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Updated: 17 नवम्बर, 2017 08:29 PM
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मोदी सरकार और बीजेपी का गदगद होना लाजिमी है. पहले पक्ष में आयी प्यू रिसर्च की सर्वे रिपोर्ट और अब मूडीज की रेटिंग में सुधार, भला अब और क्या चाहिये. ये दोनों ही रिपोर्ट ऐसे वक्त आयी हैं जब आर्थिक नीतियों को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है - और मोदी-शाह के गढ़ गुजरात में उसे सत्ता और साख बचाये रखने के लिए जीतोड़ संघर्ष करना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर सर्वे रिपोर्ट में मुहर लगने के बाद बीजेपी इसे गुजरात चुनाव में भुनाने की तैयारी में जुट गयी है. प्यू रिपोर्ट को बीजेपी कितना अहम मान कर चल रही है महत्व दे रही है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि रिपोर्ट के महत्वपूर्ण अंश कैबिनेट की बैठक में बांटे गए और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्विटर पर इसे शेयर किया.

मोदी सरकार के अच्छे दिन चालू हैं

जीएसटी और नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी लगातार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर रहे हैं. आर्थिक नीतियों को लेकर हाल के दिनों में बीजेपी के ही दो सीनियर नेता अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा लगातार हमलावर रहे हैं. वैसे खुद प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली हमेशा सरकार का बचाव और अपनी पॉलिसी को सही ठहराते रहे हैं, लेकिन रक्षात्मक मुद्रा में.

narendra modiमोदी के अच्छे दिन...

मूडीज की रेटिंग आने के बाद अरुण जेटली आत्मविश्वास से भरपूर और विरोधियों के प्रति आक्रामक नजर आये. प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर जेटली ने कहा, "आज सुबह 13 साल बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को मूडीज का रेटिंग अपग्रेड मिला है. इसमें वित्तीय अनुशासन को मूडीज के स्टेटमेंट में महत्वपूर्ण जगह दी गई है."

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2004 में यूपीए सरकार के दौरान रेटिंग को गिराकर BAA3 कर दिया था. अब उसने इसमें सुधार कर BAA2 कर दिया है. साथ ही, भारत की रेटिंग पहले 'स्टेबल' थी जिसे अब 'पॉजिटिव' कर दिया गया है.

प्यू रिसर्च के मुताबिक 83 फीसदी लोग मानते हैं कि मौजूदा आर्थिक स्थिति अच्छी है. 2014 में ऐसा 64 फीसदी लोग ही मानने को तैयार थे. इसी तरह 70 फीसदी लोगों ने इस बात पर संतोष जताया है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. 2014 में ऐसा सोचने वालों की तादाद 36 फीसदी रही जो 2015 में 56 और 2016 में 65 फीसदी रही.

महत्वपूर्ण बात ये है कि 10 में से 9 लोगों ने मोदी के प्रति सकारात्मक राय रखी है, जबकि 2014 में ये आंकड़ा 10 में से 6 ही रहा.

narendra modiदेश को सही दिशा में आगे ले जा रहे हैं मोदी

अमेरिकी एजेंसी प्यू के इस सर्वे में ढाई हजार से ज्यादा लोगों को शामिल हुए थे जो इसी साल 21 फरवरी से 10 मार्च के बीच किया गया.

माना जा रहा है कि हाल के दिनों में राहुल गांधी को लेकर लोगों की धारणा काफी बदली है, लेकिन सर्वे रिपोर्ट के अनुसार लोकप्रियता के मामले में राहुल गांधी से मोदी 30 फीसदी आगे हैं.

सबसे लोकप्रिय हैं मोदी

सर्वे में 88 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी को देश की सबसे लोकप्रिय हस्ती बताया है. इस सूची में 58 फीसदी लोगों का पसंदीदा होकर राहुल गांधी दूसरे स्थान पर हैं. जबकि 57 लोगों की पसंद बनी सोनिया गांधी को उनके ठीक बाद जगह मिली है. इस मामले में सबसे पीछे हैं आप नेता अरविंद केजरीवाल जिन्हें सिर्फ 39 फीसदी लोगों ने अपना मनपसंद नेता माना है.

pew surveyराहुल-सोनिया से 30 % आगे मोदी

मोदी के मामले में एक और खास बात है कि उन्हें महज 10 फीसदी लोगों ने अनफेवरेबल माना है, जबकि केजरीवाल को 40 फीसदी लोगों ने अनफेवरेबल बताया है जो उन्हें पसंद करने वालों से एक फीसदी ज्यादा हैं. राहुल गांधी के बारे में 35 फीसदी और सोनिया गांधी के बारे 36 फीसदी लोगों ने भी ऐसी ही राय दी है.

सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तुलना में मोदी की लोकप्रियता 31 फीसदी और राहुल गांधी की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है.

देश का मिजाज

मोदी की लोकप्रियता को लेकर सबसे ज्यादा दिलचस्प आंकड़े तो क्षेत्रवार हैं. अपने गढ़ पश्चिम भारत जिसमें गुजरात के साथ महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को शामिल किया गया है, मोदी की लोकप्रियता 92 फीसदी पायी गयी है. हैरानी की बात ये है कि दक्षिण भारत जहां बीजेपी पांव जमाने की कोशिश में है वहां मोदी को पसंद करने वाले और भी ज्यादा हैं - 95 फीसदी.

pew surveyदक्षिण भारत में ज्यादा लोकप्रिय मोदी

पूर्वी भारत क्षेत्र जिसमें बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल भी है और ओडिशा जिस पर बीजेपी का फिलहाल सबसे ज्यादा जोर दिख रहा है - वहां मोदी की लोकप्रियता दक्षिण से कम 85 फीसदी है.

इनमें सबसे दिलचस्प तो उत्तर भारत का आंकड़ा है जिसके बूते माना जाता है कि मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे. इनमें यूपी के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य भी हैं और दिल्ली भी जहां एमसीडी में भी बीजेपी को भारी जीत मिली - मोदी की लोकप्रियता 84 फीसदी है यानी दक्षिण से 11 फीसदी कम.

अभी अगस्त में ही भारतीय मूल के अमेरिकी थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस ने मौजूदा दौर को बीजेपी का स्वर्णिम काल बताया था. इस थिंक टैंक का कहना था कि बिहार की राजनीति में जिस प्रकार से बीजेपी ने वापसी की है और सत्ता पर अपनी पकड़ बना ली है उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के स्वर्ण काल की शुरुआत कर दी है.

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