CAA पर चतुर सुजान बन माइक्रोसॉफ्ट वाले सत्या नडेला दोनों तरफ से बाजी खेल गए!
Citizenship Amdendment Law पर पहले अपने मन की बात फिर Microsoft India के ट्विटर पेज पर सफाई. चतुर सुजान निकले Satya Nadella दोनों तरफ से खेली शतरंज की बाजी और क्या खूब खेली.
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नागरिकता संशोधन कानून के बाद विरोध (Protest against CAA) की एक बयार सी आ गई है. जगह जगह लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. मांग यही है कि तत्काल प्रभाव में सरकार देश को बांटने वाले इस कानून को वापस ले. विरोधी इसके विरोध में हैं. तो वहीं सत्ता पक्ष हर वो जतन कर रहा है, जिनके जरिये देश की जनता को इस बात का एहसास कराया जाए कि नया कानून जनता और देश के हित में है. CAA को लेकर सवाल जवाब और विरोध सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेश में भी खूब हो रहा है. सवाल माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन के सीईओ सत्या नडेला (Microsoft CEO Satya Nadella on Citizenship Amendment Act) से भी हुआ है और उन्होंने मामले पर वही जवाब दिया है जो किसी अहम मुद्दे पर ग्लोबल लीडर्स देते हैं. CAA पर जारी गतिरोध को लेकर बज़फीड न्यूज़ के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ ने नडेला से सवाल किया. सवाल का जवाब देते हुए नडेला ने नए कानून की आलोचना (Satya Nadella criticising CAA) की और इसे बुरा और दुखद बताया.
नागरिकता संशोधन कानून पर सत्या नडेला ने वही बातें कहीं जो किसी बड़े मुद्दे पर ग्लोबल लीडर कहता है
नाडेला का ये कहना भर था. सरकार समर्थकों ने उन्हें घेर लिया. जिसके बाद माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने बयान जारी किया. यदि उस बयान का अवलोकन किया जाए तो साबित हो जाता है कि नडेला ने चतुर सुजान की तरह शतरंज की बाजी खेली है. सवाल होगा कैसे? तो बता दें कि बयान में सबके संतुष्ट होने के लिए कुछ न कुछ है. जिसे जो और जैसा चाहिए वो इस बयान में से अपने काम की बात निकाल सकता है.
क्या थी पूरी बात
बज़फीड न्यूज के एडीटर इन चीफ बेन स्मिथ ने सत्या नडेला से बातचीत के आधार पर एक ट्वीट किया. स्मिथ ने इस ट्वीट में लिखा कि, 'मेरे द्वारा सत्या नडेला से भारत के नए नागरिकता कानून के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जो हो रहा है, वह दुखी करने वाला है. यह बुरा है. मैं देश (भारत) में एक बांग्लादेशी अप्रवासी को करोड़ों डॉलर की टेक कंपनी बनाने में मदद करते देखना या Infosys का CEO बनते देखना पसंद करूंगा.
Asked Microsoft CEO @satyanadella about India's new Citizenship Act. "I think what is happening is sad... It's just bad.... I would love to see a Bangladeshi immigrant who comes to India and creates the next unicorn in India or becomes the next CEO of Infosys" cc @PranavDixit
— Ben Smith (@BuzzFeedBen) January 13, 2020
नडेला ने स्मिथ के साथ हुई बातचीत में इस बात को स्वीकारा था कि वे एक बांग्लादेशी प्रवासी को भारत में बड़ा होते हुए और इंफोसिस का सीईओ बनते हुए देखना चाहते हैं. साथ ही नडेला ने स्मिथ को ये भी बताया कि, मैं हैदराबाद शहर में पला बढ़ा, मुझे वहां से जो सांस्कृतिक विरासत मिली है, उस पर मुझे गर्व है. मुझे हमेशा महसूस होता रहा है कि बचपन से चीज़ों को समझने के लिहाज से वह एक शानदार शहर है. हम ईद मनाते थे, हम क्रिसमस मनाते थे और दिवाली भी- ये तीनों त्योहार हमारे लिए बड़े त्योहार थे.
