'मित्रहंता लालायित थूकचट्टा': लोकसभा चुनाव 2019 का नया-नवेला विशेषण
कवि और व्यंग्यकार कुमार विश्वास ने आप और अरविंद केजरीवाल पर एक नए विशेषण के साथ निशाना साधा, जो सोशल मीडिया पर जबर्दस्त वायरल हुआ. विशुद्ध हिंदी में उन्होंने केजरीवाल से अपना हिसाब भी बराबर किया.
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कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट शासन के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए खड़ी हुई आम आदमी पार्टी को 7 साल पहले लोगों ने सिर आंखों पर बैठा लिया था, अब वही पार्टी अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए कांग्रेस के सामने याचक की भूमिका में खड़ी हुई है. कभी इस आम आदमी पार्टी का हिस्सा रहे कुमार विश्वास ने रविवार को केजरीवाल के हथकंडों की चुटकी ली.
लोकसभा चुनाव 2019 की शुरुआत हो चुकी है और अभी भी आम आदमी पार्टी ये चाहती है कि कांग्रेस से गठबंधन हो जाए. ये भी तब है जब कांग्रेस कई बार इस गठबंधन के लिए मना कर चुकी है. सोशल मीडिया से लेकर कई टीवी चैनलों की डिबेट तक आए दिन अरविंद केजरीवाल की हंसी उड़ाई जाती है और आम आदमी पार्टी के गिरे हुए स्तर की बात की जाती है.
इसी बीच कुमार विश्वास ने एक नए शब्द की रचना की है. वो कुमार विश्वास जो एक समय राहुल गांधी और मोदी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की लड़ाई में उतरे थे उन्हीं केजरीवाल पर आए दिन अब ट्विटर के जरिए वार करते रहते हैं. आलम ये है कि केजरीवाल के बारे में बात करने के लिए वो ट्वीट के जरिए कई बार भावनाओं में बहकर नए शब्दों को गढ़ देते हैं जैसा फिलहाल हुआ है.
'मित्रहंता लालायित थूकचट्टा' शब्द कुमार विश्वास ने अपनी ट्वीट में इस्तेमाल किया है और इस ट्वीट में उन्होंने अपने कुत्ते पिक्यूटी का जिक्र भी किया है.
ये 45 दिन के पिक्यूटी (Picutie) महाशय हैं???? इन तक में इतना स्वाभिमान है कि जब से एक बार कमरे में प्रवेश न करने को कहा है,तबसे बिना प्यार से पुकारे अंदर नहीं आते ! 50 बार “लगभग मना” करने की ज़रूरत ही नहीं,क्यूकिं ये भोले “पशु-कुल” से हैं, “मित्रहंता लालायित थूकचट्टा” वंश से नहीं???? pic.twitter.com/waldMUArhv
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 14, 2019
इस ट्वीट का या यूं कहें इस शब्द का आशय समझने के लिए इसे विभाजित कर देना चाहिए.
1. मित्रहंता: ये शब्द शायद अपने और अपने उन साथियों के लिए कहा है जिन्होंने पहले अरविंद केजरीवाल का साथ दिया था और उसके बाद मनमुटाव और तानाशाही के कारण से आप छोड़ दी. इसमें पत्रकार आशुतोष, आशीश खैतान, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास, मयंक गांधी जैसे अनेक नाम शामिल हैं. ये शब्द शायद इसलिए कहा गया क्योंकि केजरीवाल अपने दोस्तों का साथ नहीं निभा पाते ऐसा आरोप उनपर लगता रहा है.
2. लालायित: इसे साफ तौर पर आप पार्टी की कांग्रेस पार्टी से गठबंधन की इच्छा के लिए कहा गया है. हाल ही में मनीष सिसोदिया ने एक और ट्वीट की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि मोदी-शाह की जोड़ी को हराने के लिए कांग्रेस का साथ आप दे सकती है अगर कांग्रेस चाहे तो.
अभी भी वक़्त है मोदी शाह की जोड़ी को 18 सीटों (हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़) पर हराने का, अगर कांग्रेस चाहे तो.
— Manish Sisodia (@msisodia) April 13, 2019
3. थूकचट्टा: अकसर बेशर्मी के लिए इस्तेमाल होने वाली इस लोकोक्ति का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर केजरीवाल के खिलाफ यूं तो कई बार हुआ है, लेकिन कुमार विश्वास ने अपने व्यंग्य में इसे जगह देकर नया संदर्भ दे दिया है. ये शब्द शायद इसलिए लिखा गया है क्योंकि आप पार्टी अब उसी कांग्रेस से गठबंधन के लिए इतनी उत्सुकता देखकर सभी चौंक गए हैं. वो आप जिसने कभी कहा था कि अगर कांग्रेस और शीला दीक्षित सरकार घोटाले न करती तो हम कभी पार्टी न बनाते, वही आप अब कांग्रेस से गठबंधन की उत्सुकता सभी को दिखा चुकी है.
जहां तक बात कुमार विश्वास के ट्वीट की है तो वो आए दिन इस तरह से बिना नाम लिए केजरीवाल पर निशाना साधते रहते हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने 'आत्म मुग्ध बौना' शब्द का इस्तेमाल किया था. पर आज की ट्वीट में तो नई शब्दावली ही आ गई है. कुमार विश्वास की इस ट्वीट पर सोशल मीडिया के रिएक्शन भी काफी ज्यादा आए हैं और लोग अलग-अलग रिएक्श दे रहे हैं.
सोशल मीडिया के रिएक्शन केजरीवाल की 'लोकप्रियता' को दिखा रहे हैं.
कुछ ही दिन पहले केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस से गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि कांग्रेस ने लगभग मना कर दिया है. केजरीवाल के उसी बयान को लेकर कई यूजर्स ने ट्वीट किए. साथ ही, कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आप की उत्सुकता को देखते हुए सोशल मीडिया पर कई मीम्स भी बने हैं.
इतना मना करने के बाद घुँघरू सेठ ने दे डाली धमकी। सूत्रों के अनुसार अब घुँघरू सेठ कभी भी ये उचित कार्यवाही कर सकते हैं। pic.twitter.com/SYlsanhQHR
— चौकीदार ऋषि अग्रवाल ???????? (@editorrishi) April 14, 2019
हाल कुछ ऐसा है कि अब लोगों को ये लगने लगा है कि आप पार्टी कांग्रेस के बिना कुछ भी नहीं है. और जिस तरह से आप के नेता कांग्रेस से गठबंधन की मांग कर रहे हैं उससे तो लगता है कि वाकई खुद पार्टी के नेता भी ये मान चुके हैं कि कांग्रेस के सहारे के बिना अब उनका कोई भविष्य नहीं है. ये खराब बात इसलिए है क्योंकि आप पार्टी का गठन ही इस बात पर किया गया था कि कांग्रेस को हटाना है और कांग्रेस ने देश को सबसे खराब दौर में लाकर खड़ा कर दिया है.
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