कश्मीर मुद्दे पर इमरान खान को 57 देशों के समर्थन का झूठ बेनकाब!
अब पाकिस्तानी मीडिया भी इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि चाहे वो प्रधानमंत्री इमरान खान हो या फिर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी दोनों ही नेताओं द्वारा कश्मीर मसले को लेकर पाकिस्तान की आवाम को झूठ का सहारा लेते हुए मूर्ख बनाया जा रहा है.
-
Total Shares
जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने आ गया है. झूठ, प्रोपोगेंडा, अफवाहें पाकिस्तान के पास हथियार पूरे हैं. अपनी रैलियों के अलावा विश्व के अलग अलग मंचों से इमरान खान लगातार ऐसे प्रयास कर रहे हैं जिससे भारत की छवि को दुनिया के सामने धूमिल किया जा सके. कश्मीर मसले पर पाकिस्तान कितना झूठ बोल रहा है और कैसे अपनी नाकामी छुपा रहा है? अगर इसे समझना हो तो हम पाकिस्तानी मीडिया का रुख कर सकते हैं. पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर सुगबुगाहट तेज है कि कश्मीर पर जो कुछ भी इमरान खान कर रहे हैं, उससे उनके द्वारा और कुछ नहीं बस पाकिस्तान की आवाम की आंखों में धूल झोंकी जा रही है. कश्मीर मामले पर जो उनकी बेचैनी है उसके केंद्र में उनका निजी फायदा निहित है.
अब पाकिस्तानी मीडिया भी इस बात को मान रही है कि कश्मीर मसले पर इमरान खान की नीति स्पष्ट नहीं है
पाकिस्तान के जियो टीवी पर पत्रकार हामिद मीर के टॉक शो 'कैपिटल टॉक' पर तमाम मुद्दों पर बात हुई है. शो के मेहमान फैसल वावडा, मुस्दक मलिक और सैय्यद गनी थे. शो में जहां एक तरफ कश्मीर के अलावा मोदी की अमेरिका यात्रा बहस का अहम मुद्ददा थी. वहीं मौजूद मेहमानों की बात से ये भी साफ़ था कि कैसे कश्मीर मसले पर इमरान खान देश दुनिया को बेवक़ूफ़ बना रहे हैं और उन्हें गुमराह कर रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते दिनों कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में बड़ा झटका लगा था. पाकिस्तान UNHRC के 42वें सत्र में कश्मीर में प्रस्ताव लाने में पूरी तरह नाकाम हुआ था. ध्यान रहे कि पाकिस्तान, जेनेवा में आयोजित 42वें UNHRC सत्र के दौरान कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए डेडलाइन खत्म होने तक जरूरी समर्थन नहीं जुटा पाया था. ज्ञात हो कि प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान के पास 19 सितंबर दोपहर 1 बजे की डेडलाइन थी.
दिलचस्प बात ये है कि UNHRC के ज्यादातर सदस्य देशों ने कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से साफ़ मना कर दिया था. उस वक़्त पाकिस्तान कितना मजबूर था इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि तब उसे इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के 57 देशों का भी समर्थन हासिल नहीं हुआ था. अपनी इस बेइज्जती से बौखलाए पाकिस्तानी राजनयिक गुस्से में यूएनएचआरसी परिसर से बाहर आ गए थे.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर मुद्दे पर भारत का पाक्स रखते हुए भारत की सचिव कुमम मिनी देवी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमारा फैसला भारत का संप्रभु और आंतरिक मामला है. हमारे फैसले को गलत तरीके से प्रस्तुत कर पाकिस्तान इलाके को लेकर अपनी नीयत छिपा नहीं सकता है. कुमम मिनी देवी ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए इस बात पर भी बल दिया था कि एक बार पीओके और पाकिस्तान के इलाकों के संदर्भ में बात होनी चाहिए. लोगों का गायब होना, हिरासत में रेप की घटना, हिरासत में हत्या की घटना, प्रताड़ित करना, समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन वहां आम बात है.
