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Updated: 17 दिसम्बर, 2016 04:20 PM
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गलती सुधारने का मौका हर किसी को मिलता है - मालूम नहीं विपक्ष राहुल गांधी को ऐसा मौका देगा या नहीं? फिर भी लगता है राहुल गांधी अपने भूकंप वाले स्टैंड पर भूल सुधार करने वाले हैं. कांग्रेस नेता ऐसे संकेत दे रहे हैं कि संसद में भले न सही राहुल गांधी सड़क से ऐसे बयान देंगे कि भूकंप जरूर आएगा.

गुब्बारा या भूकंप?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्सनल करप्शन से जुड़े सबूत होने की राहुल गांधी की घोषणा के बाद से विपक्ष तो हैरान है ही, कांग्रेस नेताओं को भी बहुत कुछ समझ में नहीं आ रहा. जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से पहले तैयारियों को गोपनीय रखा वैसे ही राहुल गांधी भी पर्सनल करप्शन वाली बात किसी से शेयर नहीं कर रहे हैं. जब यही सवाल इंडियन एक्सप्रेस ने सीनियर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे से पूछा तो उनका जवाब था, ''उन्होंने इसकी जानकारी हमसे साझा नहीं की है. ना मैंने उनसे पूछा और ना उन्होंने मुझे बताया.''

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ऐसा लगता है हर कोई बस कयास लगा रहा है, किसी को भी नहीं मालूम कि राहुल गांधी के खुलासे के बाद वास्तव में गुब्बारा फूटेगा या फिर भूकंप आएगा.

मोदी को घेरने की तैयारी

पहले भूकंप, फिर गुब्बारा फूटने की बात करने के बाद राहुल गांधी ने मोदी से मुलाकात भी कर ली, लेकिन कुछ ही देर बाद जब गोवा पहुंचे तो खूब गरजे. साथ में, कुछ आंकड़ों का जिक्र कर नोटबंदी के फैसले को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश भी की. गोवा में राहुल गांधी ने ये भी बताया कि कांग्रेस भ्रष्टाचार को लेकर कितनी गंभीर है, वो बोले, ”कांग्रेस देश से भ्रष्‍टाचार मिटाना चाहती है. अगर एनडीए सरकार इसके खिलाफ कदम उठाती है तो उनकी पार्टी सौ फीसदी सहयोग करेगी.”

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गुब्बारा फूटेगा, भूकंप आएगा या...

संसद के शीतकालीन सत्र के बाद राहुल गांधी फिर से सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. कहने की जरूरत नहीं निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी ही हैं. राहुल गांधी के लिए कांग्रेस ने खास तौर पर दो रैलियां ऐसी जगह प्लान की है जहां से मोदी पर वार दमदार हो. 19 दिसंबर को राहुल गांधी जौनपुर में रैली करने वाले हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी जौनपुर में प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का खुलासा कर सकते हैं. जौनपुर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस के पास है और दोनों की सीमाएं एक दूसरे से सटी हुई हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि जौनपुर रैली की तैयारियों पर चर्चा के लिए कांग्रेस के इंग्लिलिशिया लाइन ऑफिस में वाराणसी, गाजीपुर, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली और आजमगढ़ के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया था.

कांग्रेस नेता राणा गोस्वामी बहुत कुछ तो नहीं बताते, लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहते हैं, "राहुल जी की जौनपुर रैली में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा."

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जौनपुर रैली के दो दिन बाद, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 दिसंबर को राहुल गांधी गुजरात जाने वाले हैं. अगर राहुल ने जौनपुर में खुलासा कर दिया तो गुजरात पहुंच कर उसे आगे बढ़ाएंगे - और अगर जौनपुर में सिर्फ ट्रेलर दिखाया तो गुजरात में पिक्चर की उम्मीद की जा सकती है.

स्वामी का मोर्चा

राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर के बाद अब सुब्रह्मण्यन स्वामी भी बीजेपी की ओर से राहुल के खिलाफ मोर्चे पर नजर आ रहे हैं. स्वामी तो अपने अंदाज में साफ साफ वॉर्निंग भी दे रहे हैं.

पहले राजनाथ ने कहा था कि राहुल के खुलासे पर हवा भी नहीं चलने वाली, फिर प्रकाश जावड़ेकर सामने आये, बोले - भूकंप नहीं, उनके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.

अब सुब्रह्मण्यन स्वामी चैलेंज कर रहे हैं - बताओ वरना कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हो जाओ. वो राहुल गांधी को इस तरह घेर रहे हैं कि अगर नहीं बताया तो वो इस मामले में भी कोर्ट जा सकते हैं. स्वामी नेशनल हेरल्ड केस में राहुल और सोनिया को कोर्ट पहुंचा कर ही दम लिये, सबने देखा ही. स्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "वो कानून से बंधे हुए हैं, सीआरपीसी के अनुसार उन्हें पुलिस स्टेशन या अदालत को इसे बताना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर 3 साल की सजा हो सकती है."

ऐसे में आप नेता अरविंद केजरीवाल कहां चूकने वाले, वो ट्वीट करते हैं, ''राहुल में हिम्मत नहीं है कि वो मोदी जी के खिलाफ कोई खुलासा करें. जिस दिन वो ऐसा करेंगे, मोदीजी रॉबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर लेंगे.''

राहुल गांधी के प्रधानमंत्री से अकेले अकेले मुलाकात कर लेने से विपक्ष पहले से ही नाराज है, बीजेपी धीरे धीरे हमलावर होती जा रही है. ऐसे में जरूरी हो गया है कि राहुल गांधी जो भी सबूत रखे हैं उसे लोगों के सामने लाएं. मुमकिन है भूकंप न आये या गुब्बारा भी न फूटे - लेकिन 'भेड़िया आया, भेड़िया आया' वाली स्थिति से तो उबर जाएंगे.

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