Exit poll नतीजों के तुरंत बाद विपक्ष की 'EVM हैक': हार से बचने का पैटर्न समझिए
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने से पहले ही EVM Hacking को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल किए गए हैं जो इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं. Exit poll में विपक्ष की हार के बाद ऐसे ही आरोपों की उम्मीद लगाई जा रही थी.
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LokSabha Election 2019 के नतीजे 23 मई को आएंगे और नतीजे आने से पहले ही चुनावी चर्चा का विषय EVM बन गई है. और ये सब तब हुआ, जब exit poll 2019 ने मोदी को भारी बहुमत से जीतता हुआ दिखाया गया है. अभी से ही EVM हैकिंग की खबरें आने लगी हैं और विपक्षी पार्टियों ने पूरा माहौल बना लिया है कि ईवीएम की सत्यता पर विश्वास नहीं करना है. सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा लिया गया ताकि VVPAT और EVM के आंकड़ों को 100% मिलवाया जा सके, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी मांग को खारिज कर दिया. वीवीपैट के 100 फीसदी काउंटिग की मांग को लेकर चेन्नई के कुछ टेक्नोक्रेट सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ टेक फ़ॉर आल ने याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा लोगों को उनकी सरकार चुनने दीजिए.
इसी बीच विपक्ष के नेता चुनाव आयोग और पुलिस कर्मियों से भिड़े हुए हैं. गाज़ीपुर की एक घटना सामने है जहां महागठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और साथ ही सुरक्षा कर्मियों से बहस की. उनके हिसाब से उन्हें तो EVM की सत्यता और सुरक्षा कर्मियों के काम पर भरोसा ही नहीं है.
WOAH! WATCH MGB candidate from Gazipur confronting POLICE on EVM safety.He alleges that a truck full of EVMs was spotted. He is now sitting on dharna outside the counting centre. His demand is that instead of CISF, BSF must protect EVMs. Watch this space for more. pic.twitter.com/kpYLbyPc73
— SaahilMurli Menghani (@saahilmenghani) May 20, 2019
कांग्रेस भी EVM को लेकर शुरू हो चुकी है. प्रियंका गांधी ने बयान दिया है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर डटे रहिए. हमारी मेहनत का फल जरूर मिलेगा. चौकन्ने रहिए. (याद रहे, मध्यप्रदेश चुनाव नतीजे आने से पहले भी कांग्रेस ने भोपाल में EVM को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन फिर इंडिया टुडे चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में कांग्रेस नेता ही कहते सुने गए कि evm के दुष्प्रचार के बारे में उन्हें पार्टी से निर्देश मिले थे. ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी.)
चंदौली में चुनाव के कई दिन बाद ट्रक से काउंटिंग सेंटर पहुंच रही EVM-
उत्तर प्रदेश के चंदौली की कथित तौर पर एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि EVM ट्रक से उतरकर काउंटिंग सेंटर भेजी जा रही है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ये वीडियो क्लिप बनाई और उसमें सवाल-जवाब करते भी सुनाई दे रहे हैं.
चुनाव आयोग ने गाजीपुर के अलावा चंदौली, डुमरियागंज और झांसी की घटनाओं पर भी बयान जारी किया है.
EVM को लेकर चुनाव आयोग का बयान भी जारी हो गया है.
पदाधिकारियों का कहना है कि ये मशीनें जो वीडियो में दिखाई गई हैं वो 35 रिजर्व EVM यूनिट हैं जो चंदौली असेम्बली सेग्मेंट भेजी जा रही थीं. अधिकारियों का कहना है कि ये वोटिंग मशीने बाकियों से देर से स्टोरेज रूम इसलिए पहुंची क्योंकि कुछ समस्याएं आ गई थीं. हालांकि, इस घटना ने खलबली जरूर मचा दी है.
यही नहीं राष्ट्रीय जनता दल द्वारा भी EVM को लेकर ट्वीट कर दी गई है. यहां EVM को ट्रक में दिखाया गया है. महाराजगंज और सारन लोकसभा क्षेत्रों की तस्वीरें बताकर ये तस्वीरें वायरल की जा रही हैं. बाकी इसके बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं दी गई है, लेकिन हां इसमें भी भाजपा पर आरोप जरूर लगा दिया गया है.
EVM को लेकर इस तरह की भूमिका लगभग हर विपक्षी दल बनाने लगा है.
Exit Poll 2019 के नतीजे आते ही इस तरह की बातें शुरू हो गई थीं. एग्जिट पोल के नतीजों में सभी एनडीए और केंद्र सरकार में भाजपा और दोबारा मोदी के प्रधानमंत्री बनने की बात कर रहे हैं.
1 दिन पहले राशिद अल्वी ने भी भाजपा पर लगाया था बचकाना आरोप-
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने 20 मई ने तो ईवीएम को कोसते हुए हद ही पार कर दी. उन्होंने कहा कि 'बीजेपी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव जानबूझकर हारी है, ताकि किसी को EVM पर शक न हो. 3 राज्यों में बीजेपी की हार एक साजिश थी.' राशिद इतने पर ही नहीं रुके. वे कहते गए कि अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं, तो इसका मतलब ईवीएम में धांधली हुई है. इसी के साथ राशिद अल्वी ने एग्जिट पोल करने वाली कंपनियों पर भी सवाल खड़ा किया है.
बहरहाल ट्विटर पर #EVMScandal और #EVMHacking जैसे ट्रेंड्स चल रहे हैं और इसी के साथ, विपक्ष के नेता और उनके समर्थ EVM पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
सबसे बड़ी बात ये है कि जहां पहले चुनाव नतीजे आने के बाद EVM की समस्या और ईवीएम हैकिंग की बातें सामने आती थीं वहीं अब चुनाव नतीजे घोषित होने से पहले ही ये हो गया है. ट्विटर भी इन मामलों में विभाजित ही दिख रहा है. एक तरफ तो लोग आरोप लगा रहे हैं कि ये विपक्ष का सिर्फ ढोंग है जो अपनी लाज बचाने के लिए नतीजों से पहले ही EVM Hacking जैसे आरोप लगा रहा है और दूसरी ओर विपक्षी समर्थकों का कहना है कि EVM की पूरी जांच होनी चाहिए और लगातार आ रही EVM में धांधली की खबरों को दरकिनार नहीं करना चाहिए.
What work OPPOSITION has done in this country that they DESERVE votes? Food,education,houses,healthcare,gas,electricity,water,sewerage,toilets,skills training for technical skill in hand for better prospects & overderaft over Jan Dhan accounts for small businesses is #EVMScandal
— NOORANI SURYA (@AGNEEPATHVIJAY) May 21, 2019
विपक्ष पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर उन्होंने किया ही क्या है जो उन्हें वोट मिले हों, ये तो बस ईवीएम का बहाना लेकर अपनी हर छुपाने की तरकीब है.
There is a deluge of video evidence that our votes have been looted.@ECISVEEP is the Dhritarashtra mode. Fine.But what the hell is Opposition doing?#EVMScandal
— Ashish Ranjan (@arpatna) May 21, 2019
वहीं कुछ लोग वीडियो और जगर-जगह से आने वाली घटनाओं को सच मान रहे हैं और फिर भी EVM की जांच की बात हो रही है.
So finally #EVMHacking is the only weapon @BJP4India is having to return back! Because people have clearly rejected them.@INCIndia should take this seriously else no point in people backing you!!#EVMScandal https://t.co/47UAqPg10K
— Joseph Pravin (@JosephPravin18) May 21, 2019
कई वीडियो सोशल मीडिया पर इस तरह से शेयर किए जा रहे हैं. इसमें ज्यादातर वे लोग हैं जो विपक्षी पार्टी से जुड़े हैं. और EVM Scandal को सच मान रहे हैं.
ये सभी वीडियो और सवाल विपक्षी पार्टियों और चुनाव आयोग की EVM को लेकर की जाने वाली मीटिंग से पहले सामने आए हैं. 21 विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग ये EVM को लेकर सवाल-जवाब करने के लिए मिलने वाली थीं. ये मानकर चलिए कि चुनाव नतीजे तक EVM पर बहस बनी रहेगी. इस बात पर नजर रखनी होगी कि लोकसभा चुनाव में हारने वाले और EVM पर सवाल खड़ा करने वालों में क्या संबंध है.
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