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Updated: 02 अगस्त, 2016 08:27 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
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बीते महीने रिपब्लिकन पार्टी के नेशनल कनवेंशन में डोनाल्ड ट्रंप को अधिकारिक तौर पर उम्मीदवार चुना गया. पार्टी के इस फैसले से महज चन्द घंटे पहले ओहायो राज्य में 100 महिलाओं ने ट्रंप की उम्मीदवारी को रोकने के लिए निर्वस्‍त्र होकर प्रदर्शन किया. अब इन 100 महिलाओं के विरोध के बाद डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप की न्यूड तस्वीर सुर्खियों में है. न्यूयार्क पोस्ट अखबार ने सोमवार को मेलानिया की न्यूड तस्वीर अपने फ्रंट पेज पर यह लिखते हुए छापी कि ‘देखिए देश की संभावित प्रथम महिला को.’

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मेलानिया की न्यूड तस्वीर अखबार में छपने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया से साफ है कि अमेरिकी जनता को अखबार में मेलानिया के ऐसे फोटो देखकर अच्छा नहीं लगा. कुछ लोगों ने इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करा दी तो कुछ इसे ट्रंप के बीमार दिमाग की उपज भी मान रहे हैं. सोशल माडिया पर ट्रंप का विरोधी खेमा यह आरोप भी मढ़ दे रहा है कि इन तस्वीरों को समलैंगिकों का वोट हथियाने की नीयत से छापा गया है.

अमेरिकी समाज और राजनीति के लिए यह चुनाव प्रचार वाकई बेहद रोचक हैं. यूरोप की राजनीति में ऐसे तमाम प्रकरण मिलते हैं जहां राष्ट्राध्यक्षों और बड़े नेताओं की निजी जिंदगी अखबारों और टैबलॉएड के हमलों का शिकार बनती हैं. लेकिन आम धारणा है कि यूरोपीय समाज पर ऐसे मामलों को कोई खास फर्क नहीं पड़ता. लेकिन यूरोप की तुलना में अमेरिका ऐसे मामलों में ज्यादा संवेदनशील रहा है. माना जाता है कि अमेरिकी समाज कंजरवेटिव क्रिस्चियन वैल्यूज पर चलता है और राजनीतिक और सामाजिक जीवन में परिवार का अहम किरदार होता है.

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खासतौर से अमेरिका के चुनावों में परिवार एक अहम रोल अदा करता है. आम आदमी का मानना है कि जो व्यक्ति अपनी पारिवारिक जिंदगी में सफल है वही अमेरिकी जनता की भावनाओं की कद्र करते हुए देश का नेतृत्व कर सकता है. याद कीजिए राष्ट्रपति रहते हुए जब बिल क्लिंटन और मोनिका लेवेंस्की का प्रकरण सामने आया तो इतना तय हो गया कि क्लिंटन देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति होने जा रहे हैं जिसका कांग्रेस से इंपीचमेंट होगा. लेकिन इससे पहले मामला सदन की कारवाई तक पहुंचता, हिलेरी क्लिंटन ने अपने परिवार और शादी को बचाने के लिए बिल क्लिंटन को उनकी कारस्तानी के लिए माफ कर दिया. इसका असर यह हुआ कि इस सनसनीखेज घटना के लिए उनपर लाया गया इंपीचमेंट मोशन सिनेट में गिर गया और उन्हें अपने पद से इस्तीफे देकर पारिवारिक जिंदगी जिने के लिए मौका दे दिया गया.

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अब यूरोप की स्थिति देखिए......................

सिल्वियो बर्लुस्कोनी

इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की पत्नी ने उन्हें प्रधानमंत्री रहते हुए तलाक दे दिया था. उन पर कम उम्र की लड़कियों से संबंध रखने का मुकदमा भी पहली पत्नी ने किया. इसके बावजूद बर्लुस्कोनी अपने राजनीतिक जीवन में बरकरार रहे. इस विवाद के अलावा उनपर हमेशा कम उम्र की लड़कियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगता रहा. वहीं यह भी माना जाता था कि निजी जिंदगी में बर्लुस्कोनी सत्ता का दुरुपयोग करते हुए अय्याशी किया करते थे और वह दुनियाभर में अपनी सेक्स पार्टी के लिए जाने जाते थे. प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद एक बार फिर वह सुर्खियों में आए जब उन्होंने अपने से 27 साल कम उम्र की एक मॉडल और पार्टी की नेता से शादी कर ली थी.

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 बर्लुस्कोनी

निकोलस सर्कोजी और फ्रांकॉए ओलांद

वहीं फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सर्कोजी की सेक्स लाइफ भी यूरोपीय खबरों की सुर्खियां बनती रही हैं. राष्ट्रपति रहते हुए सार्कोजी ने दो तलाक के बाद अपने से 14 साल कम उम्र की मॉडल कार्ला ब्रूनी से शादी की. कार्ला ने फ्रेच अखबारों और टेलिवीजन को दिए अपने कई इंटरव्यू में सर्कोजी के साथ अपनी सेक्स लाइफ की कई बार चर्चा की.

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फ्रेंच प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सर्कोजी से मुलाकात के पहले वह कई पार्टनर्स के साथ संबंध की बात यह कहते हुए कुबूल चुकी थीं कि उन्हें सिर्फ एक पार्टनर के साथ रहना बोरिंग लगता है. वहीं मौजूदा राष्ट्रपति फ्रांकॉए ओलांद ने भी अपने कार्यकाल के दौरान तलाक देते हुए एक फिल्म एक्ट्रेस और मॉडल से शादी की. इसके अलावा ओलांद भी निजी जिंदगी में अपनी अय्याशी के लिए जाने ताजे जाते हैं.

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यूरोप में इन नेताओं के पार्टनर से जुड़े जो भी मामले सामने आए, उसका उनकी राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ा. लेकिन क्‍या अमेरिका में भी ऐसा होगा. क्या राजनीति में नैतिकता की दुहाई देने वाले दोनों रिपब्लिकन और डेमोक्रैट पार्टी अब इस मुद्दे पर नरम हो रहे हैं. या फिर अमेरिकी चुनावों में महिलाओं की बढ़ती पकड़ से ये परिवर्तन देखने को मिल रहा है. अब यह तो आने वाले चुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा कि किया अमेरिका भी यूरोप की तरह सोचने लगा है?

लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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