New

होम -> सियासत

 |  2-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 03 मार्च, 2016 12:00 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

पुलिस हर हथकंडे जानती है. किसी भी जगह एंट्री का अधिकार तो उसे अंग्रेजों के जमाने से मिला हुआ है - अब तो वो एक से एक नायाब एग्जिट प्लान भी तैयार कर लेती है.

kanhaiya_helmet-ht_6_030216054341.jpg
गफलत में पडने की जरूरत नहीं, ये कन्हैया कुमार ही हैं जिन्हें दिल्ली पुलिस अपने जैसा दिखाना चाहती है [फोटो साभार: हिंदुस्तान टाइम्स]

बात 17 फरवरी की है - जब देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पेशी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया था. कन्हैया अभी कोर्ट रूम में दाखिल हो पाते की कुछ काले-कोटधारी स्वयंभू देशभक्तों की जमात ने अचानक धावा बोल दिया.

बाद में उन्होंने आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में इकबाले जुर्म भी किया. खुफिया कैमरे पर उन्होंने दावा किया कि कन्हैया को इतना मारा, इतना मारा, इतना मारा कि उनकी पैंट गीली हो गई.

अब बस्सी जैसा कमिश्नर हो और देशभक्ति से इस कदर लैस वकील तो दिल्ली पुलिस को एक्स्ट्रा एफर्ट तो लेने ही थे. आखिर कन्हैया के साथ पुलिसवाले भी तो पिट ही रहे थे.

फिर क्या था - फटाफट 50 दंगा-प्रूफ-किट मंगाई गई - और पुलिसवालों ने कन्हैया को भी पहनाया और खुद भी पहन लिया. शिकार पर फिर से टूट पड़ने के फिराक में बैठे वकीलों को पुलिस ने ऐसा चकमा दिया कि वे इंतजार करते ही रह गये. दिल्ली पुलिस कन्हैया को लेकर कम रफू चक्कर हो गई किसी को भनक तक न लगी. सच में इसे कहते हैं फूल प्रूफ प्लान.

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट और कन्हैया की इस तस्वीर को लोग सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं.

फेसबुक पर प्रेम प्रकाश गुप्ता ने ऐसी ही एक पोस्ट पर कमेंट किया है, "दिल्ली पुलिस को जेड+ सिक्योरिटी चाहिए."

अब जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने कन्हैया कुमार की जमानत मंजूर कर ली है, उनके साथी सिक्योरिटी की मांग कर रहे हैं. साथियों का कहना है कि जिस तरह से कन्हैया पर कोर्ट परिसर में हमला हुआ उससे तो यही लगता है कि खतरा बना हुआ है. उनका कहना है कि जब तक कन्हैया को जेड प्लस या कम से कम जेड कैटेगरी की सुरक्षा नहीं मिल जाती वे उन्हें ले नहीं जाएंगे.

मानना पड़ेगा भीमसेन बस्से के इंवेस्टिगेटिव दिमाग को. दाद देनी होगी उनके नायाब स्टैंड की. तारीफ करनी होगी उनकी बीरबली तरकीबों की. वाकई बस्सी ने तो शोले में असरानी के किरदार को भी पीछे छोड़ दिया है. वाकई बस्सी जैसा कोई नहीं!

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय