Nirbhaya case: इंदिरा जयसिंह के फांसी विरोध नहीं, वकालत के इस तरीके पर ऐतराज जरूर है!
कीर्ति आजाद के बाद इंदिरा जयसिंह की सलाह (Indira Jaising) ने निर्भया के परिवार (Nirbhaya Parents) की तकलीफ बढ़ाने का काम किया है. बेशक इंदिरा जयसिंह फांसी की सजा के खिलाफ मुहिम चलायें, लेकिन रेप पीड़ित परिवारों से दोषियों को माफी (Advice to forgive like Sonia Gandhi) देने की सलाह देने से बाज आयें.
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निर्भया के माता-पिता (Nirbhaya Family) दोषियों को मिली सजा पर अमल होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है - और बार बार उनके जख्मों को कुरेदने की कोशिश हो रही है. बहाना जो भी हो लेकिन असर एक जैसा ही है. तकलीफ भी एक जैसी ही है.
निर्भया के परिवार को ताजा तकलीफ की वजह बना है देश की जानी मानी सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह (Advocate Indira Jaising) का एक बयान - जिसमें वो बलात्कारियों को माफी देने की सलाह दे रही हैं. इंदिरा जय सिंह ने माफी देने के लिए मिसाल भी पेश कर दी है - 'जैसे सोनिया गांधी (Advice to forgive like Sonia Gandhi) ने राजीव गांधी के हत्यारों को माफ कर दिया था'. निर्भया के माता-पिता ने इंदिरा जय सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है - जिसमें गुस्सा भी है और जख्मों को हरे कर देने वाली पीड़ा भी.
दरअसल, इंदिरा जयसिंह फांसी की सजा को खत्म करने की वकालत करने वालों में से हैं - लेकिन सवाल है कि क्या रेप पीड़ित के परिवार के जख्मों को कुरेद कर ही ऐसा किया जा सकता है? कोई और रास्ता नहीं है क्या?
निर्भया के परिवार के साथ ऐसा व्यवहार क्यों?
इंदिरा जयसिंह मौत की सजा दिये जाने के खिलाफ पहले भी आवाज उठाती रही हैं. संभव है निर्भया केस में भी उन्होंने वही सोच कर कदम बढ़ाया हो, लेकिन ये फैसला उलटा पड़ गया है. निर्भया के दोषियों को माफी की सलाह देकर पूरी तरह घिर चुकी हैं. निर्भया के परिवार ने कड़ा ऐतराज जताया है. पहले निर्भया की मां और फिर पिता ने भी बोल दिया है कि उन लोगों के पास सोनिया गांधी जितना बड़ा दिल नहीं है. पिता ने इंदिरा जयसिंह को निर्भया की मां से माफी मांगने को कहा है.
हाल फिलहाल इंदिरा जयसिंह स्वामी चिन्मयानंद केस सुप्रीम कोर्ट में ले जाने को लेकर खासी चर्चा में थीं. ये इंदिरा जयसिंह की ही पहल रही कि बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर कानून की छात्रा के यौन शोषण को लेकर शिकंजा कसा. इंदिरा जयसिंह के नेतृत्व में कई महिला वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर पूरे मामले की जांच की गुजारिश की थी. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT का गठन हुआ और लंबी पूछताछ के बाद स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी संभव हो सकी.
किसी मुहिम के लिए किसी को तकलीफ देने की जरूरत नहीं होती
इंदिरा जयसिंह ने न्यूज एजेंसी ANI पर जारी निर्भया की मां आशा देवी के बयान को रीट्वीट किया और उसमें अपनी टिप्पणी भी जोड़ दी. इंदिरा जयसिंह का कहना है कि वो निर्भया की मां का दर्द समझती हैं और उनसे आग्रह करना चाहती हैं कि जैसे सोनिया गांधी ने नलिनी को ये कहते हुए माफ कर दिया था कि वो उसके लिए मौत की सजा नहीं चाहतीं. नलिनी श्रीहरन को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के केस में अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.
While I fully identify with the pain of Asha Devi I urge her to follow the example of Sonia Gandhi who forgave Nalini and said she didn’t not want the death penalty for her . We are with you but against death penalty. https://t.co/VkWNIbiaJp
— Indira Jaising (@IJaising) January 17, 2020
क्या इंदिरा जयसिंह का रेप के मामलों में डबल स्टैंडर्ड विचार देखने को मिल रहा है - इंदिरा जयसिंह के ताजा ट्वीट से यही लग रहा है कि वो बलात्कारियों को सजा तो दिलाना चाहती हैं, लेकिन सजा-ए-मौत तो हरगिज नहीं. इंदिरा जयसिंह के ट्वीट का मकसद जो भी हो, असर तो ये है कि निर्भया के माता-पिता की तकलीफ इस बात से काफी बढ़ गयी है.
