Lockdown extension: पीएम मोदी का सामने आना ही ट्विस्ट है...
Lockdown 2 extension: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का संबोधन जब भी राष्ट्र के नाम होता है तो पहले से आशंकाओं और संभावनाओं का दौर तेज़ हो जाता है, प्रधानमंत्री के संबोधन तक एक ट्विस्ट बना रहता है, पीएम मोदी की यही कला देश के नागरिकों को खूब लुभाती है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पहले दौर के लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) का रिपोर्ट कार्ड पेेश कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है. इसके साथ यह भी एलान कर दिया है कि 3 मई तक अगला लॉकडाउन यानी Lockdown 2 extension जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने 20 अप्रैल तक की लॉकडाउन सख्ती और चौकस निगरानी की भी बात कही, जिसके आधार पर आगे की छूट दी जाएगी. अपने 25 मिनट के संबोधन की शुरुआत उन्होंने अपने मुंह को ढंके गमझे को हटाकर की. उन्होंंने लोगों की भावनाओंं को उभारा. उनके दर्द में शामिल हुए. स्थिति की गंभीरता को बताया. जनता को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया. और अगले 3 हफ्ते तक तैयार रहने का हौंसला भर के चले गए.
इससे पहले जैसे ही PMO ने ट्वीट करके जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे देश को संबोधित करने वाले हैं, देश के सभी गलियारों में चर्चाएं तेज़ हो गई कि आखिर क्या होने वाला है, मोदी जी क्या ऐलान करने वाले हैं, उम्मीदें जताई जाने लगी, आशंकाओं और संभावनाओं का सिलसिला तेज़ हो गया, चर्चा हो रही थी कि लॅाकडाउन को और आगे बढ़ाया जा सकता है, कुछ ढ़ील भी दी जा सकती है, ताकि अर्थव्यवस्था (Economy) को धीमी ही सही पर कुछ रफ्तार दी जा सके. कुछ उम्मीद यह भी जता रहे थे कि इस बार देश के शहरों को कुछ जोनों में तब्दील किया जा सकता है. कहने वाले यह भी कह रहे थे कि कुछ हो न हो पर मोदी जी एक टास्क तो ज़रूर ही देंगें. हर कोई अपनी ओर से दिमाग खुजा रहा था और सोच रहा था कि आखिर पीएम मोदी क्या कहने वाले हैं.
पूरा देश इसी इंतजार में था कि लॉक डाउन 2 को लेकर देश के प्रधानमंत्री क्या कहेंगे
यह पहली बार नहीं था, प्रधानमंत्री के हर संबोधन से पहले ऐसे ही खूब माथापच्ची होती रहती है, लेकिन प्रधानमंत्री का अंदाज ही ऐसा है कि वह अपनी हर बात को बिल्कुल गुप्त रखते हैं, किसी को भी कानों कान खबर नहीं होती है कि आखिर प्रधानमंत्री क्या बोलने वाले हैं या किस मुद्दों को अपनी बातों में शामिल कर सकते हैं.
हर संबोधन से पहले खूब कयास लगते हैं, ये होगा वो होगा, लेकिन प्रधानमंत्री हर बार लोगों की उम्मीदों से बहुत आगे होते हैं, और फिर दिन भर सुर्खियों में छाए रहते हैं. अपनी हर बातों से लोगों के दिल तक कैसे जगह बनानी है यह कला प्रधानमंत्री मोदी को बखूब आती है.
देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्यों में 30 अप्रैल तक लॅाकडाउन बढ़ा चुके थे और यही ऐलान प्रधानमंत्री भी करें ऐसे आसार कम ही नज़र आ रहे थे. प्रधानमंत्री ने लॅाकडाउन तो बढ़ाया ही मगर उसकी अवधि 3 मई रखी, जिसका अंदाजा ही किसी को नहीं था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों की कीमत समझी और किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया, किसी प्रकार की कोई ढ़ील या राहत नहीं दी. हालांकि कुछ शर्तों के साथ 20 अप्रैल से उन कस्बों या शहरों को खोलने की बात कही, जहाँ संक्रमण न के बराबर है. यह एक तरीके से उन इलाकों के लिए तोहफा है. जहाँ जहाँ भी संक्रमित मरीज मिलते हैं वहाँ 3 मई तक किसी भी तरीके की कोई राहत मिलने के कोई भी आसार नहीं हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों से 7 बातों पर अमल करने की सलाह भी दी, मोदी जी ने जो कुछ भी कहा वह ऐन वक्त यानी आखिर वक्त तक किसी को भी मालूम नहीं था. प्रधानमंत्री का संबोधन जब जब भी होता है, आखिर वक्त तक एक ट्विस्ट बना रहता है. इसीलिए यह बात कही जाती है कि प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन ही किसी ट्विस्ट से कम नहीं है.
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