रखा गया था. कोरोना से उपजे हालातों और सूबे में ठाकुरों के बढ़ते कथित वर्चस्व के आरोपों के बीच मोदी सरकार में यूपी के पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के समीकरण के मद्देनजर मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. हालांकि, एक ब्राह्मण मंत्री भी मोदी कैबिनेट में शामिल हुए.
हाल ही में हुई भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीति से लेकर योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi Cabinet Expansion) पर चर्चा की गई थी. वहीं, 19 जुलाई को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल के दिल्ली रवाना होते ही कयास लगाए जाने लगे थे कि जल्द ही योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार (UP Cabinet Expansion) हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ द्वारा चुने गए नामों को हरी झंडी दिखा दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसी महीने ही योगी आदित्यनाथ कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में क्या खास होगा, और क्यों?
सीएम योगी उम्र सीमा पार कर चुके और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाएंगे.
मोदी कैबिनेट की तर्ज पर होगा फेरबदल
2022 की पहली तिमाही में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा इस साल के अंत तक हो सकती है. माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi Adityanath Cabinet Expansion) का फैसला लिया है. चर्चा है कि योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) का विस्तार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार की तरह ही होगा. नरेंद्र मोदी कैबिनेट में यूपी के 7 चेहरों को जगह देकर सभी सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की गई थी. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ बैठकों कई दौर पूरे होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बनी है. माना जा रहा है कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी मोदी कैबिनेट की तरह जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाया जाएगा. साथ ही युवा चेहरों को भी मौका देने की बात कही जा रही है.
मोदी कैबिनेट विस्तार में जिस तरह से सत्तर साल और उससे ज्यादा उम्र के और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों का इस्तीफा लिया गया था. माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ भी उसी राह पर चलेंगे और शीर्ष नेतृत्व ने बाकायदा इस पर मुहर लगा दी है. सीएम योगी उम्र सीमा पार कर चुके और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाएंगे. उम्र के लिहाज से योगी कैबिनेट के चार मंत्रियों पर निष्कासन की तलवार लटक रही है. खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री चौधरी उदयभान सिंह, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास एवं पशुधन मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी और लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय की कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है. फिलहाल योगी मंत्रिमंडल में 6 मंत्री पद खाली हैं. अगर इन नेताओं की छुट्टी होती है, तो 10 नए मंत्रियों को शपथग्रहण का मौका मिल सकता है.
ब्राह्मण विधायकों को मिल सकता है ज्यादा प्रतिनिधित्व
भाजपा योगी मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने का प्रयास करेगी. मोदी कैबिनेट में यूपी से 7 मंत्री बनाए गए थे. लेकिन, इनमें केवल एक ब्राह्मण अजय मिश्र को छोड़कर बाकी सभी ओबीसी और दलित समाज से थे. इस स्थिति में संभावना जताई जा रही है कि योगी कैबिनेट में ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है. दरअसल, सूबे में करीब 10 फीसदी आबादी वाले ब्राह्मण समुदाय को विपक्षी दलों कांग्रेस, सपा और बसपा द्वारा लगातार साधने की कोशिश की जा रही है.
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.
दरअसल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है. इस स्थिति में माना जा रहा है कि ब्राह्मण मंत्रियों को ज्यादा प्रतिनिधित्व देकर सूबे में भाजपा पर लग रहे जातीय विभेद के आरोपों को कम करने का प्रयास किया जाएगा. चर्चा ये भी है कि उम्र सीमा को पार कर चुके लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय की गद्दी भी इसी समीकरण को साधने के लिहाज से बच सकती है. हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.
जातीय समीकरण को मिलेगी खास तवज्जो
माना जा रहा है कि योगी सरकार का कैबिनेट विस्तार पूरी तरह से जातीय समीकरणों को तवज्जो देने वाला होगा. योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करने वाले निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद को सूबे में मंत्री बनाया जा सकता है. सीएम योगी के गढ़ यानी गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में निषाद मतदाताओं की बड़ी संख्या है. दरअसल, संजय निषाद अपने बेटे और भाजपा सांसद प्रवीण निषाद के लिए मोदी कैबिनेट में जगह मांग रहे थे. लेकिन, बर्थ कन्फर्म नहीं हो सकी. जिसके बाद अब संजय निषाद को योगी कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है.
पूर्व में एनडीए में शामिल रहे सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर को योगी सरकार के खिलाफ बगावती सुर अपनाने के बाद मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. भाजपा ने समीकरण साधने के लिए अनिल राजभर को मंत्री बनाया था. अब ओमप्रकाश राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाकर करीब 10 छोटी पार्टियों को अपने साथ मिला लिया है. माना जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर की चुनावी रणनीति को फेल करने के लिए राजभर समाज से एक और मंत्री को मौका मिल सकता है. योगी सरकार में मंत्री रहीं कमला रानी वरुण के कोरोना से निधन के बाद मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री नही है. माना जा रहा है कि जिस तरह से पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में नारी शक्ति को बढ़ाया था. योगी कैबिनेट में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व दिखाने के लिए महिला मंत्री बनाई जा सकती हैं.
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