मोदी ने बताया देश को प्रधानमंत्री कैसे चुनना चाहिये
अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए चुनावी गाइड दी है. दोनों में बड़ा फर्क ये है कि मोदी की गाइड मौखिक है.
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बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए बाकायदा एक चुनावी गाइडलाइन तैयार की गयी है. अमित शाह ने कार्यकारिणी के पहले दिन कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई तो खूब की, लेकिन लगे हाथ हिदायत भी दी कि वे जोश में होश कतई गवाएं. दरअसल, गाइडलाइन में इसी बात को लेकर दिशानिर्देश दिये गये हैं.
कार्यकारिणी के समापन के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्यकर्ताओं को वैसी ही एक गाइड मुहैया करायी - लेकिन मौखिक तौर पर.
कैसा हो देश का प्रधानसेवक?
अमित शाह के बाद बीजेपी कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कार्यकर्ताओं के लिए क्लास लगायी. इस क्लास में मोदी ने कार्यकर्ताओं को बताया कि लोगों के बीच जाकर कौन सी बातें करनी हैं - और कैसे समझानी हैं?
मोदी ने पहले तो बताया कि देश का प्रधानसेवक कैसा होना चाहिये? एक बार मोदी ने ही अपने लिए कहा था कि वो प्रधानमंत्री नहीं बल्कि प्रधानसेवक हैं. बतौर प्रधानसेवक वो देश की सेवा करना चाहते हैं. प्रधानसेवक की ही तरह एक बार मोदी ने खुद को चौकीदार बताया था. मोदी के ही खुद के लिए कहे चौकीदार शब्द को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों नारे लगाते फिरते हैं - 'चौकीदार चोर है.'
एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारे लिए जन सेवा ही प्रभु सेवा है. नर सेवा ही नारायण सेवा है. समता, ममता, समरसता, हमारे लिए सामाजिक न्याय की सीढ़ियां हैं... विकास, चौतरफा विकास, सबका साथ-सबका विकास ही हमारा लक्ष्य है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने वोट देने से पहले खुद से सवाल करने की सलाह दी है. क्या सवाल होने चाहिये ये भी मोदी ने बताये - और उसके बाद ही सोच समझ कर फैसला करने को कहा.
प्रधानमंत्री मोदी के सारे सवालों में निशाने पर कांग्रेस और उसका नेतृत्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी रहे. मोदी ने कहा, 'जमानत पर बाहर घूमने वाले इन नेताओं को न कानून पर विश्वास है, न सत्य पर भरोसा है, और न ही इनको संस्थानों पर विश्वास है. इनको राजशाही पर भरोसा है, लेकिन हम लोकशाही को मनाने वाले लोग हैं.'
कैसा हो देश का प्रधानसेवक?
बगैर निशाना बदले मोदी ने कहा, 'आज उन्हें सीबीआई स्वीकार नहीं है, कल कोई दूसरी संस्था स्वीकार नहीं होगी। आर्मी, पुलिस, सुप्रीम कोर्ट, इलेक्शन कमीशन, सीएजी, सब गलत हैं, लेकिन एकमात्र वही सही हैं.'
फिर पूछा - 'क्या हम राष्ट्र को उनके भरोसे छोड़ सकते हैं?'
क्या आप ऐसे सेवक को पसंद करेंगे जो आपके घर का पैसा चोरी करके अपने परिवार में बांटे?
क्या आप चाहते हैं कि वो पड़ोसियों को आपके घर के अंदर की बात बताए?
आखिर में सलाह भी दी, 'जैसे आप अपने घर का सेवक तय करते हैं वैसे ही तय कीजिए की देश को कैसा प्रधानसेवक चाहिये.'
बीजेपी बेहतर क्यों है?
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को ये भी बताया कि कैसे लोगों के बीच बीजेपी को बेहतर साबित करना है. तरीके भी बताये - बीजेपी सरकार की उपलब्धियों के साथ ही साथ कांग्रेस की खामियां भी जोर देकर गिनानी हैं.
मिसाल के तौर पर मोदी ने समझाया, ''अयोध्या मामले में ही देख लीजिए, कांग्रेस अपने वकीलों के माध्यम से न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रही है... कांग्रेस देश के मुख्य न्यायाधीश को महाभियोग से हटाने की कोशिश कर रही थी... हमें न तो कांग्रेस का यह रवैया भूलना है और न ही किसी को भूलने देना है.''
प्रधानमंत्री मोदी ने उपलब्धियों को भी अच्छे और आसान शब्दों के साथ लोगों को समझाने की कोशिश होनी चाहिये.
मसलन -
'सरकार बगैर भ्रष्टाचार के भी चलाई जा सकती है.'
'सत्ता के गलियारों में टलहने वाले दलालों को भी बाहर किया जा सकता है.'
'भाजपा सरकार के कार्यकाल ने ये साबित किया है कि देश बदल सकता है और सामान्य नागरिक के हित में बदल सकता है.'
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