ममता बनर्जी की लड़ाई किससे है, भाजपा, कांग्रेस या दोनों से?
ममता बनर्जी ने भाजपा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हीरो बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा द्वारा राहुल की ब्रिटेन में की गई टिप्पणी को तूल देकर संसद की कार्यवाही बाधित किया जा रहा है.
-
Total Shares
जहां सभी विरोधी दल अगले चुनाव में अपना सयुक्त उम्मीदवार उतारने की कसरत कर रहे है ऐसे समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ताज़ा बयान व उस पर कांग्रेस का प्रत्युतर चौकाने वाला ही कहा जायेगा.
ममता बनर्जी ने भाजपा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हीरो बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा द्वारा राहुल की ब्रिटेन में की गई टिप्पणी को तूल देकर संसद की कार्यवाही बाधित किया जा रहा है. हाल ही में ममता ने मुर्शिदाबाद जिले में तृणमूल कांग्रेस की बैठक के दौरान फोन पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस भाजपा से लड़ने में विफल रही है और पश्चिम बंगाल में उनकी भाजपा के साथ साठगांठ है.
पार्टी के एक नेता के मुताबिक, हमारी पार्टी सुप्रीमो ने फोन पर हमारी आंतरिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा जानबूझकर राहुल गांधी को उनकी टिप्पणियों पर संसद की कार्यवाही को रोककर हीरो बनाने की कोशिश कर रही है. भाजपा अपने हितों की पूर्ति के लिए ऐसा कर रही है, ताकि अन्य विपक्षी दल लोगों से जुड़े मुद्दों को न उठा पाएं. वे राहुल गांधी को विपक्षी खेमे का हीरो बनाना चाहते हैं.
ममता बनर्जी ने भाजपा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हीरो बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया
ममता बनर्जी की यह टिप्पणी राहुल गांधी की हाल की ब्रिटेन यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर संसद में गतिरोध के बीच आई है, जिसमें दोनों सदन बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले पांच दिनों में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को नहीं कर पाए हैं. किसी भी दिन सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई है. भाजपा राहुल गांधी से माफी की मांग को लेकर अड़ी हुई है. उनका कहना है कि राहुल ने विदेशी जमीन पर भारत के लोकतंत्र और संसद का अपमान किया है.
राहुल गांधी पर टीएमसी सुप्रीमो की टिप्पणी कांग्रेस और भाजपा दोनों से दूर रहने की घोषणा के ठीक दो दिन बाद आई है. टीएमसी की ओर से संकेत दिए गए हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ममता अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत कर सकती हैं. उन्होंने गैर-कांग्रेसी गठबंधन बनाने के भी संकेत दिए हैं. टीएमसी ने यह भी कहा कि कांग्रेस विपक्ष की 'बिग बॉस' नहीं है.
टीएमसी मुर्शिदाबाद जिला अध्यक्ष और सांसद अबू ताहेर का कहना है कि सागरदिघी उपचुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस-सीपीआई (एम)-भाजपा का छिपा हुआ गठजोड़ राज्य में चल रहा है. सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस ने टीएमसी से सीट छीन ली थी. ममता दीदी ने कहा कि हमें अगले पंचायत और लोकसभा चुनावों में इस साठगांठ को हराना है. उन्होंने हमें आने वाले दिनों में एकजुट होकर लड़ने के लिए कहा.
ताहेर ने बताया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का नाम लिए बिना ममता बनर्जी ने उन पर भाजपा के साथ मौन सहमति रखने का आरोप लगाया. उपचुनाव के नतीजों से नाराज बनर्जी ने घोषणा की कि वह भविष्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगी.
पार्टी की बैठक में ममता बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चौधरी ने दावा किया कि यह टीएमसी है, जो भाजपा की मदद करना चाहती है. आप (टीएमसी) भाजपा से लड़ रहे हैं और कांग्रेस से दूरी बनाए हुए हैं. यह केवल टीएमसी जैसी पार्टियों की वास्तविक प्रकृति को दर्शाता है, जो विपक्षी खेमे में ट्रोजन हॉर्स के अलावा और कुछ नहीं हैं. कांग्रेस नहीं, बल्कि टीएमसी ने भाजपा से हाथ मिलाया है. भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई और ईडी के चंगुल से खुद को छुड़ाने के लिए टीएमसी ने ऐसा किया है.
