एक सेना से मिले मोदी, हर सैनिक 2000 साल का
यह चीन की उस पुरानी कला का हिस्सा है, जो किसी शासक की मृत्यु के साथ जुड़ी थी. वैसे ही जैसे मिस्र में पिरामिड बनाने की कला.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 14 मई का दिन ऐतिहासिक रहा. क्योंकि वे इतिहास के सबसे बेशकीमती खजाने से मिल रहे थे. एक ऐसी सेना जो 2000 साल से दुनिया के सामने सीना ताने खड़ी है. ये है चीन की टेराकोटा आर्मी. आइए, जानें इस सेना के बारे में दिलचस्प बातें-
चीन की टेराकोटा आर्मी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
- यह चीन की उस पुरानी कला का हिस्सा है, जो किसी शासक की मृत्यु के साथ जुड़ी थी. वैसे ही जैसे मिस्र में पिरामिड बनाने की कला.
2. चीन के राजा किन शी हुआंग की मृत्यु की मुत्यु के बाद 210-209 ईसा पूर्व में टेराकोटा के 8000 सैनिक बनवाए गए.
3. इस सेना को बनवाने का उद्देश्य यह था कि ये सैनिक मृत्यु के बाद राजा की रक्षा करेंगे.
4. शिन प्रांत के लिंगटांग जिले में 1974 में किसानों की नजर इस सेना पर तब पड़ी, जब वे कुएं की खुदाई कर रहे थे.
5. बाद में करीब डेढ़ किमी के दायरे में खुदाई करवाई गई, तो 11 कतारों में खड़े 8000 सैनिक जमीन के भीतर से निकले.
6. इस सेना में हर सैनिक की ऊंचाई अलग-अलग है, उसको दिए गए रोल के मुताबिक.
7. ये सेना राजा की कब्र के सामने बनवाई गई. इसके लिए एक हाल था, जिसके भीतर सैनिकों के साथ उनके घोड़े, दफ्तर और अन्य रहने के लिए घर भी बनवाए गए.
8. इन सैनिकों के हर अंग को अलग-अलग बनवाया गया था. फिर उन्हें मिट्टी से जोड़ा गया. हर चेहरा अलग नजर आए, इसके लिए खास ख्याल रखा गया था.
9. एक फुटबॉल मैदान जितने दायरे में खड़ी इस सेना का साजो सामान तांबे, टिन और अलग-अलग धातुओं का है.
10. यह भी बताया जाता है कि इन सैनिकों के कई मूल हथियारों को उनके बनाए जाने के बाद ही लूट लिया गया था.
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