रेप की वारदात को लेकर रोमांटिक कैसे हो सकती हैं ममता बनर्जी?
पश्चिम बंगाल के नदिया में किशोरी के साथ हुए गैंगरेप पर ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया उतनी ही विचलित करने वाली है. मामले का मुख्य आरोपी टीएमसी नेता का बेटा है. और ममता बनर्जी कह रही हैं क्या पता यह रेप था, अफेयर था या फिर वह गर्भवती थी? क्या किसी ने इसकी जांच की है? अगर दो लोग प्रेम संबंध में हैं तो इसमें हम क्या कर सकते हैं?
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Nadia rape case: क्या रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियों का रेप सामान्य बात है? क्या जिन लड़कियों का अफेयर होता है, उनका रेप किया जा सकता है? क्या प्रेम संबंध में प्रेमी को प्रेमिका से रेप करने की आजादी मिल जाती है? असल में पश्चिम बंगाल के नदिया रेप केस पर सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जो कुछ कहा है उसे सुनकर हमारे दिमाग में इस तरह के सवाल उठना लाजिमी है.
कक्षा 9वीं में पढ़ने वाली 14 साल की बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है. उसके माता-पिता का कहना है कि उसका गैंगरेप हुआ था. अधिक ब्लीडिंग की वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं ममता दीदी का कहना है कि मीडिया यह फैलाया रहा है कि रेप के बाद मौत हुई. क्या पता यह रेप था, अफेयर था या फिर वह गर्भवती थी? क्या किसी ने इसकी जांच की है? अगर दो लोग प्रेम संबंध में हैं तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? यह कोई यूपी नहीं है जो मैं लव जिहाद के खिलाफ अभियान चलाउंगी. यह दो लोगों के बीच के आपस का मामला है. यह उनकी आजादी है. अगर कुछ गलत हुआ है तो पुलिस बिना भेदभाव के जांच करेगी.
यह सही है, पहले किसी के जख्म पर नमक छिड़ककर नासूर कर दो फिर उसपर मरहम लगा दो.
निर्भया की मां ने कहा है कि, अगर ममता बनर्जी रेप को लेकर इतनी संवेदनहीन हैं तो वह सीएम बनने के लायक नहीं हैं
ममता की ये बातें सुनने के बाद सबसे पहले तो हमारे दिमाग में यही आता है कि. खुद एक महिला होकर एक बच्ची के लिए ये ऐसा कैसे बोल सकती हैं? जो लड़की इस दुनिया में नहीं है. जिसके साथ इतना बुरा हुआ है उसकी मौत के बाद उसे जज करके चरित्र प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. मां, माटी, मानुष की बात करने वाली सीएम ममता के मुंह से एक बच्ची के लिए ऐसे शब्द सुनकर लोगों को उन्हें अब दीदी कहना छोड़ देना चाहिए.
बंगाल के फिल्म निर्माता श्रीजीत मुखर्जी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि नदिया रेप में सीएम ने आपत्तिजनक और असंवेदनशील टिप्पणी की है, मैं निशब्द हूं.
कम से कम उस बच्ची के माता-पिता के बारे में एक बार तो सोचना चाहिए था. एक तो उनकी बेटी नहीं रही, ऊपर से उसकी इज्जत को सरेआम उछाला जा रहा है, क्योंकि आरोपी कोई नहीं टीएमसी नेता का बेटा है. जो महिला होकर, किसी की बेटी के बारे में ऐसी बात बोले, क्या वह सीएम बनने के लायक है? वैसे भी ऐसे मामलों में लोग लड़की की ही गलती निकालते हैं, लेकिन एक सीएम से तो हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी.
ममता बनर्जी का कहना है कि मुझे पता चला है कि लड़की और लड़का रिलेशनशिप में थे. यह बात लड़की के पिता भी स्वीकार कर चुके हैं. जब लड़की की मौत 5 अप्रैल को हुई तो उसके माता-पिता उसी दिन पुलिस के पास क्यों नहीं गए? उन्होंने चुपचाप लड़की का अंतिम संस्कार क्यों कर दिया? पुलिस को इस घटना के बारे में 10 अप्रैल को बताया गया. अब वे कहां से सबूत लेकर आएंगे?
बीजेपी हमें बदनाम करना चाहती है. ममता बनर्जी की बातों से तो यही लगता है कि, इन्हें लड़की को इंसाफ दिलाने से अधिक बंगाल की छवि की पड़ी है. इनका तो यह मानना है कि दोनों में प्रेम संबंध था, इस घटना को रेप का नाम देकर हमें बदनाम करने की साजिश की जा रही है.
पीड़िता के पिता का क्या कहना है?
लड़की के पिता ने कहना है कि, मेरी बेटी 4 अप्रैल को समर गोला के बेटे के जन्मदिन की पार्टी में गई थी. शाम 7.30 बजे एक अंजान महिला और दो पुरुष मेरी बेटी को घर छोड़ने आए. मैं उस समय घर पर नहीं था. मेरी पत्नी घर पर थी. जब मेरी बेटी घर पर आई तो काफी खून बह रहा था. अगली सुबह उसकी हालत और अधिक खराब हो गई. इसलिए हम डॉक्टर को बुलाने गए, लेकिन जब हम लौटे तो वह मर चुकी थी. उन लोगों ने हमसे जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने को कहा. वे हमें धमकी दे रहे थे. समर गोआला के बेटे और उसके दास्तों ने ही मेरी बेटी का रेप किया है.
पीड़िता की मां ने क्या कहा?
पीड़िता की मां ने कहा, वे लोग मेरी बेटी को उस बर्थडे पार्टी में शाम करीब 4 बजे ले गए. वहां समर गोला के बेटे ने मेरी बेटी का रेप किया. उसे छोड़ने आए लोगों ने हमें धमकी दी कि अगर हमने मुंह खोला तो वे हमारे घर में आग लगा देंगे. इसलिए हमने कुछ नहीं कहा, लेकिन अब हमें इंसाफ चाहिए.
निर्भया की मां ने ममता बनर्जी को सुनाई खरी-खोटी
ममता बनर्जी के बयान पर आश्चर्य जताते हुए निर्भया की मां ने कहा कि अगर वे महिला होकर रेप को लेकर इतनी संवेदनहीन हैं तो उन्हें सीएम बने रहने का कोई हक नहीं है. ऐसी टिप्पणियां इस तरह के अपराधों को बढ़ावा देती हैं. ऐसे राजनेता सिर्फ अपने वोट बैंक की परवाह करते हैं. उन्हें पीड़िता के तकलीफ से कई फर्क नहीं पड़ता.
ममता बनर्जी अपनी असंवेदनशील बयान के बाद चारों तरफ से गिर गईं हैं. हर तरफ उनकी निंदा की जा रही है. ऐसे कैसे रेप की घटना को कोई लव-अफेयर से जोड़ सकता है. वहां लड़की के माता-पिता दर्द में हैं और यहां दीदी को इस घटना में रोमांस दिख रहा है. इन्हें रोमांस और रेप में फर्क ही नहीं दिख रहा है. हमारे हिसाब से तो रेप तो आखिर रेप ही होता है, चाहें बॉयफ्रेंड ने किया हो या पति ने...
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