ममता के इसी बयान पर सोमवार को कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने तंज कसा है कि ममता ED-CBI से बचना चाहती हैं, उनकी कोशिश PM मोदी को खुश करना है.अधीर ने यह भी कहा- ममता बनर्जी ये मोदी जी के आदेश पर कह रही हैं. ममता बनर्जी और प्रधान मंत्री मोदी में एक करार हुआ है. उनका मकसद कांग्रेस और राहुल गांधी को तबाह करना और इनकी छवि धूमिल करना है. उनका नारा बदल चुका है, वे ED-CBI से बचना चाहती हैं. जो भी कांग्रेस का विरोध करेगा उससे मोदी खुश होंगे.
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता मुर्शिदाबाद जिले में पार्टी की इंटरनल मीटिंग के दौरान फोन पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस भाजपा से लड़ने में विफल रही है और पश्चिम बंगाल में भगवा खेमे के साथ मौन सहमति है.भाजपा अपने फायदे के लिए ऐसा कर रही है ताकि अन्य विपक्षी दल लोगों से संबंधित मुद्दों को न उठा सकें. वे राहुल गांधी को विपक्षी खेमे का हीरो बनाना चाहते हैं. ममता की यह टिप्पणी राहुल गांधी की हाल की ब्रिटेन यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर संसद में गतिरोध के बीच आई है, जिसमें दोनों सदन बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले पांच दिनों में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने में विफल रहे हैं.
टी एम सी ने यह भी कहा कि कांग्रेस विपक्ष की ‘बिग बॉस' नहीं है. सागरदिघी उपचुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए, जहां कांग्रेस ने TMC से सीट छीन ली थी, बनर्जी ने कहा- कांग्रेस-CPI (M)- भाजपा का नापाक गठजोड़’ राज्य में खेल रहा है.ममता ने कहा कि हमें अगले पंचायत और लोकसभा चुनावों में इस सांठगांठ को हराना है. उन्होंने हमें आने वाले दिनों में एकजुट होकर लड़ने के लिए कहा था.’ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी का नाम लिए बिना बनर्जी ने उन पर भाजपा के साथ मौन सहमति रखने का आरोप लगाया. उपचुनाव के नतीजों से नाराज बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह भविष्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगी.
ममता ने दोबारा अपनी बात को दोहराते हुए कहा है कि सीपीआईएम और कांग्रेस पर भाजपा के साथ साठगांठ है . यदि ऐसा अपवित्र गठबंधन होगा तो कांग्रेस भाजपा से कैसे लड़ेगी? उन्होंने कहा कि वामपंथी भाजपा से कैसे लड़ेंगे और सीपीआईएम और कांग्रेस कैसे बीजेपी विरोधी होने का दावा करते हैं?
बंगाल के सरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ तृणमूल से विधानसभा सीट छीन ली. ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस, वामपंथी और भाजपा सभी ने सरदिघी में “सांप्रदायिक कार्ड” खेला है. उन्होंने कहा कि अंतर यह है कि भाजपा ने इसे खुले तौर पर खेला है, लेकिन सीपीएम और कांग्रेस ने इसे अधिक हद तक खेला है.उन्होंने कहा, “यह एक सबक है कि हमें सीपीएम या कांग्रेस की बात नहीं माननी चाहिए, जो बीजेपी के साथ काम करते हैं. हम उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं. 2024 में हम तृणमूल और आम लोगों के बीच एक गठबंधन देखेंगे. हम किसी भी अन्य राजनीतिक दलों के साथ नहीं जाएंगे. हम लोगों के समर्थन से अकेले लड़ेंगे.
ममता ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहती है कि जो लोग भाजपा को हराना चाहते हैं, मुझे विश्वास है कि वे हमें वोट देंगे तृणमूल कांग्रेस इन तीन ताकतों से एक साथ लड़ने के लिए पर्याप्त है. हमने 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में ऐसा किया है, हम इसे फिर से करेंगे. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि 2019 में बंगाल के नेता विपक्षी गठबंधन के प्रमुख वार्ताकारों में से एक थे. लेकिन न केवल यह प्रयास विफल रहा, बल्कि भाजपा ने उनके राज्य में व्यापक पैठ बना ली और 42 संसदीय सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल की.लेकिन राज्य के बाहर पार्टी को सकारात्मक परिणाम नहीं मिला. तृणमूल कांग्रेस गोवा में और फिर त्रिपुरा में खाता खोलने में विफल रही. हालांकि पार्टी ने मेघालय विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीतीं. 2021 के बाद से ममता बनर्जी को कई लोगों ने प्रधान मंत्री पद की आकांक्षाओं के रूप में देखा है हालांकि उनके साथ बिहार सीएम नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ,तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और समाजवादी पार्टी ने भी हैं. यदि विपक्षी दल आपस में ही लड़ते रहेंगे तो लगता है विपक्ष के लिए दिल्ली अभी बहुत दूर है.
आपकी राय