रेप पीड़ितों के जख्म कुरेद कर फांसी विरोध मुहिम नहीं चलने वाली
निर्भया की मां आशा देवी को सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह की सलाह सुनते ही बीती बातें याद आ गयीं. बोलीं, सुप्रीम कोर्ट में कई बार उनसे भेंट हुई लेकिन एक बार भी हालचाल नहीं पूछा और अब दोषियों को माफ करने की सलाह दे रही हैं.
निर्भया की मां का कहना था - 'विश्वास नहीं होता कि इंदिरा जयसिंह आखिर मुझे ऐसे सुझाव देने की हिम्मत कैसे कर सकती हैं?'
फिर बोलीं, अगर भगवान भी आकर कहें- आशा दोषियों को माफ कर दो, तो मैं माफ नहीं करूंगी.'
निर्भया के पिता को भी इंदिरा जयसिंह की सलाह सुन कर काफी गुस्सा आया, बोले - ऐसी मानसिकता ही रेप की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार है.
निर्भया के पिता का कहना था - 'हम सात वर्षों से ये केस लड़ रहे हैं... हम आम आदमी हैं न कि नेता... हमारा दिल सोनिया गांधी जी जितना बड़ा नहीं है...'
सोनिया गांधी की मिसाल देने से पहले निर्भया की मां को चुनावी राजनीति में भी घसीटने की कोशिश हुई. चर्चा होने लगी कि आशा देवी को कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. चूंकि आशा देवी ने निर्भया के दोषियों को फांसी देने में हो रही देर के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार बता दिया था, फिर बीजेपी ने भी लपक लिया और बात आगे बढ़ गयी. तभी दिल्ली में कांग्रेस की चुनाव समिति के प्रभारी कीर्ति आजाद ने ट्विटर पर आशा देवी का स्वागत लिख कर चर्चा को नयी हवा दे दी. जब बात आशा देवी तक पहुंची तो साफ तौर पर बोल दिया कि उनकी न तो किसी से इस बारे में बात हुई है और न ही राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी है.
निर्भया कांड के बाद का एक वाकया है. तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री. बुलंदशहर में गैंगरेप की एक घटना पर बवाल मचा तो तत्कालीन सरकार में मंत्री मोहम्मद आजम खां ने बलात्कार के मामले को सरकार के खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया. वैसे भी वो तो उसी पार्टी से हैं जिसके मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव सरेआम बोल चुके हों - 'लड़के हैं... लड़कों से गलितयां हो जाती हैं... तो क्या फांसी पर चढ़ा दोगे?' बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अदालत ने आजम खां को माफी मांगने के लिए आदेश दिया. जब भी कभी रेप को लेकर राजनीति की बात होगी ये दोनों बातें सहज रूप में दिमाग में आएंगी ही.
फांसी देने का इंतजाम देश के कानून में किया गया है. निर्भया गैंग रेप की घटना के बाद कानून में बदलाव कर उसे और सख्त बनाने की कोशिश की गयी है. निर्भया के दोषियों को भी कानून के तहत 1 फरवरी को फांसी पर लटकाये जाने का डेथ वारंट जारी हुआ है.
जहां तक फांसी के विरोध की बात है तो आतंकवादी याकूब मेमन की फांसी के खिलाफ आधी रात को सुप्रीम में सुनवाई भी हो चुकी है. याकूब मेमन की फांसी रोकने के लिए जिन लोगों ने राष्ट्रपति को लिखा था उनमें इंदिरा जयसिंह भी शामिल रही हैं.
इंदिरा जयसिंह का पेशा लोगों की कानूनी मदद करना और अपने मुवक्किल को इंसाफ दिलाना है. इंदिरा जयसिंह का पेशा ये लाइसेंस भी देता है कि वो अपने क्लाइंट को सजा मिलने से बचायें या फिर दिलायें. केस जैसा भी हो और इंसाफ की लड़ाई का जो भी तरीका हो - लेकिन इस काम के लिए कोर्ट रूम बना हुआ है. वो चाहें तो याकूब मेमन केस की तरह निर्भया केस में भी राष्ट्रपति से अपील कर सकती हैं - और ये कतई जरूरी नहीं है कि निर्भया के परिवार के जख्म कुरेद कर ही ऐसा करें.
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