तेलंगाना में राहुल की ये चाल,अवश्य ही ओवैसी का बीपी-शुगर बढ़ाएगी
चुनाव से ठीक पहले मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर राहुल गांधी ने बड़ा दाव खेला है जो अवश्य ही ओवैसी की मुश्किलें बढ़ाने का काम करेगा.
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तेलंगाना में जल्द ही चुनाव हैं. ऐसे में कांग्रेस ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व संसद मोहम्मद अजहरुद्दीन को एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. पार्टी ने अजहर को तेलंगाना इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. चुनाव से ठीक पहले पार्टी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद आलोचनाओं का दौर तेज हो गया है. कहा जा रहा है कि, बेवक्त लिए गए ऐसे फैसले, पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता दर्शाते हैं.
मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना में लांच करके कांग्रेस और राहुल गांधी ने एक बड़ा दाव खेला है
ऐसे में अगर इस निर्णय का अवलोकन किया जाए तो जो परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं वो चौकाने वाले हैं. पार्टी द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद हमारे लिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि राहुल गांधी ने मौके का भरपूर फायदा उठाया है और एक ऐसा दाव खेला जिसका तोड़ तेलंगाना में फ़िलहाल तो किसी पार्टी के पास नहीं है.
INC COMMUNIQUE
Appointment regarding office bearers of Telangana Pradesh Congress Committee. pic.twitter.com/aaGV3uCB8r
— INC Sandesh (@INCSandesh) November 30, 2018
जो लोग राहुल गांधी के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. उन्हें जान लेना चाहिए कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और उत्तर प्रदेश से सांसद रह चुके अजहर मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा चेहरा और जाना माना नाम हैं. ऐसे में उनको तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाना, ये साफ बता देता है कि कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर एक बड़ा दाव खेला है.
ध्यान रहे कि हैदराबाद में अजहर के आ जाने के बाद जहां एक तरफ ओवैसी और उनकी पार्टी को कड़ा मुकाबला मिलेगा. तो वहीं हो सकता है कि तेलंगाना का वो मुसलमान जो अब तक कांग्रेस से कई मुद्दों पर खफा था वो खुश हो जाए और तेलंगाना विशेषकर हैदराबाद के किले में कांग्रेस अपनी फ़तेह का परचम लहरा सके.
गौरतलब है कि तेलंगाना में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम मुस्लिम वोटरों के बीच अपनी ठीक ठाक पकड़ रखती है. साथ ही ओवैसी का कंधे से कंधा मिलाकर टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव के साथ खड़े होना ये साफ बता देता है कि तेलंगाना का रण कई मायनों में दिलचस्प होने वाला है. बात अगर हैदराबाद की हो तो, हैदराबाद में भाजपा का परचम है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का अजहर को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करना ये बता देता है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने का सपना देख रहे राहुल गांधी बहुत सोच समझकर अपने फैसले ले रहे हैं और उनका एक एक कदम फूंक फूंक कर पड़ रहा है.
अजहर के आने से ओवैसी की मुसीबतें निश्चित तौर पर बढ़ने वाली हैं
2009 में अपने राजनीतिक भविष्य की शुरुआत करने और इसी साल कांग्रेस के टिकट से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सांसद बने मोहम्मद अजहरुद्दीन, तेलंगाना में कांग्रेस सको कितना फायदा देंगे इसका फैसला तो वक़्त करेगा मगर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि कांग्रेस द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्व फैसले से ओवैसी बंधू अवश्य ही चिंतित होंगे.
गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव के लिहाज से तेलंगाना को कांग्रेस और खुद राहुल गांधी के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. चूंकि 2014 में हुए चुनाव में पार्टी को यहां 21 सीटें मिल चुकी हैं तो माना ये भी जा रहा है कि अजहर को लाने के बाद यहां पार्टी ठीक-ठाक परफॉरमेंस देगी और मुस्लिमों की एक बड़ी संख्या को अपनी तरफ आकर्षित करेगी.
बात अगर अजहर की हो तो 2014 में राजस्थान के टोंक सवाई माधोपुर से चुनाव लड़कर पराजित हो चुके अजहर तेलंगाना के सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में उनकी ये लॉन्चिंग खुद उनके लिए भी किसी परीक्षा से कम नहीं है.
अंत में बस इतना ही कि, अगर कांग्रेस यहां ठीक ठाक प्रदर्शन कर लेती है तो ये न केवल पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को फायदा देगा. बल्कि इससे स्वयं अजहर का भी मनोबल बढ़ेगा. इसके बाद अजहर को इस बात का पूरा एहसास हो जाएगा कि वो खुद कितने पानी में हैं और उनकी राजनीतिक हैसियत क्या है.
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