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने ये भी कहा था कि, 'हालांकि, मैं ये नहीं कह रहा हूं कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा या सीमाओं पर कुछ नहीं करना चाहिए. हर देश की सरकार व वहां के नागरिक इस बारे में जरूर सोचेंगे, क्योंकि इमिग्रेशन एक बड़ा मुद्दा है. यह यूरोप और भारत में एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन इसके साथ कौन कैसे डील करता है, प्रवास क्या है, प्रवासी कौन हो व अल्पसंख्यक ग्रुप कौन है, यह एक संवेदनशील बात है.'
चर्चाओं और वाद विवाद पर बल देते हुए नडेला ने ये भी कहा था कि, अच्छी बात यह है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. जहां पर लोग चर्चाएं कर रहे हैं. भारत में कुछ भी छुपा हुआ नहीं है. इस मुद्दे पर भी गंभीर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन मैं अपनी बात पर स्पष्ट हूं कि हम किन मूल्यों पर खड़े होते थे और मैं किन मूल्यों की बात कर रहा हूं.
By popular demand, here's the verbate pic.twitter.com/I8YcMDJsf8
— Ben Smith (@BuzzFeedBen) January 13, 2020
क्या कहा गया माइक्रोसॉफ्ट के बयान में
अब चूंकि सत्या नडेला ने CAA जैसे गर्म मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की थी इसलिए लोगों का आहात होना स्वभाविक था. बात माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स के बहिष्कार पर आ गई. मामले को माइक्रोसॉफ्ट ने गंभीरता से लिया और एक बयान जारी कर विवाद से अपना पिंड छुड़ाने का प्रयास किया. बयान को अगर ध्यान से देखा जाए तो मिलता है कि सुगमता के लिहाज से पंक्तियों को इधर उधर किया गया है. बयान में ऐसा बहुत कुछ किया गया है जिससे मामला बैलेंस हो जाए और 'सबका साथ सबका विकास' वाली थ्योरी को बल मिले और राई का पहाड़ बनने से बच जाए.
Statement from Satya Nadella, CEO, Microsoft pic.twitter.com/lzsqAUHu3I
— Microsoft India (@MicrosoftIndia) January 13, 2020
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के ट्विटर पेज पर जो बयान जारी किया गया है उसमें पहले ही पंक्ति इस बात को कह रही है कि किसी भी देश को अपनी सीमारेखा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुताबिक़ प्रवासी नीति बनाना चाहिए. यानी इस पंक्ति से माइक्रोसॉफ्ट ने भाजपा को संतुष्ट किया है.
इसके बाद बयान में चर्चा पर जोर दिया गया. कहा गया कि लोकतंत्र में यह वो बात है जिसका फ़ैसला सरकार और वहां के नागरिकों के बीच आपसी संवाद से होना चाहिए. यानी इस पंक्ति से उन लोगों को बैंलेस करने का प्रयास हुआ है जो नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़कों पर हैं.
इसके बाद ये कहते हुए नडेला के बयान को विराम दिया गया कि. मैं भारतीय विरासत के साथ बना हूं. विविधरंगी संस्कृति में पला बढ़ा और फिर अमरीका में रहने का अनुभव हुआ. भारत के लिए मेरी उम्मीद यही है कि कोई भी बाहर से आया शख़्स कोई शानदार स्टार्ट अप शुरू करे या बहुराष्ट्रीय कॉर्पोरेशन का नेतृत्व कर सके. इससे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को फ़ायदा होगा. अब अगर इस बात पर गौर करें तो यहां बिज़नस की बात हो रही है.
बड़ी ही चतुराई से अपना पक्ष रख गए नडेला
कोई कुछ भी कहे. कितनी भी आलोचना क्यों न हो मगर बेन से हुई बातों से लेकर माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के ट्विटर पेज पर बयान जारी करने तक जो रवैया सत्य नडेला का रहा साफ़ पता चलता है कि वो एक चतिर सुजान हैं जो इस बात से पूरी तरह वाक़िफ हैं कि शतरंज की बाजी को दोनों तरफ से कैसे खेला जाता है. सत्या ने अपनी बात भी कह दी है और ग्लोबल लीडर की तरह जतन भी यही किया है कि इन बातों को सुनकर कोई भी आहत न हो.
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