मोदी सरकार का बजट 2019 'औपचारिक' नहीं, चुनावी होगा
वित्त मंत्रालय के ट्वीट इशारा कर रहे हैं कि इस बार बजट अब तक चली आ रही वोट-ऑन-अकाउंट की परंपरा से हटकर होगा और इसमें कई बड़ी घोषणाएं होंगी. टैक्स रेट में बदलाव भी हो सकता है और नई योजनाओं की घोषणा भी की जा सकती है.
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इन दिनों इस बात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट कैसा होगा. क्या ये वोट-ऑन-अकाउंट बजट होगा या फिर अंतरिम बजट पेश किया जाएगा? या भाजपा पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए हर तरह की घोषणाओं वाला बजट पेश करेगी, ताकि इस बात पर जोर दे सके कि वह 2019 के आम चुनावों के बाद दोबारा से सत्ता में आने वाली है.
कम से कम वित्त मंत्रालय अपने ट्वीट में तो कुछ ऐसा ही कह रहा है. 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट को यूनियन बजट और बजट 2019 कहा जा रहा है, जबकि इसे वोट-ऑन-अकाउंट कहना सही होगा. यहां तक कि सोशल मीडिया पर चल रहा हैशटैग भी #Budget2019 है. कुछ हफ्तों से इंडस्ट्रीज, कॉरपोरेट्स, अकाउंटेंट्स और सलाहकार सरकार से मिल रहे हैं और मान रहे हैं कि सरकार सामान्य बजट की तरह ही ये बजट भी पेश करेगी. माना जा रहा है कि इस बजट में सब कुछ होगा, टैक्स रेट में बदलाव से लेकर नई योजनाओं की घोषणा तक.
पंरपरागत तौर पर आम चुनावों से पहले सत्ताधारी सरकार अपने आखिरी बजट के तौर पर वोट-ऑन-अकाउंट पेश करती है. सरकारें ऐसा इसलिए करती हैं ताकि आने वाली सरकारों पर उनकी घोषणाओं का बोझ ना पड़े, क्योंकि नई सरकार को पुरानी सरकार की घोषणओं से आपत्ति हो सकती है या फिर नई सरकार उसे पलट सकती है. यशवंत सिन्हा ने भी आर्टिकल 116 का जिक्र किया है, जो संसद द्वारा वोट-ऑन-अकाउंट को मंजूरी देने की संविधान की ताकत को दिखाता है.
इस बार बजट अब तक चली आ रही वोट-ऑन-अकाउंट की परंपरा से हटकर होगा और इसमें कई बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं.
इस बार जरूरी नहीं कि ऐसा ही हो. एक उच्च इंडस्ट्री बॉडी के प्रमुख ने कहा- सरकार एक संकेत देगी कि अगर आप हमें दोबारा चुनते हैं तो ये सब चीजें आपको मिलेंगी. हो सकता है कि सरकार टैक्स में छूट की घोषणा भी करे. इसके अलावा एक्साइज ड्यूटी में बदलाव, नई योजनाएं और पॉलिसी की घोषणा भी हो सकती है. इंडस्ट्री बॉडीज के अनुसार सरकार ने बजट के लिए सुझाव मांगे हैं, क्योंकि इंडस्ट्री एसोसिएशन ने अपनी ओर से ये सोचकर कोई सुझाव नहीं भेजे कि इस बार वोट-ऑन-अकाउंट पेश होगा. कुछ एसोसिएशन को तो युद्ध स्तर पर सुझावों को रातोंरात तैयार करना पड़ेगा.
वोट-ऑन-अकाउंट इसलिए पेश किया जाता है ताकि पहले से चल रहा कामकाज सुचारु रूप से चलता रहे. इसका सीधा सा मतलब है कि केंद्र संसद की अनुमति लेता है कि बजट की योजना के अनुसार तब तक खर्चे किए जा सकें, जब तक अगली सरकार चुनाव के बाद अपना बजट पेश नहीं करती. यानी वोट-ऑन-अकाउंट सिर्फ खर्चों के लिए एक इजाजत जैसा होता है, जब तक कि पूर्ण बजट पेश ना हो जाए. या यूं कहें कि ये भारत सरकार के खजाने से खर्चों के लिए पैसे निकालने की इजाजत जैसा होता है. इसकी वजह से ही वोट-ऑन-अकाउंट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाती है.
क्या सरकार भी इसी तरह वोट-ऑन-अकाउंट पेश करने की सोच रही है? वास्तव में नहीं.
इसके कुछ उदाहरण पहले से ही मौजूद हैं. 1991 में जब वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने चंद्र शेखर सरकार का वोट-ऑन-अकाउंट पेश किया था तो उन्होंने पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में विनिवेश की संभावना की घोषणा कर दी थी.
अधिक पीछे जाने की जरूरत नहीं. यूपीए-2 ने सत्ता से बाहर जाने से पहले फरवरी 2014 में जो वोट-ऑन-अकाउंट पेश किया, उसमें तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कई घोषणाएं कर दी थीं. उन्होंने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा कर दी थी, जिसकी वजह से कमर्शियल व्हीकल, कारें, दो पहिया वाहन और मोबाइल फोन की कीमतों में कटौती हो गई थी. कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल चीजों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में भी कटौती कर दी गई थी, जिसके बाद नई दरें 12 फीसदी से घटकर 10 फीसदी हो गई थीं. उन्होंने रक्षा विभाग और महिला सुरक्षा के लिए भी अतिरिक्त बजट की घोषणा कर दी. पब्लिक सेक्टर बैंकों में 11,200 रुपए अतिरिक्त दे दिए. चिदंबरम ने वन रैंक, वन पेंशन को स्वीकार करने की भी घोषणा के साथ-साथ डिफेंश पेंशन अकाउंट के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित कर दिया. हालांकि, वन रैंक, वन पेंशन को लागू मोदी सरकार ने किया.
अब वित्त मंत्रालय ने अपने खुद के एक्सप्लेनर ट्वीट करने शुरू किया हैं, जिसे Know Your Budget (अपने बजट को जानें) नाम दिया है. एक बार में एक कार्ड. वित्त मंत्रालय ने बताया है बजट क्या है? वोट-ऑन-अकाउंट क्या है? रेवेन्यू बजट क्या है? आउटकम बजट क्या है? कैपिटल बजट क्या है? और इन सभी को #Budget2019 के साथ टैग किया है.
As Union Budget is round the corner, we come across so many terms which leave us puzzled. So via “Know Your Budget” Series, we aim to assist you in enhancing your Budget Vocabulary.Before diving into details of Budget,let us first understand what a ‘Union Budget’ is? #Budget2019 pic.twitter.com/o0UdDOfuL8
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 15, 2019
Revenue Budget:Do you know about ‘Revenue Budget’ and what does it comprise of?#Budget2019 pic.twitter.com/UKPwicBUBd
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 16, 2019
Revenue Budget:Do you know about ‘Revenue Budget’ and what does it comprise of?#Budget2019 pic.twitter.com/UKPwicBUBd
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 16, 2019
तो फिर पूर्ण बजट जैसी घोषणाओं के लिए तैयार रहिए. आखिरकार, अगर ऐसा होता है तो खुद विपक्ष भी इसके विरोध में खड़े होने की हालत में नहीं होगा, क्योंकि 2014 में उसने भी यही हथकंडा अपनाया था.
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