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Updated: 19 मई, 2019 02:04 PM
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लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का चुनाव जारी है और इस चरण में भी पश्चिम बंगाल ही सबसे अधिक चर्चा में है. जिस तरह हर चरण में चर्चा की वजह पश्चिम बंगाल की हिंसा रही, उसी तरह इस बार भी हिंसा ने ही पश्चिम बंगाल को सुर्खियों में ला दिया. अभी चुनाव शुरू भी नहीं हो पाया था और पश्चिम बंगाल में आगजनी की गई और बम तक चलाए गए. शुरुआती 6 चरणों के चुनावों में भी पश्चिम बंगाल में ही सबसे अधिक घटनाएं हुई थीं. खबर तो ये भी है कि दक्षिण कोलकाता से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी माला रॉय को बूथ पर केंद्रीय सुरक्षा बलों ने रोक लिया है.

आज 7वें चरण के चुनाव में यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 8 राज्यों की कुल 59 लोकसभा सीटों पर वोटिंग जारी है. इसमें पंजाब में 13, यूपी में 13, बिहार में 8, मध्य प्रदेश में 8, पश्चिम बंगाल में 9, हिमाचल प्रदेश में 4, झारखंड में 3 और चंडीगढ़ सीट पर मतदान हो रहा है.

हिंसा, लोकसभा चुनाव 2019, पश्चिम बंगाल, तृणमूल कांग्रेसचुनाव से पहले ही पश्चिम बंगाल में आगजनी और बमबारी की घटनाएं सामने आ गईं.

अगजनी से लेकर बम तक चले !

पश्चिम बंगाल के भाटपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव शुरू होने से पहले ही हिंसा भड़क उठी. गाड़ियों में आग लाग दी गई. हालात इतने खराब हो गए कि बम तक फेंके गए. भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया कि इन घटनाओं को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने अंजाम दिया है. वहीं दूसरी ओर, मथुरापुर में टीएमसी के समर्थकों पर ही बमबारी की घटनाएं सामने आई हैं. चुनाव से पहले ही हिंसा की घटना होने की वजह से पश्चिम बंगाल में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई. पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है.

पश्चिम बंगाल के ही बसीरहाट में पोलिंग बूथ नंबर 189 के बाहर मतदाताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है. आरोप लगाया जा रहा है कि टीएमसी के कार्यकर्ता उन्हें वोट नहीं डालने दे रहे हैं. बसीरहाट से भाजपा के प्रत्याशी सयांतन बसु ने कहा है कि करीब 100 लोगों को वोट देने से रोक दिया गया, हम उन्हें वोट डलवाने के लिए ले जाएंगे.

पश्चिम बंगाल के जादवपुर में बूथ नंबर 150 और 137 से भी भाजपा प्रत्याशी अनुपम हजरा ने शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि टीएमसी की महिला कार्यकर्ताएं मुंह ढक कर फर्जी वोट डाल रही हैं, उनकी पहचान नहीं की जा सकती. जब हमने उस पर सवाल उठाए तो उन्होंने पोलिंग बूथ पर ही हंगामा करना शुरू कर दिया.

- अनुपम हजरा ने कहा- टीएमसी के गुंडों ने भाजपा मंडल के प्रेसिडेंट और एक ड्राइवर को पीटा है. कार पर भी हमला कर दिया है. लोग भाजपा को वोट देने के लिए बेताब हैं, लेकिन टीएमसी के कार्यकर्ता ऐसा करने नहीं दे रहे हैं.

अन्य राज्यों में भी हिंसा और अगजनी

- टीएमसी के उम्मीदवार मदन मित्रा ने एक सुरक्षाकर्मी को गाली दी है. केंद्रीय सुरक्षा बल द्वारा बार-बार भाटपाड़ा बूथ पर अंदर जाने से रोकने पर मदन मित्रा भड़क गए और अपना आपा खो बैठे.

- पंजाब के गुरदासपुर में अकाली दल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हुई है. इस हिंसक झड़प में 3 लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आ रही है.

- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने एक लकड़ी के डिपो पर खड़े ट्रक में आग लगा दी.

- हरसिमरत कौर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रस ने बादल गांव में अपने गुंडे छोड़े हुए हैं. आरोप ये भी है कि उन लोगों ने चुनाव से एक दिन पहले गाड़ियों की तलाशी ली थी. हरसिमरत कौर ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की है, लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने ये भी कहा कि बठिंडा रूरल में भाजपा कार्यकर्ता पर हमला भी हुआ.

- आखिरी चरण के चुनाव में बिहार से भी कुछ घटनाओं की खबरें आ रही हैं. बिहार के पाटलीपुत्र से भाजपा के उम्मीदवार रामकृपाल यादव ने आरजेडी पर गंभीर आरोप लगाया है. उनके अनुसार मतदान केंद्रों पर वोटर्स को आरजेडी द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है. उन्होंने तो इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी कर दी है. आरोप ये भी है कि आरजेडी मीसा भारती को फायदा पहुंचाने की कोशिश में ये सब कर रही है.

आखिरी दौर में बिहार की 8 सीटों पर चुनाव जारी है. इसी बीच तेज प्रताप को लेकर विवाद हो गया है. दरअसल, वह वोट डालने के लिए ई-रिक्शे से बूथ पर पहुंचे थे. वहां एक कैमरामैन का पैर उनकी गाड़ी के नीचे आ गया. इसी बीच धक्का-मुक्की में तेज प्रताप की गाड़ी का शीशा टूट गया और देखते ही देखते उनके सुरक्षाकर्मियों ने उस कैमरामैन को पीटना शुरू कर दिया. 

5 मंत्रियों की किस्मत का फैसला

आखिरी चरण में 5 केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत का भी फैसला होना है. इसमें पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद, गाजीपुर से मनोज सिन्हा, आरा से आरके सिंह, अमृतसर से हरदीप सिंह पुरी और मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल के सामने अपनी सीट बचाए रखने की चुनौती है. इतना ही नहीं, आज ही पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और टीएमसी सांसस सौगत रॉय की किस्मत भी जनता के हाथों तय होगी.

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