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Updated: 13 मई, 2015 01:47 PM
जितेंद्र कुमार
जितेंद्र कुमार
  @JeetuJourno
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 देशों की यात्राएं कर चुके हैं और सत्रहवें देश चीन जा रहे हैं. राष्ट्रपति के रूप में अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में प्रतिभा पाटिल 14 बार विदेश यात्रा पर गईं थीं, जिसमें उन्होंने 24 देशों का दौरा किया था. RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके इन दौरों पर 225 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के इस रिकॉर्ड से मोदी भले अभी पीछे हैं, लेकिन, जिस तरह वे विदेश दौरे कर रहे हैं, अगले छह महीने में वे आगे निकल जाएंगे.

मोदी अब तक आस्ट्रेलिया, भूटान, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, फिजी जर्मनी जापान, मॉरिशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं. इसके साथ ही वे दो बार नेपाल जा चुके हैं.

आने वाले दिनों में जो यात्राएं प्रस्तावित हैं उसमें चीन के अलावा मंगोलिया, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, रूस, तुर्कमेनिस्तान, टर्की, रूस और फिर सिंगापुर शामिल हैं.

मोदी समर्थक इसे उनकी दूरदर्शी और कुशल राजनीतिज्ञ की रणनीति के रूप में देखते हैं. जो सफल विदेश नीतियों के लिए इतनी यात्राएं करता है तो विरोधी कई सवाल भी खड़े करते हैं. प्रतिभा पाटील के विदेश दौरों को लेकर मिली जानकारी के अनुसार वे इन यात्राओं में दोस्तों और रिश्तेदारों को भी लेकर गईं थी.  

नरेंद्र मोदी की यात्राओं पर भी सवाल उठने लगे हैं. आम तौर पर प्रधानमंत्री के साथ साथ विदेश दौरों पर उनके सहयोगियों के अलावा बिजनेसमैन, मीडिया आदि के लोग भी जाते रहे हैं. लेकिन अरबपति गौतम अडानी लगभग सभी मौकों पर प्रधानमंत्री के साथ जाने वाले एकमात्र बिजनेसमैन हैं. हालांकि, किसी प्रधानमंत्री का किसी बिजनेसमैन से करीबी रिश्ता होना कोई नया नहीं है. सरकारी सूत्रों ने तो ऑफ रिकॉर्ड यही कहा कि गौतम अडानी निजी तौर पर कहीं भी जाने को आजाद हैं, और इसका प्रधानमंत्री से कोई खास सम्बन्ध नहीं है.

आज भले ही ये संबंध लोगों की नजर में आ रहा हो, लेकिन जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उनके चीन, जापान, सिंगापुर और रूस के विदेश दौरों पर गौतम अडानी साथ गए थे. सूत्र बताते हैं कि किसी भी विदेश दौरे में प्रधानमंत्री जहाँ ठहरते हैं, पूरा का पूरा फ्लोर सुरक्षा कारणों से भारत सरकार सुरक्षित कर लेती है. जबकि प्रधानमंत्री के करीबी होने के नाते, अडानी भी उसी मंजिल पर ठहरते हैं जिस पर प्रधानमंत्री मोदी. इस तरह से भारत सरकार के खर्चे पर ही गौतम अडानी भी विदेश यात्राएं कर रहे हैं.

हाल के फ्रांस दौरे में अडानी एक खास आदमी थे. यहाँ तक कि निकोलस सरकोजी के साथ हुए डिनर में भी वे शामिल थे. भारतीय स्टेट बैंक ने अभी हाल में ही 6200 करोड़ का लोन अडानी के वैसी परियोजनाओं के लिए पास किया है जो पहले से ही विवादों में घिरी हैं. इन परियोजनाओं को दर्जनो अंतरर्राष्ट्रीय बैंकों ने लोन देने से पहले मना कर रखा था.

सवाल ये है कि क्या आने वाले समय में प्रतिभा पाटिल की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी विदेश दौरा विवादों से घिरने वाला है ? प्रधानमंत्री ने इस पर चुप्पी साध रखी है और RTI द्वारा भी पूछे गए सवालों से बच रही है. आने वाले दिनों में हम देश के प्रधानमंत्री के विदेश दौरों को विवादों में घिरे हुए तो नहीं ही देखना चाहेंगे.

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लेखक

जितेंद्र कुमार जितेंद्र कुमार @jeetujourno

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप (डिजिटल) की वेबसाइट आईचौक.इन में सीनियर सब एडिटर हैं.

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