नवजोत सिंह सिद्धू अब कहां ठोकेंगे ताली !
सवाल ये कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो इनका अगला पड़ाव कौन सी पार्टी होगी? वो किस पार्टी के लिए ताली ठोकेंगे? क्या वो फिर से भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं?
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नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच लोकसभा चुनाव के समय से चला आ रहा टकराव सिद्धू के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के रूप में खत्म हुआ. अमरिंदर सिंह ने पंजाब में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए सिद्धू को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनका मंत्रालय (शहरी निकाय) बदल दिया था. लेकिन सिद्धू इसके विरोध में नए मंत्रालय (बिजली एवं ऊर्जा) का कार्यभार नहीं संभाला और अब इस्तीफा सौंप दिया.
10 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संबोधित पत्र सिद्धू ने टि्वटर पर पोस्ट किया जिसमें लिखा था ‘मैं पंजाब कैबिनेट से मंत्री के तौर पर इस्तीफा देता हूं.' लेकिन सवाल ये कि सिद्धू ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को क्यों भेजा? वो भी जब राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं? नियमानुसार इन्हें अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री, स्पीकर या फिर राज्यपाल को क्यों नहीं भेजा? इससे पहले सिद्धू ने दिल्ली में राहुल और प्रियंका से मुलाकात की तस्वीर भी ट्वीट की थी. इसके पीछे उनकी मंशा शायद अमरिंदर सिंह पर दबाव बनाने की रही हो.
My letter to the Congress President Shri. Rahul Gandhi Ji, submitted on 10 June 2019. pic.twitter.com/WS3yYwmnPl
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 14, 2019
खैर इस्तीफे का कारण चाहे जो भी रहा हो, सिद्धू को अति महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है. जब सिद्धू ने 2017 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी तो उनका वक्तव्य था कि वो पैदाइशी कांग्रेसी हैं और उनके लिए वो घर वापसी है. लेकिन उनकी लगभग ढाई साल की पारी इस्तीफे तक पहुंच गई. क्या पता अब वो कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे दें और किसी और पार्टी में ताली ठोकें.
हो सकता है कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दें नवजोत सिंह सिद्धू
राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण ही सिद्धू ने भाजपा को छोड़ा था. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सबसे पुराना सहयोगी शिरोमणी अकाली दल ने अमृतसर से सिद्धू के दावेदारी पर वीटो लगा दिया था और अरुण जेटली को टिकट मिला था. हालांकि भाजपा के जेटली को हार का मुंह देखना पड़ा था और वहां से कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह विजयी हुए थे. तब से सिद्धू का भाजपा से मोहभंग हो गया था और करीब दो दशकों के बाद उसने भाजपा को अलविदा कह दिया था.
भाजपा छोड़ने के बाद सिद्धू को आम आदमी पार्टी (आप) ज्वाइन करने का ऑफर मिला लेकिन वो मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बनना चाहते थे जो 'आप' को मंज़ूर नहीं था. इसके बाद ही सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू का 36 का आंकड़ा रहा है
कहा तो ये भी जाता है कि जब सिद्धू कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर रहे थे तब कैप्टन साहब इसके पक्ष में नहीं थे. लेकिन पार्टी आलाकमान के सामने इनकी नहीं चली. फिर मामला आया सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को लोकसभा चुनाव में टिकट देने का. सिद्धू और उनकी पत्नी अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाए कि जान-बूझकर अमृतसर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया.
लोकसभा चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि सिद्धू उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते हैं. यही नहीं बठिंडा की एक रैली में सिद्धू ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामलों में कार्रवाई न होने को लेकर कैप्टन पर निशाना साधते हुए कहा था कि मिलीभगत करने वालों को भी ठोक दो.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू की कभी नहीं बनी
जब दिसंबर 2018 में सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के आधारशीला कार्यक्रम में खालिस्तानी समर्थक गोपाल चावला के साथ दिखे और अमरिंदर सिंह नाराज़ हुए तो सिद्धू उनपर तीखा प्रहार किया था. बकौल सिद्धू: "आप किस कैप्टन की बात कर रहे हैं. ओह. कैप्टन अमरिंदर सिंह. वे आर्मी कैप्टन हैं. मेरे कैप्टन राहुल गांधी हैं. कैप्टन के कैप्टन भी राहुल गांधी हैं."
लेकिन सवाल ये कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो इनका अगला पड़ाव कौन सी पार्टी होगी? वो किस पार्टी के लिए ताली ठोकेंगे? क्या वो फिर से भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं? क्या शिरोमणी अकाली दल इसके लिए तैयार होगा क्योंकि यह भाजपा का पुराना सहयोगी है. क्या आम आदमी पार्टी सिद्धू को शामिल करने के लिए राज़ी होगी? या फिर सिद्धू अकेले ही ताली ठोकेंगे?
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