अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का प्रभार सिर्फ मुसलमानों को दिए जाने का सिलसिला टूटा!
2006 में यूपीए सरकार द्वारा गठित हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय (Minority Affairs Ministry) का प्रभार स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को दिया गया है. तब से अब तक 5 मुसलमानों (Muslim) को इस विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन, मोदी सरकार (Modi Government) ने इस बार जैसे ही ये 'परंपरा' तोड़ी, मानो कई लोगों को सेक्युलरिज्म टूटता दिखाई दिया.
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यह अजीब ही व्यवस्था, जिसकी आदत देश को डाल दी गई थी. कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी को मुसलमान ही निभा सकता है. केंद्र ही नहीं,राज्य सरकारों में भी जहां-जहां ये मंत्रालय या विभाग है, इसका प्रभार प्राय: मुसलमानों को ही सौंपा गया है. जबकि, देश में मुसलमानों के अलावा 4 अल्पसंख्यक समूह और हैं. खैर,मुख्तार अब्बास नकवी के इस्तीफे के साथ मोदी सरकार ने जैसे ही यह विभागस्मृति ईरानी को सौंपा, लोगों को देश का सेक्युलरिज्म खतरे में दिखाई दिया.
पूर्वब्यूरोक्रेट और टीएमसी से राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने तो ट्विटर परस्मृति ईरानी की नियुक्ति पर न सिर्फ ऐतराज जताया, बल्कि ऐसी शंका जाहिर की. मानो अब मुसलमान और ईसाइयों काक्या होगा? (हालांकि, बाद में विवाद बढ़ता देख जवाहर सरकार ने ट्वीट डिलीट कर दिया.) जवाहर सरकार स्मृति ईरानी को 'हार्डकोर हिंदू' बता रहे हैं. साथ ही यह भी कि उन्होंने एक पारसी से शादी की है, और अब मुसलमान और ईसाइयों का ख्याल रखेंगी. क्या यही भाजपा का सेक्युलरिज्म है? जवाहर सरकार के ट्वीट पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने जवाब देते हुए कहा कि टीएमसी वोटबैंक पॉलिटिक्स के चक्कर में जैन, पारसी, सिख और बौद्धों को नजरअंदाज कर रही है.
Jawahar Sircar proving that TMC means Tushtikaran Mujhe Chahiye! Blinded by votebank he has ignored others like Jains,Parsis,Sikhs,Buddhists! Are they not included? Also shall we look at community or competence /character both of which Smriti ji embodies ?It has become a 1/n pic.twitter.com/2bBqPhuaDS
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) July 12, 2022
भारत में अल्पसंख्यक कौन हैं?
1992 में बनाए गए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2(c) के तहत केंद्र सरकार की ओर से शामिल किए गए समुदायों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाता है. 1993 में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को अल्पसंख्यक समुदायों का दर्जा दिया गया था. 2014 में जैन धर्म के मानने वाले लोगों को भी अल्पसंख्यकों की लिस्ट में शामिल किया गया था.
स्मृति ईरानी पंजाबी परिवार में जन्मी हैं. लेकिन, उन्होंने शादी अल्पसंख्यक पारसी समुदाय के जुबिन ईरानी से की है.
कौन हैं स्मृति ईरानी?
स्मृति ईरानी एक पंजाबी परिवार में जन्मी थीं. 2001 में उन्होंने एक पारसी समुदाय बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की. वैसे, भारतीय विवाह व्यवस्था के हिसाब से देखा जाए, तो अब स्मृति ईरानी खुद पारसी समुदाय यानी एक अल्पसंख्यक समुदाय का हिस्सा हो गई हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को उनके सियासी गढ़ अमेठी में पटखनी देते हुए स्मृति ईरानी सांसद बनी थीं.
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