Kumam Mini Devi:Let me turn to Pakistan occupied Kashmir&territories under Pak control,cases of enforced disappearances,custodial rapes,murders&torture of civil rights activists&journalists are common practices adopted to silence voices against govt&deep state in Gilgit-Baltistan https://t.co/mZ5LznHkEc
— ANI (@ANI) September 19, 2019
हामिद मीर ने अपने शो में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस ट्वीट का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने इस बात को बड़ी ही प्रमुखता से बल दिया था कि UNHRC में 50 से ज्यादा देश पाकिस्तान का समर्थन करेंगे.
Pakistan today also announces the delivery of a historic joint statement on behalf of over 50 countries to the UN Human Rights Council. For this, we asked that the Council immediately take the following steps #HRC42 pic.twitter.com/538RNc5je4
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) September 10, 2019
इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात ये थी कि शाह महमूद कुरैशी के ट्वीट करने के अगले ही दिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी एक ट्वीट के जरिये सुर्खियां बटोरने की कोशिश की थी.
I commend the 58 countries that joined Pakistan in Human Rights Council on 10 Sept reinforcing demands of int community for India to stop use of force, lift siege, remove other restrictions, respect & protect Kashmiris' rights & resolve Kashmir dispute through UNSC resolutions.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 12, 2019
हामिद मीर ने अपने शो में जायज सवाल करते हुए इमरान सरकार में मंत्री फैसल वावडा से पुछा कि आखिर किस आधार पर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 50 देशों से समर्थन मिलने की बात कही जबकि उसे 16 वोट भी हासिल नहीं हो पाए. साथ ही उन्होंने ये भी पुछा कि आखिर उन्होंने जनता और पीएम इमरान को क्यों मिसगाइड किया? इसके अलावा हामिद मीर ने इमरान खान की भी लापरवाही का जिक्र करते हुए पुछा की आखिर प्रधानमंत्री ने इस पूरे मामले पर कोई जांच क्यों नहीं की.
सवाल का जवाब देते हुए मंत्री फैसल वावदा ने कहा कि प्रधानमंत्री वही बताएंगे जो उन्हें ब्रीफ़ किया जाएगा. फैसल ने सारा ठीकरा शाह महमूद पर फोड़ते हुए कहा कि इस सवाल का जवाब खुद उन्हें ही देना चाहिए. वही कौम और कबीना को बताएं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया.
وفاقی وزیر @FaisalVawdaPTI کا کہنا ہے کہ وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی کو کابینہ اور پاکستانی قوم کو بتانا چاہئیے کہ انہوں نے 50 سے زیادہ ممالک کی حمائت کا دعویٰ کیا تھا لیکن اقوام متحدہ کی ہیومن رائیٹس کونسل میں پاکستان صرف 16 ووٹ کیوں نہ حاصل کر پایا؟ pic.twitter.com/XhpYCBOxSP
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) September 23, 2019
शो में जिस तरह की बातें हुईं उनसे साफ़ हो गया है कि पाकिस्तान कश्मीर को हथियार बनाकर अपनी नाकामी छुपा रहा है और लगातार झूठ पर झूठ बोल रहा है. कश्मीर मसले को पाकिस्तान कितना भुनाएगा और अपनी कितनी किरकिरी कराएगा इसका जवाब वक़्त की गर्त में छुपा है. लेकिन इस टीवी शो पर जो बातें हुईं और जैसे जवाब मिले एक बार फिर ये साबित हो गया कि इमरान खान एक नाकाम प्रधानमंत्री हैं, जिनका ईगो पाकिस्तान को दशकों पीछे करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
ये भी पढ़ें -
सऊदी प्रिंस सलमान से जहाज उधार लेकर अमेरिका पहुंचे इमरान कश्मीर पर क्या बात करेंगे!
पाकिस्तान को 20 बिलियन डॉलर की मदद करने वाला अरब भारत का कितना अपना ?
पाकिस्तान पर बिना गोली चलाए पुलवामा हमले का बदला ऐसे लिया जा सकता है...
आपकी राय