सलमान से बड़ा गुनाह तो मुख्य गवाह हरीश दुलानी का है
1998 में बयान देना की सलमान ही दोषी है. 2006 में पुराना बयान बदलते हुए कहना कि सलमान निर्दोष हैं. अब एक बार फिर कहना कि सलमान ही दोषी हैं. आखिर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है हरीश दुलानी...
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आज कल एक शख्स आपको खुब टीवी पर दिखाई दे रहा होगा. जी हां...बात हो रही है सलमान खान के हिरण शिकार मामले की. 25 जुलाई को इस केस का जैसे ही फैसला आया सलमान खान इस केस से बरी हो गए है. सलमान के फैन्स झूम उठे. दिन-रात सलमान के घर के बाहर जश्न मनाते रहे. सलमान ने भी ट्वीट कर अपने फैन्स का शुक्रिया अदा कर दिया.
मगर कई लोग इस फैसले से खुश नहीं हैं. कोई इसे अंधा कानून बता रहा है तो कोई पैसे वालों का कानून. क्योंकि 1998 से चल रहे इस केस में मुख्य गवाह हरीश दुलानी गायब थे. ज्यादातर लोग यही सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक ऐसे महत्वपूर्ण मुकदमे का मुख्य गवाह कहां गायब हो गया?
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हर किसी के ज़हन में एक ही चीज़ दौड़ रही है कि जिस कानून को सभी के लिये एक जैसा होना चाहिए था वह खुछ खास लोगों के लिए अलग क्यों हो गया? जिस केस में सलमान खान को एक निचली अदालत ने 5 साल की सज़ा दी थी वह आज छूट कैसे गया?
सलमान खान और मुख्य गवाह हरीश दुलानी |
इस मामले के लापता मुख्य गवाह हरीश दुलानी को जब एक अखबार ने खोज निकाला तो उसका कहना है कि वह कभी लापता हुआ ही नहीं बल्कि अदालत ने उसे गवाही के लिए कभी बुलाया ही नहीं गया. उस अखबार से एक बार हरीश दुलानी ने कहा कि वह अपने पहले दिन के बयान पर कायम है कि सलमान खान ने ही काले हिरण पर गोली चलाई थी.
अब इस बयान के आने पर तो मानो कोहराम मच गया. ज्यादातर लोगों को अब इस गवाह की बात सही लग रही है और कुछ लोगों के तो तेवर ही बदल गए हैं. मगर हरीश दुलानी नाम के इस शख्स पर क्या विश्वास किया जा सकता है? इस सवाल का उठना इसलिए जरूरी है क्योंकि इसी शख्स ने 2006 में कहा था कि सलमान खान ने हिरण का शिकार नहीं किया है. उस वक्त उसने सलमान खान को बेकसूर घोषित कर दिया था. आज एक बार फिर यह शख्स जनता के बीच आकर बयान दे रहा है कि सलमान खान दोषी हैं. अब क्या ऐसे शख्स पर भरोसा किया जा सकता है जो बार-बार अपना बयान बदल रहा है.
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अब राजस्थान सरकार सलमान खान को बरी करने के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी में है. इसके लिए वह पूरी कोशिश में रहेगी कि इस बार हरीश दुलानी कहीं गायब न हो जाए लिहाजा उसे कड़ी सुरक्षा भी मुहैया कराने की तैयारी हो रही है.
लेकिन सवाल एक बार फिर वही है. 1998 में बयान देना की सलमान ही दोषी है. 2006 में पुराना बयान बदलते हुए कहना कि सलमान निर्दोष हैं. उसके बाद लगभग 10 साल तक मुकदमे में गायब रहने के बाद जब सलमान को बरी किया गया तो एक बार फिर जनता के सामने आकर कहना कि कोर्ट ने उन्हें गवाही के लिए कभी बुलाया ही नहीं. अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं. अरे हरीश दुलानी जी, क्या इतने महत्वपूर्ण मुकदमें में आप खुद नहीं जा सकते थे? जिस मुकदमे की तारीख से दो दिन पहले देश के सभी मीडिया चैनलों का कोर्ट के बाहर जमावड़ा लगना शुरू हो जाता था और अखबारों में सलमान को सजा का कयास लगाया जाता था, क्या आप सलमान को उनके किए कि सजा दिलाने के लिए अदालत से निमंत्रण का इंतजार कर रहे थे.
अब को तो तब भी नहीं सुनाई दिया जह देश का मीडिया चीख-चीख कर कह रहा था कि इस केस का मुख्य गवाह हरीश दुलानी गायब है. तब भी आप सामने नहीं आए. अब आप ही बताएं, किस तरह कोई आपकी बात पर यकीन करे? अब क्या ये नहीं कहा जा सकता कि इस पूरे मामले में सलमान खान से बड़े गुनहगार आप खुद बन गए हैं.
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